राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका
राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका नेल्सन मंडेला की एक ख़ूबसूरत कहावत है कि, “आज के युवा कल के नेता हैं” जो हर एक पहलू में सही लागू होता है। युवा राष्ट्र के किसी भी विकास की नींव रखता है। युवा एक व्यक्ति के जीवन में वह मंच है, जो सीखने की कई क्षमताओं और प्रदर्शन के साथ भरा हुआ है। जिस तरह से इंजन को चालू करने के लिए इंधन जिम्मेदार होता है; ठीक उसी तरह युवा राष्ट्र के लिए है। यह राष्ट्र की प्रेरक शक्ति के रूप में कार्य करता है। राष्ट्र का सर्वांगीण विकास और भविष्य, वहां रहने वाले लोगों की शक्ति और क्षमता पर निर्भर करता है और इसमें प्रमुख योगदान उस राष्ट्र के युवाओं का है। वर्तमान युग में युवा राष्ट्र की एक शक्तिशाली संपत्ति है जिसमें प्रचुर मात्रा में ऊर्जा और उत्साह है जो समग्र उन्नति के लिए आवश्यक माना जाता है। युवावस्था विकास की एक महत्वपूर्ण उम्र है, अनिश्चितता की अवधि जब सब कुछ उथल-पुथल में होता है। युवा कल की आशा हैं। वे देश के सबसे ऊर्जावान वर्गों में से एक हैं और इसलिए उनसे बहुत उम्मीदें हैं। सही मानसिकता और क्षमता से युवा देश के विकास में योगदान दे सकते हैं और उस