कविता - समय बहाकर ले जायेगा
समय बहाकर ले जायेगा (कविता) समय बहाकर ले जाता है, सबका एक दिन नाम निशान। व्यर्थ का, क्यों ही अहम पालते, वहम को त्यागे हे, श्रीमान।। बाद आप के, कर्म मुबारक, मरण जीव का चीर विश्राम। कर्म तुम्हारे, यदि शुभ होंगे, शुभ व लाभ, होगा अविराम।। शून्य, शिफर से यहां विभूषित, सब चीजें व साज सामान। पर उपकार में जीवन गुजरे, ऐसा उपक्रम करो, उर मान।। कोई ठग ले तुमको यारों, पर ठगने का, न रखे,जुबान। पापाचर ठगी चोरी से, सद जीवन का, है नुकसान ।। थोड़ी उम्र वही है पाता , कृत्य पाप , करता अभिमान। त्यागी जीवन जीना सीखें, सुख का है,अविरल पैगाम।। ऊंचे पद कुल, काम न आते, सद कर्मों का, लें संज्ञान। सद विचार, सद व्यवहारों से, संभव हैअतुलित बल ज्ञान।। यह जीवन बस थोड़ा ही है, ईश प्रदत्त, इसे बस जान । निर्मल रखें, सदा तन मन को, पर निंदा है, पाप की खान।। वाणी बोले हितकर प्रियकर, ठकुर सोहाती को रख ध्यान। पथ आलोकित रहे निरंतर, बन जीवन के पथिक महान।। कर्मों से मिलता जीवन में, सुख व दुख, मान अपमान। चंचल है, जीवन, छाया, मन, धन, प्रभुत्व, यौवन यह मान।। रचन