नई दुनिया बनायेंगी बेटियाँ : कवि विवेक अज्ञानी
नई दुनिया बनायेंगी बेटियाँ : कवि विवेक अज्ञानी एक दिन नई दुनिया बनायेंगी बेटियाँ अपने सारे वादे निभायेंगी बेटियाँ आसमाँ पर लिखेंगी नाम तेरा एक दिन एक दिन भव से पार करायेंगी बेटियाँ लगता है और भी सुंदर ये संसार बेटी से होते हैं सभी सपने तो साकार बेटी से। हमको नाज़ है अपने देश की हर बेटी पर मिलता है सबको माँ का सदा प्यार बेटी से। ऊचीँ छलाँग मारना सिखाती है बेटियाँ। मुश्किलों से लड़कर दिखाती हैं बेटियाँ। जग के सारे रिश्ते नाते बने हैं बेटी से काका नाना मामा बनाती हैं बेटियाँ। आप सभी को बेटी दिवस की अनंत हार्दिक शुभकामनाएँ तथा ढेर सारी बधाइयाँ। -कवि विवेक अज्ञानी गोंडा, उत्तर प्रदेश, भारत