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पिता

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पिता रात ना हो तो दिन का महत्व नहीं होता,  हार ना हो तो जीत का मजा नहीं होता, संघर्ष वाली जिंदगी में कोई स्वाद नहीं होता, पिता के बिना जीवन , जीवन नहीं होता l हर मोड़ पर उंगली थामे नजर आता है, कंधे पर जिम्मेदारियों का बोझ चुपचाप उठाता है, सहता है बच्चों के ताने फिर भी प्रेम लुटाता है, जीवन में पिता का प्रेम कभी समझ नहीं आता है l कोई लड़का लड़की में फर्क नहीं होता है, पिता के मन में प्यार का बंटवारा नहीं होता है, जहां भी जीवन जगमगाया है, वहां पिता भी मन्नतें मांगते नजर आया है l जिनके होने से मैं खुद को मुकम्मल मानती हूं, मैं खुदा से पहले अपने पिता को जानती हूं, पिता से बड़ा कोई उपहार नहीं होता, पिता के बिना घर परिवार नहीं होता l नींद अपनी भुलाकर सुलाया सबको, जीवन की हर खुशी से मिलाया हमको, दर्द कभी ना देना उनको, खुदा ने पिता बनाया जिनको l रचनाकार- प्रिया जैन,  कटक, उड़ीसा 

आपकी इजाजत से

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आपकी इजाजत से छोड़ देंगे उस दिन से पीछा तुम्हारा, जब पीछे से मुझे बुलाओगी... मेरी उन कविताओं को जब, तुम गा-गा कर मुझे सुनाओगी... भूल जाएंगे उन सब को, जो सोचे थे कई इरादे हम ... तोड़ देंगे उन कसमो को, और जो मिलकर किए थे वादे हम ... फिर बाद में तुम्हारे उस मोड़ के किनारे, इंतजार में तेरे ठहर जाएंगे कहीं..  फिर आकर वापस से जिंदगी में तुम्हारे, यादों के कहर बरसाएंगे नहीं... फिर भी लिखते रहेंगे ना हम, कभी याद में तुम्हारे... अपना लेंगे उन्हीं को जो मिलते थे बिछड़ने के बाद के सहारे ... फिर एक आखिरी मुलाकात की जब आस हम लगाएंगे, बिना इंतजार किए एक पल, हम पास तुम्हारे आएंगे ... बस आरजू बरकरार रखना, फिर मुलाकात की दोबारा ... वादा है तुमसे कि भूलेंगे नहीं, कसम से हम, कभी नाम यह तुम्हारा.. रचनाकार- विवेक राज श्रीवास्तव कुशीनगर 

देवी माँ

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देवी माँ  ये आंखों ने इशारे करना छोड़ दिया। मां तुम्हारी भक्ति से अपने को जोड़ लिया। दोस्ती कर ली मां तुम्हारे चेहरे से दोस्तो में अब वक्त बर्बाद नहीं करती। चाय की आदि थी पीज़ा मेरी जान थी लत लगी मंदिर की घर में चैन न पाई थी छोड़ सारी गली माँ की शरण पाई थी। आंखे जब खुली मेरी मां तुम्हारे द्वार आई थी। - प्रतिभा जैन टीकमगढ़, मध्य प्रदेश

शिवा एकेडमी सुकृत सोनभद्र के प्रधानाचार्य गौतम विश्वकर्मा

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शिवा एकेडमी सुकृत सोनभद्र के प्रधानाचार्य गौतम विश्वकर्मा  सोनभद्र :  गौतम विश्वकर्मा का जन्म उत्तर प्रदेश के जनपद सोनभद्र के कर्मा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम सभा सुकृत में एक साधारण किसान परिवार में 08 फरवरी सन् 1985 को हुआ है। इनके माता का नाम श्रीमती सुशीला देवी व पिता का नाम श्री बलिराम विश्वकर्मा है। इनकी पत्नी का नाम श्रीमती शान्ती देवी व दोनों पुत्रों के नाम गोरखनाथ व रविशंकर है।  इनकी  शिक्षा  एम ए (आचार्य), डीएलएड है। तथा कम्प्यूटर डिप्लोमा में DCA व CCC उत्तीर्ण की है।  रुची  - बच्चों को पढ़ाना व समाज की सेवा करना।  भोजन  - शुद्ध शाकाहारी  वर्तमान समय में कार्य-  दिनांक- 16 सितम्बर 2002 से शिक्षण कार्य प्रारंभ कर शिवा एकेडमी, सुकृत सोनभद्र उत्तर प्रदेश में  प्रधानाचार्य  के पद पर कार्य करना।  29 अगस्त 2018 को  सोनभद्र मानव सेवा आश्रम ट्रस्ट  की स्थापना कर समाज की सेवा करना।  हिन्दुस्तान जनता न्यूज़  नामक वेब मीडिया/ न्यूज़ एजेंसी के  प्रधान संपादक  के रुप में कार्य भार संभालना।  संपर्क सूत्र-  9934694130

हिन्दुस्तान जनता न्यूज़ के प्रधान संपादक गौतम विश्वकर्मा

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हिन्दुस्तान जनता न्यूज़ के प्रधान संपादक गौतम विश्वकर्मा  सोनभद्र :  गौतम विश्वकर्मा का जन्म उत्तर प्रदेश के जनपद सोनभद्र के कर्मा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम सभा सुकृत में एक साधारण किसान परिवार में 08 फरवरी सन् 1985 को हुआ है। इनके माता का नाम श्रीमती सुशीला देवी व पिता का नाम श्री बलिराम विश्वकर्मा है। इनकी पत्नी का नाम श्रीमती शान्ती देवी व दोनों पुत्रों के नाम गोरखनाथ व रविशंकर है।  इनकी  शिक्षा  एम ए (आचार्य), डीएलएड है। तथा कम्प्यूटर डिप्लोमा में DCA व CCC उत्तीर्ण की है।  रुची  - बच्चों को पढ़ाना व समाज की सेवा करना।  भोजन  - शुद्ध शाकाहारी  वर्तमान समय में कार्य-  दिनांक- 16 सितम्बर 2002 से शिक्षण कार्य प्रारंभ कर शिवा एकेडमी, सुकृत सोनभद्र उत्तर प्रदेश में  प्रधानाचार्य  के पद पर कार्य करना।  29 अगस्त 2018 को  सोनभद्र मानव सेवा आश्रम ट्रस्ट  की स्थापना कर समाज की सेवा करना।  हिन्दुस्तान जनता न्यूज़  नामक वेब मीडिया/ न्यूज़ एजेंसी के  प्रधान संपादक  के रुप में कार्य भार संभालना।  संपर्क सूत्र-  9934694130

गौतम विश्वकर्मा का जीवन परिचय

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गौतम विश्वकर्मा का जीवन परिचय  गौतम विश्वकर्मा का जन्म उत्तर प्रदेश के जनपद सोनभद्र के कर्मा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम सभा सुकृत में एक साधारण किसान परिवार में 08 फरवरी सन् 1985 को हुआ है। इनके माता का नाम श्रीमती सुशीला देवी व पिता का नाम श्री बलिराम विश्वकर्मा है। इनकी पत्नी का नाम श्रीमती शान्ती देवी व दोनों पुत्रों के नाम गोरखनाथ व रविशंकर है।  इनकी शिक्षा एम ए (आचार्य), डीएलएड है। तथा कम्प्यूटर डिप्लोमा में DCA व CCC उत्तीर्ण की है।  रुची - बच्चों को पढ़ाना व समाज की सेवा करना।  भोजन - शुद्ध शाकाहारी  वर्तमान समय में कार्य-  दिनांक- 16 सितम्बर 2002 से शिक्षण कार्य प्रारंभ कर शिवा एकेडमी, सुकृत सोनभद्र उत्तर प्रदेश में प्रधानाचार्य के पद पर कार्य करना।  29 अगस्त 2018 को सोनभद्र मानव सेवा आश्रम ट्रस्ट की स्थापना कर समाज की सेवा करना।  हिन्दुस्तान जनता न्यूज़ नामक वेब मीडिया/ न्यूज़ एजेंसी के प्रधान संपादक के रुप में कार्य भार संभालना।  संपर्क सूत्र- 9934694130

कमियां

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कमियां  छोटी छोटी कमियां, अब पहाड़ बन गई। खूबियां कभी गिनी न गई, कमियां सारी झाड़ बन गई। गिरे थे एक की नजर में, आज जमाने ने गिरा दिया। परायों को माना था अपना, आज अपनों ने ही हरा दिया। किससे क्या शिकायत करू? आवाज़ हमारी छीन ले गए? बोली न थी कभी, आज बोलती ही बंद करा गए? जीने का सहारा जिसे मानती थी, आज वो दोस्ती ही खत्म करा गए? विश्वास की मजबूत डोर को, आज वो डोर ही चुरा ले गये। ख्वाहिशों का मेला था दिल में पल पल टूटते नजर आए। जीने की वजह हर पल अपने ही बिखराने आए। रचनाकार- प्रतिभा जैन टीकमगढ़, मध्य प्रदेश

ग्राम पंचायत खोराडीह में मच्छर जनित रोगों के उन्मूलन हेतु चलाया गया अभियान

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ग्राम पंचायत खोराडीह में मच्छर जनित रोगों के उन्मूलन हेतु चलाया गया अभियान राजगढ़- मिर्जापुर : (संंवाददाता सतीश कुमार मिश्रा की रिपोर्ट) आज दिनांक 6 सितंबर 2022 को जनपद मिर्ज़ापुर के राजगढ़ ग्राम पंचायत खोराडीह में मच्छरों से  होने वाले जैसे  फाइलेरिया, डेंगू  तथा अन्य रोग से बचाव के लिए ग्राम पंचायत भवन पर और कम्पोजिट विद्यालय में  मलेरिया इंस्पेक्टर सुनील कुमार दुबे और जिला समन्वय अधिकारी,  सत्य प्रकाश जी और उनकी टीम शैलेंद्र सिंह,  अमित मिश्रा फैमिली हेल्थ इंडिया के तरफ से जागरूक किया गया एवं बताया गया कि फाइलेरिया एक खतरनाक बीमारी है।   अगर किसी व्यक्ति को ग्राम पंचायत में हो तो उसे समय-समय पर जांच करवा कर दवा लेना चाहिए। मौके पर ग्राम प्रधान महेश प्रसाद, कम्पोजिट विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रेमवीर सिंह तथा ग्रामीण मनोज कुमार मिश्रा,  पवन कुमार जायसवाल, नंदू मिश्रा एवं आशा बहनें भी उपस्थित रहीं। समाचार व विज्ञापन के लिए संपर्क करें।  Mo .9935694130

शिक्षक

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शिक्षक शिष्य का मार्गदर्शक। उसकी चेतना का विस्तारक।। कच्ची मिट्टी की तरह शिष्यों को देता स्वरूप। सच्चा ज्ञान देकर उनका बदलता स्वरूप।। दंभ, घमंड, अहंकार के बादल को हटाते। सच्चाई, ईमानदारी,सदव्यवहार का पाठ पढ़ाते।। शिक्षा रुपी दीप दे जीवन में प्रकाश भरते। अपने शिष्यों को हमेशा मार्गदर्शन करते।। शिष्यों के रुप डॉक्टर,इंजीनियर वकील। सिपाही, शिक्षक,कर्मचारी,सज्जन।। बड़े - बड़े प्रशासनिक पदाधिकारी नेता। घमंडी और चोर उनके गढ़े हुए बर्तन।। पाठ पढ़ाते उत्तम चरित्र ईमान। शिष्य सदाचारी बनें तो होता उनका सम्मान।। गढ़ सके तो शिष्यों में उत्तम सदव्यवहार का करें संचार। आने वाले समय में आपको याद करे संसार।। रचनाकार -प्रेम शंकर शर्मा कैमूर, बिहार

गुरु की महिमा

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गुरु दाता ज्ञान के इनका करो सम्मान। इनके समान न दूजा कोई इस जहान।। प्रेम करो गुरुदेव से चरणों की अरदास। चरणों में ही पड़ा हुआ है भक्ति मुक्ति का द्वार।। गुरु के अनेकों रुप देखो इनका स्वरूप। प्रथम गुरु मात-पिता दाता शब्द ज्ञान के।। दूजा गुरु शिक्षाविद् दीजो ज्ञान विज्ञान अनुप। तृतीय गुरु आध्यात्मिक धर्म सत्कर्म भक्ति का दिये उपदेश।। गुरु की महिमा तीनों लोक में न्यारी। ज्ञान दिये शिष्य को आपकी बलिहारी। गुरु पर मेरा तन मन न्योछावर। आप से बड़ा न कोई ईश्वर।। कृपा करें गुरुदेव चरणों में दें स्थान। युगों - युगों तक करता रहूॅं , आप ही का गुणगान।। रचनाकार - प्रेम शंकर शर्मा  कैमूर, बिहार