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जून, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

शरीर

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शरीर शरीर  प्रभु  की  सुंदर  देन ,  सत्कर्मों  का प्रबल आधार ।  सदा   स्वस्थ   रखें   इसको ,  यथोचित रखें अपना आहार।  स्वस्थ शरीर  में  स्वस्थ  मन ,  करता सदा सुखमय निवास।  समृद्ध और आनंदित रखता ,  हमारा निरंतर होता विकास ।  सुंदर  काया चंचल  मन  पर ,  करना  नहीं कभी अभिमान ।  मिट्टी  का  तन   मिट्टी  बनेगा ,  कर  लो  इससे  कार्य  महान ।  काया   ही  माया  का  सदन,  ममता  का    सुंदर    निवास।  आदर्श   इसे    ऐसा  बनाओ ,  हर  अनीति  का  हो विनाश ।  गर्व     कभी    करना   नहीं  ,  काया    जर्जर    हो  जाएगी ।  आत्मा   नया  तन  पा  लेगी  ,  दुनियाँ  इतिहास    सुनायेगी ।  इस   शरीर    के     रहते  ही ,  दुनिया  के  सब  रिश्ते  नाते ।  ईश्वर   अंश    के   जाते   ही ,  हम  क्या  से क्या  बन जाते ।  पानी  का  बुलबुला  यह  तन ,  कह    गए       दास    कबीर ।  मिट्टी     ही     बन    जाएगी  ,  आकर्षक  और  गोरी  शरीर  ।  जब   तक   प्रभु   रखें    इसे  ,  इसका   रखो    सदा   ध्यान  ।  तलवार    जब     रहे     नहीं  ,  क्या    करे    अकेले    म्यान  ।  रचनाकार- चंद्रकांत पांडेय  मुंबई /

प्रभाती

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प्रभाती चीं-चीं करती आती चिड़िया। भोरे हमें जगाती चिड़िया।।                      ‌मीठे गीत सुनाती चिड़िया। मचक-मचक शोर मचाती चिड़िया।। मन को खूब लुभाती चिड़िया।          रोज हमें जगाती चिड़िया।। प्यारी-प्यारी भोली-भाली।       रंग-विरंगें पंखों वाली।। तिनका-तिनका चुन चुनकर।              बनाती घरौंदा बुन बुनकर।।  डाल-डाल पर फुदक-फुदक कर।     दाना चुगती चहक-चहक कर।। अपने अंडो को वह है सेती।              अपना जीवन उसे है देती।।  जीवों का कलरव जो,  दिनभर सुनने में मेरे आवे। प्रभु का ही गुणगान जान,  मन प्रमुदित हो अति सुख पावे।। रचनाकार - डॉ गौरीशंकर उपाध्याय गिरिडीह (झारखण्ड )                      ‌                         

खिलाफत

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खिलाफत  ए ताज ए शान ख़िलाफत के बगैर खाली है, तुम्हारे रब से अभी कुछ मेरा हिसाब बाकी है।। जश्ने बहार ख़िलाफत से ही तो आती है, बिना ख़िलाफत के मानों जिंदगी ही खाली है।। नाज़ करते हैं तुम्हारी ख़िलाफत से ही हम हैं, आज ये मुकाम ये मंजिल तुम्हारी ख़िलाफत से है।। ख़िलाफ़ कितने थे मुझे इसका कोई गम भी नहीं है, बस वफ़ादारी से जो खिलाफत की जंग जारी है ।। इस बेनूर को नूर बनाने में ख़िलाफत की भागीदारी है, रजामंदी में भी ख़िलाफत का दौर जारी है ।। वादियों में भी ख़िलाफत की पहरेदारी है, तुम्हारे रब से अभी कुछ मेरा हिसाब बाकी है।। रचनाकार - आशीष मिश्र उर्वर कादीपुर, सुल्तानपुर

पुस्तक समीक्षा- मीडिया और मुद्दे : एक व्यापक दृष्टिकोण

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पुस्तक समीक्षा-  मीडिया और मुद्दे : एक व्यापक दृष्टिकोण       हमारे जीवन में मीडिया का व्यापक प्रभाव है। सोशल मीडिया और तकनीकी युग में इसका प्रभाव नित बढ़ ही रहा है।        युवा शिक्षक लेखक नीरज कुमार वर्मा 'नीरप्रिय' ने अपने अनुभवों, अध्ययन की जिज्ञासा और समाज के प्रति अपने दायित्व बोध के चलते मीडिया के विविध पक्षों को जन मानस के सामने लाने का साहसिक प्रयास किया है। एक युवा लेखक के नाते मैं उनके हौसले की तारीफ करता हूं। क्योंकि यह ऐसा विषय है जिसकी गहराई में झांक कर देखने और यथार्थ को सामने लाने के बारे में शायद कम ही लोग सोचते होंगे। अधिसंख्य केवल सोचकर ही रह जाते हैं।       संप्रति लेखन और पत्रकारिता में रुचि रखने वाले नीरप्रिय ने अपनी बात को सहजता और साफगोई से छोटे छोटे बिंदुओं को आधार बनाकर 47 भागों में रखने का प्रयास किया है।        माता पिता और बड़े भाई को समर्पित अपनी पुस्तक की भूमिका में वे लिखते हैं कि स्वतंत्रता संग्राम में जहां एक ओर देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ा, वहीं पर पत्रकारिता जगत में सेवा, सृजन और जागरूकता रुपी मूल्य स्थापित करके आने वाली पीढ़ी क

क्षेत्राधिकारी घोरावल की अध्यक्षता में पीस कमेटी की बैठक हुई संपन्न

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क्षेत्राधिकारी घोरावल की अध्यक्षता में पीस कमेटी की बैठक हुई संपन्न करमा - सोनभद्र : (मुहम्मद मुस्तकीम की रिपोर्ट) आगामी इद-उल- जुहा के त्योहार व सावन कावर यात्रा को लेकर आज करमा थाना परिसर मे सांय लगभग 5:00 बजे  क्षेत्राधिकारी घोरावल अमित कुमार सिंह की अध्यक्षता मे पीस कमेटी की बैठक की गयी।बैठक मे थाना क्षेत्र के बारी महेवा, पगियां, पापी, भदोही, डिलाही, बहेरा सरगा आदि से आये ग्राम प्रधान, सदर व गणमान्य लोगों से क्षेत्राधिकारी घोरावल अमित कुमार सिंह ने त्योहार से सम्बंधित समस्या की जानकारी लेते हुये आपसी सौहार्द से त्योहार मनाने का अपील किया।  साथ ही कुर्बानी में बचे अवशेष का समुचित निस्तारण हेतु निर्देशित किया गया तथा त्यौहार में खलल डालने वाले शरारती व असामाजिक तत्वों पर पुलिस अपनी पैनी निगाह बनाए रखेंगी, मस्जिद व ईदगाह पर शांतिपूर्ण नमाज अदा कराने के लिए पुलिस मौजूद रहेगी किसी भी तरह का कोई अप्रिय घटना ना घटे इसके लिए कमेटी के सदर भी अपने वालीइंटरों को मुस्तैद रखेंगे साथ ही साथ हमारे सेल फोन पर तत्काल संपर्क करेंगे।  इस मौके पर एस एस आई विमलेश सिंह, एस आई आशी

दु:खद : आकाशीय बिजली गिरने से 13 वर्षीय बालक की मौत

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दु:खद : आकाशीय बिजली गिरने से 13 वर्षीय बालक की मौत सोनभद्र : (जिला क्राइम ब्यूरो मुहम्मद मुस्तकीम की रिपोर्ट) रॉबर्ट्सगंज कोतवाली के ग्राम भटौलिया में बीते दिन शुक्रवार को सायं को हो रही तेज गरज कड़क के साथ बारिश में गिरी आकाशी बिजली से एक बालक की मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पीएम की कार्रवाई के लिए मर्चरी जिला अस्पताल भेज दिया । प्राप्त जानकारी के अनुसार कोतवाली रावर्ट्सगंज अंतर्गत ग्राम भटौलिया गांव निवासी विकास यादव उम्र लगभग 13 वर्ष पुत्र राजेश यादव जो गांव  के ही जूनियर हाई स्कूल के कक्षा 7 का छात्र था। बीते शुक्रवार को अपनी भैंस को चराने गया था उसी समय सायं काल के समय अचानक तेज गरज तड़क के साथ बारिश होने लगी और तड़क के साथ गिरी आकाशी बिजली की चपेट में विकास आ गया और  घटनास्थल पर ही मौत हो गई। साथ में गांव के  और भी लोग कुछ दूरी पर पशु चरा  रहे थे। यह हादसा देख  मौके पर पहुंचकर शोरगुल करने लगे। शोरगुल सुनकर परिवार व  गांव के लोग भी पहुंच गए। वहीं उक्त घटना से परिजनों में कोहराम मच गया । ग्राम प्रधान महेंद्र सिंह चौहान ने तत्काल चौकी प्रभारी

दर्द ए मोहब्बत

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दर्द ए मोहब्बत  लोग कहते हैं मोहब्बत जिंदगी देती है,  पर हम तो कब के मर चुके हैं॥ जिस दिल में तेरा नाम बसा था,  मैंने वो दिल तोड़ दिया। ना होने दिया बदनाम तुझे,  तेरा नाम ही लेना छोड़ दिया॥ जा भुला दिया है तुझे तू मेरा जिक्र ना कर,  मेरे खैरियत की अब तू फिक्र ना कर॥ छोड़ दे तन्हा मुझे मेरे हाल पर,  तू दर्द देकर हमदर्द बनने की कोशिश ना कर॥ लेखक- पं० आशीष मिश्र उर्वर कादीपुर, सुल्तानपुर

काशी काव्य गंगा साहित्यिक मंच की पाक्षिक गोष्ठी संपन्न

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काशी काव्य गंगा साहित्यिक मंच की पाक्षिक गोष्ठी संपन्न  वाराणसी :  आज दिनांक 18.06.23 दिन रविवार को काशी काव्य गंगा साहित्यिक मंच वाराणसी की पाक्षिक गोष्ठी के क्रम में 87 वीं गोष्ठी संस्था के कार्यालय श्रीवास्तव म्यूचुअल फंड यादव कटरा सनबीम स्कूल लहरतारा तिराहे के पास चंदुआ छित्तूपुर में आयोजित की गई । इस गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि श्री शैलेन्द्र कुमार अमबष्ट जी ने की। मुख्य अतिथि वरिष्ठ गजलकार जनाब वहीद इकबाल लोहतवी जी रहे। संचालन श्री जयप्रकाश मिश्र धानापुरी जी ने किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में संस्था के अध्यक्ष श्री भुलक्कड़ बनारसी ने सभी उपस्थित कवियों व शायरों का स्वागत एवं अभिनन्दन किया।       उपस्थित कवियों और शायरों में, श्री गिरीश पाण्डेय जी , हास्य व्यंग्य कवि भुलक्कड़ बनारसी जी, मुनीन्द्र कुमार पाण्डेय मुन्ना, श्री शैलेंद्र कुमार अमबष्ट जी, श्री राजनारायण पाण्डेय, श्री टीकाराम शर्मा "आचार्य" श्री गणेश सिंह प्रहरी, शायर नाशाद बनारसी, श्री जयप्रकाश मिश्र धानापुरी, श्री जितेंद्र श्रीवास्तव "टोपी", श्री वहीद एकबाल लोहतवी, शायर श्री तनवीर लोहतव

पिता जी

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पिता जी  पिता समान कोइ नहीं, पिता ही सब संसार। पिता सूर्य परिवार के,  करे दूर अंधकार।१। चरणों में भागीरथी,  चरणों में सब धाम।   सातों अम्बर में नहीं,  पिता जैसा निष्काम।२। खिलता बचपन बाँह में,  नैनों में विश्वास ।  दिल में दरिया प्रेम का, हो पल-पल आभास।३। दिव्य भव्य उपहार है,  ईश्वर का वरदान। धरती के भगवान ये,  हर दिल का अभिमान।४। पिता ही स्वाभिमान है,  पिता ही अभिमान। पिता ही जीवन सार हैं, पिता ही हैं सम्मान।५। पिता बिना कुछ भी नहीं,  नहीं सुख का भान।  पिता बिना जीवन जहर,  बंजर मरू समान।६।  - सुखमिला अग्रवाल भूमिजा   जयपुर, राजस्थान

काया जब होवे निरोगी

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काया जब होवे निरोगी जीवन में उत्साह रहेगा, कर्म पुण्य मय जब उपयोगी। तन भी साथ तभी तो देगा, काया जब होवे निरोगी।। स्थिर पानी सड़ जाता है, पड़ा लौह तो जंग खाता है। मानस की निष्क्रियता से, बुद्धि शक्ति भी घट जाता है।। कर्म तुम्हारे जब पवित्र हो, प्रकृति बने सहयोगी.... तन भी ऊर्जस्वित मन बने सदा तो खिलता बचपन मधुमय यौवन। जड़ता से जड़त्व पनपता, बुरे विचार से तिमिरच्छन मन।। शुद्ध आचरण करना सीखो, प्रण करें, जैसे हठ योगी....तन  मन को दृढ़ करके सतपथ पर, बढ़ें चलो जैसे यह दिनकर। पथ आलोकित तभी बनेगा, बुद्धि विवेक मन हो सहचर।। पाखंडी मत बनना प्यारे, जस समाज में ढोंगी....तन भी समय चक्र यह चलता प्रतिपल, परिवर्तन तो होता हर छन। भ्रष्ट आचरण, पापाचर से, बद्ध दिखे समाज यह कतिपय।। सर्वानंद तभी फैलेगा, मन बुद्धि पवित्र जब होगी....तन भी किसको दोष दिए जाते हो, अपने खुद न संभल पाते हो।। अपने खातिर सुख सुविधाएं, संग्रह बस किए जाते हो।। पर उपकार की कीमत समझो, बनो न इतना भोगी....तन भी साथ तभी तो देगा, काया जब होवे निरोगी।।          रचनाकार : डॉक्टर डी आर विश्वकर्मा                          सुंदरपुर

13 जून को राज्य स्तरीय शिकसा महोत्सव का भव्य आयोजन

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13 जून को राज्य स्तरीय शिकसा महोत्सव का भव्य आयोजन    (चन्द्रदेव राय मुख्य-अतिथि व महंत रामसुंदर दास अध्यक्षता करेंगे) दुर्ग (छत्तीसगढ़) :             शिक्षक कला व साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ के तत्वावधान में राज्य स्तरीय वार्षिक स्नेह सम्मेलन व सम्मान समारोह का आयोजन शिकसा महोत्सव 2023 के रूप में 13 जून 2023 को एस.डी. पैलेस जांजगीर में संस्थापक व संयोजक डाॅ.शिवनारायण देवांगन "आस" के संयोजन में  आयोजित किया गया है।                             इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि चंद्रदेव राय संसदीय सचिव छ.ग. शासन,अध्यक्षता-राजेश्री महन्त रामसुंदर दास अध्यक्ष गौ सेवा आयोग छ.ग शासन,अति विशिष्ट अतिथि- रामकुमार पटेल अध्यक्ष राज्य शाकंभरी बोर्ड छ.ग. शासन,विशिष्ट अतिथि- रत्नावली कौशल सदस्य अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण छ.ग.शासन, राजकुमार साहू सभापति जिला पंचायत जांजगीर, भगवान दास गढ़वाल अध्यक्ष नगर पालिका जांजगीर, रामविलास राठौर सभापति नगर पालिका परिषद जांजगीर, रवि पांडेय प्रदेश सचिव छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी, जागेश्वरी मेश्राम छत्तीसगढ़ी फिल्म अभिनेत्री भिलाई व  महन्त कुमार शर्मा &quo

शिकसा प्रेरणा गीत का ऑडियो हुआ लांच

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शिकसा प्रेरणा गीत का ऑडियो हुआ  लांच  (शिकसा के उद्देश्य का बखान कर रहा है ये गीत) दुर्ग ( छत्तीसगढ़) :                    शिक्षक कला व साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ के तत्वावधान में निरंतर कार्यक्रम आयोजित कर रहे इसी कड़ी में संस्थापकं व संयोजक डाॅ. शिवनारायण देवांगन "आस" के संयोजन में  शिक्षक कला व साहित्य अकादमी (शिकसा) के उद्देश्य व गतिविधियों को समावेशित करता शिकसा छत्तीसगढ़ी प्रेरणा गीत *अपन हुनर ल झन तो दबा ना* का आडियो लांच किया गया ।            संयोजक डाॅ.शिवनारायण देवांगन "आस" ने बताया शिकसा के उद्देश्य को बखान करते इस गीत को चैतन्य साहू शिक्षक पुसेर कबीर धाम द्वारा रचित है इसे गायक व शिक्षक चैतन्य साहू व लोकगायिका कुसुम प्रजापति के मधुर स्वर में तैयार हुआ है ।          इस गीत "अपन हुनर ल झन तो  दबाना" प्रेरणा गीत को शिक्षक कला व साहित्य अकादमी के सभी पदाधिकारी व सदस्य को बहुत पसंद आया सभी गाने को गुनगुनाने से भी नही चुक रहे है।            संस्था के प्रातांध्यक्ष कौशलेन्द्र पटेल, महासचिव जितेन्द्र कुमार रत्नाकर, कोषाध्यक्ष बोधीराम साहू, सं

डॉ. जे एन भारती के जन्मोत्सव पर डॉ. कृष्ण कान्त मिश्र ने किया आविर्भावांजलि पत्रिका का विमोचन

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डॉ. जे एन भारती के जन्मोत्सव पर डॉ. कृष्ण कान्त मिश्र ने किया आविर्भावांजलि पत्रिका का विमोचन 06 जून दिन मंगलवार को नवोदय साहित्यिक मंच के मुख्य अधीक्षक श्रेष्ठ कवि, ग़ज़ल सम्राट, डॉ. जे.एन भारती बैरागी जी के जन्मदिन के शुभअवसर पर उन्हें मंच के द्वारा आविर्भावांजलि पत्रिका उपहार स्वरूप प्रदान किया गया। पत्रिका का संपादन मंच के कोषाध्यक्ष डॉ. राजीव रंजन मिश्र ने किया।            मंच के संस्थापक डॉ० ओउम् प्रकाश मिश्र मधुब्रत जी ने बताया कि मंच के हर एक पदाधिकारी के जन्मदिन पर उन्ही की 21 रचनाओं को संकलित करके उन्हें उपहार दिया जाता है। और इसी क्रम में बैरागी जी को पत्रिका भेंट की गई। आविर्भावांजलि पत्रिका अंक-9 का विमोचन नवोदय साहित्यिक मंच के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ० कृष्ण कान्त मिश्र ने ऑनलाइन माध्यम से किया। मिश्र जी ने बहुत ही शानदार तरीके से एक-एक पृष्ठ की रचना की समीक्षा करते हुए विमोचन के कार्य को सम्पन्न किया और कहा इस बार की पत्रिका बहुत ही सुंदर, सुसज्जित, मनोहारी, अलंकरणयुक्त बनी है। इस पत्रिका के संपादक महोदय राजीव रंजन जी की मेहनत साफ दिख रही है। एवं डॉ. जे.एन भारती ज

कृष्ण सा "किशू " है तू

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कृष्ण सा "किशू " है तू क्या कहूं कितना सुखद पल था, दर्द था पर मरहम सा था, मातृत्व के सुख से तुमने मुझे सजाया था.. मुख पर तेज, गोरा सा मुखड़ा, डिंपल से सजती मुस्कान तेरी प्यारी, दुनिया मुझे तो लग रही थी जन्नत से भी प्यारी... तुम्हारे नन्हे नन्हे हाथों का स्पर्श मुझे आनंदित कर रहा था, कृष्ण सा "किशू" मेरे प्यारी थपकियों से सो रहा था.. न मुझे दिन की सुध थी, न रात होने की खबर थी, हर पल हर वक्त तेरे गाल पर वो डिंपल वाली हंसी के लिए जान लुटाती थी.. ऋतु आए , ऋतु बदले, कितनी हरियाली आई, "मां" शब्द सुन तेरे मुख से, अंखियां खुशी से भर आई.. "शुभम" से अब तू "शुभ" कहलाया, मां, पिता के प्यार स्नेह को कोई कहां भूल पाया.. क्या हुआ जो कुछ मीलो की दूरी पर हम हैं, प्यार, स्नेह की डोर कहां कम है... जन्मदिन पर हवाओं संग भेज रही हूं शुभाशीष, कामयाबी के मंजिल को पाना, डिंपल वाली तेरी हंसी  बनी रहे हमेशा, देते हैं हमलोग यही आशीष.. 🖊️उमा पुपुन रांची, झारखंड