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विश्वकर्मा चैरिटेबल ट्रस्ट मुख्यालय सोनभद्र के अंतर्गत कार्यरत सामाजिक कल्याण क्रियान्वयन समिति Social welfare action society (SWAS) के तत्वावधान में संगोष्ठी का हुआ आयोजन

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विश्वकर्मा चैरिटेबल ट्रस्ट मुख्यालय सोनभद्र के अंतर्गत कार्यरत  सामाजिक कल्याण क्रियान्वयन समिति Social welfare action society (SWAS) के तत्वावधान में संगोष्ठी का हुआ आयोजन  वाराणसी :  विश्वकर्मा चैरिटेबल ट्रस्ट मुख्यालय सोनभद्र के अंतर्गत कार्यरत  सामाजिक कल्याण क्रियान्वयन समिति Social welfare action society (SWAS) के तत्वावधान में विश्वकर्मा प्रबुद्ध मंडल- संगोष्ठी  दिनांक 29 मार्च 2024 को दोपहर 12.00 बजे से अपराह्न 5.00 बजे तक, स्थान -धर्मेश्वर वाटिका (भरत जी का लान) चितईपुर वाराणसी में संपन्न हुई।  संगोष्ठी में विश्वकर्मा समाज की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण, कल्याण एवं क्रियान्वयन हेतु समस्याएं,सुझाव एवं मार्गदर्शन विषयक संगोष्ठी कार्यक्रम प्रोफेसर डॉक्टर बृंद कुमार शर्मा जी (सिविल डिपार्टमेंट आईआईटी बीएचयू वाराणसी) की अध्यक्षता एवं प्रोफेसर डॉक्टर प्रेमचंद पातंजलि जी( पूर्व कुलपति पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर ), डॉ राजेश कुमार पांचाल जी नई दिल्ली, श्री राजीव पांचाल जी  नई दिल्ली, श्री ब्रह्म प्रकाश जी नई दिल्ली, डॉ सुनील विश्वकर्मा जी विभागाध्

होली के रंग शिकसा के संग का हुआ आयोजन

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होली के रंग शिकसा के संग का हुआ आयोजन                         शिक्षक कला व साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ के तत्वावधान में  होली पर्व को शिकसा परिवार के साथ साझा करने के लिये होली के रंग शिकसा के संग कार्यक्रम का आयोजन संयोजक डॉ.शिवनारायण देवांगन"आस" के संयोजन विजय कुमार प्रधान कार्यक्रम प्रभारी के उपस्थिति एवं टीकाराम सारथी "हसमुख" प्राचार्य चुरतेली व सलाहकार के अध्यक्षता में हुआ।         कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना हेमा चन्द्रवंशी प्रधान पाठक खुर्सीपार भिलाई व राजगीत निशा गुप्ता चौधरी शिक्षक सोंठी सक्ती ने प्रस्तुत कर किया।         सर्वप्रथम संस्थापक व संयोजक डॉ.शिवनारायण देवांगन"आस" ने कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिकसा एक परिवार है परिवार के लोग मिल जुलकर त्योहार मनाते है इसी कारण हर पर्व को खुशियों के साथ मनाते है जिससे हमारी परम्परा बना रहे।         तदपश्चात महासचिव डाॅ.बोधीराम साहू, कोषाध्यक्ष महेत्तर लाल देवांगन,संगठन मंत्री राधेश्याम कंवर व कार्यक्रम प्रभारी विजय कुमार प्रधान ने अपने उदबोधन में शिकसा के निरंतर हो रहे कार्यक्र

बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी का गुरुवार देर रात निधन

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बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी का गुरुवार देर रात निधन नई दिल्ली : (ब्यूरो रिपोर्ट)  बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी का गुरुवार देर रात निधन हो गया। जेल में तबीयत बिगड़ने के बाद मुख्तार को दुर्गावती मेडिकल कॉलेज लाया गया था। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। मुख्तार अंसारी को आईसीयू में भर्ती कराया गया था। यहां इलाज के लिए नौ डॉक्टरों की टीम लगाई गई थी। हालांकि उनकी जान नहीं बच सकी। इससे पहले मंगलवार को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने कब्ज की परेशानी बताई थी। इलाज के बाद वापस जेल भेज दिया था।

"अनुरूप"

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"अनुरूप" नहीं रहा अनुरूप तुम्हारे, या फिर होगी कोई विवशता, देहरी मेरी छूट रही या, मैं देहरी से छूट चुका हूँ! कई बार मैंने भी लिख कर, स्नेह रखा उर तुम्हें बताया, तुमसे सौ सौ बार कहा, क्या? कुछ ना!कुछ ना! कुछ ना! भाया? दसों बार नालायक बन कर तुम्हें रिझाऊ, तुम्हें बुलाऊ, तुझे पता है, चादर मेरी! जितनी भी है, तुझे चढ़ाउ! मगर आज मन विकल सोचता, बार...बार..बस.. बार... बार..यह, नहीं रहा मनका मन लायक, या फिर..कोई बात बड़ी है? प्रश्न अनेकों आते रहते, मगर उन्हें समझाते रहते, नहीं कहा, कुछ नहीं लिखा पर, अब कब तक सकुचाते रहते! आज यहां मन बांध रहा हूँ, आत्मग्लानि से मन है भर भर, सोच रहा! डिय्योढ़ी तक आकर, लौट चलू मैं, तुम्हें जता कर, या फिर एक बार पूछू.. मैं! खुद से, खुद को, फिर निहार कर, नहीं रहा अनुरूप कभी या, आखों का वह नीर बह गया! आखों का वह नीर बह गया! ©®डॉ. सत्य प्रकाश  28.03.24  भोर की बात

श्रीमती पुष्पा जी को समर्पित (VIP.Sam.)

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श्रीमती पुष्पा जी को समर्पित (VIP.Sam.) " पुष्पों से पुष्पित व पल्लवित करते रहें, अपने मन को सदा प्रफुल्लित करते रहें। नाम है आपकी श्रीमती पुष्पा, चंद्रमा-जैसी आपमें हैं शीतलता। दिल में नहीं है किसी से कोई बैर, क़दम बढ़ाए और करें जनता की ओर सैर।  देखो! समाज की दयनीय स्थिति कितनी बिगड़ गई, लोगों में मानवता, नैतिकता व बुद्धिमत्ता क्षीण हो गई।  अपने अतीत को एक बार जानें, वैसी त्रुटियों को पुनः न दोहराएं। मणिपुर की घटना तो सुनी होगी, स्त्रियों की क्या हालत हुई होगी ? पुरूषों ने अपने पौरूष को खो दिया, स्त्रियों की स्त्रीत्व को कदापि न बचा सका। अपनी स्त्रीत्व को पहचाना सीखें, अपने अंदर खोई हुई स्त्री शक्ति को जगाएं। कभी मीराबाई व सहजोबाई रूप में आना, कभी सिद्धिदात्री तो कभी महागौरी बन जाना। नारी नारीशक्ति का प्रतीक है,  दया, क्षमा व करूणा इसके उदाहरण हैं।   भवदीय :- प्रकाश राय (युवा साहित्यकार)🖊️🖊️ समस्तीपुर, बिहार

इस अक्षय तृतीया देश में नहीं होने देंगे एक भी बाल विवाह

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इस अक्षय तृतीया देश में नहीं होने देंगे एक भी बाल विवाह - दिल्ली में जुटे गैरसरकारी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भरी हुंकार मदन मोहन  (चंदौली) :  अक्षय तृतीया और शादी ब्याह के मौसम को देखते हुए बाल विवाह मुक्त भारत अभियान से जुड़े विभिन्न गैरसरकारी संगठनों के सामुदायिक सामाजिक कार्यकर्ता राजधानी नई दिल्ली में जुटे और इस दौरान होने वाले बाल विवाहों को रोकने की रणनीति पर चर्चा की। सामुदायिक सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए इस क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन ‘वी फॉर हर फाउंडेशन’ और ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ के सहयोग से इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड ने किया। शादी ब्याह के मौसम को देखते हुए बाल विवाह को रोकने के लिए जमीनी स्तर पर गांव-देहात में काम कर रहे सामुदायिक सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए यह काफी महत्वपूर्ण समय है क्योंकि इस दौरान देश में हजारों की संख्या में बच्चों को बाल विवाह के नर्क में झोंक दिया जाता है। खास तौर से राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में अक्षय तृतीया का त्योहार बाल विवाह की दृष्टि से काफी संवेदनशील है। बाल विवाह मुक्त भारत अभियान देश भर के 161

सिद्धेश्वर महादेव सेवा संस्थान के अध्यक्ष ने बाल व्यास आराधना चतुर्वेदी को किया सम्मानित

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सिद्धेश्वर महादेव सेवा संस्थान के अध्यक्ष ने बाल व्यास आराधना चतुर्वेदी को किया सम्मानित घोरावल, सोनभद्र : (जिला ब्यूरो चीफ पवन कुमार की रिपोर्ट) सोनभद्र जिले के घोरावल तहसील क्षेत्र के ओबराडीह गांव में चल रही यज्ञ में शुक्रवार को रात में सिद्धेश्वर महादेव सेवा संस्थान महुआंव पाण्डेय की अध्यक्ष श्रीमती नीलम द्विवेदी ने कथावाचिका बाल व्यास आराधना चतुर्वेदी को सम्मानित किया। सम्मानित करते समय व्यासपीठ पर सिद्धेश्वर महादेव सेवा संस्थान महुआंव पाण्डेय घोरावल सोनभद्र की अध्यक्ष नीलम द्विवेदी के साथ संस्थान के संस्थापक राम अनुज धर द्विवेदी ने संयुक्त रूप से बाल व्यास आराधना चतुर्वेदी का माल्यार्पण कर अंगवस्त्र भेंट सम्मानित किया।  बताते चलें कि एक सप्ताह तक चलने वाले कथा के विश्राम दिन यह कार्यक्रम ओबराडीह में यज्ञ मण्डप में चल रहे कथा के दौरान यह कार्यक्रम किया गया। इसके पूर्व यजमान भगवान देव पाण्डेय ने सपत्नीक विधि विधान से पूजन अर्चन कर व्यास जी का भी समुचित रूप से पूजन कर विधि विधान से कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। कथा में कथावाचिका बाल व्यास आराधना चतुर्वेदी ने  बताया कि राम

होली विशेष (गजल)

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होली विशेष                 (गजल) ये दहन ये शमन खामियां, कुछ नया आज विचार है।1 दूरियां  दूरियां  ही  दिखीं , पास  लाता  अधिकार है।2 रुप  रंग  का गिनना नहीं, सच यहीं प्यार इजहार है।3 आज होली खूब आ गयी, हरतरफ रंग की बौछार है।4 कुछ कमी तू भुला बस कहीं खूबियों  का   ये   संसार है।5 गीत  आधे  लिखें क्या कहूं, छटपटाहट  के  उदगार है।6 रंग  में  भीगा  सा मनुहार है, भाईचारे  का त्यौहार है।7 गिरह खाइयां  पाट  दीवार  है, जिंदगी कोई  उपहार  है।8 खिलखिलाके मुस्कुरा जरा, देेखआँगन भी गुलजार है।9 भूल जा सब गिले आज से, ये अहद मान इकरार है।10 - अनूप कुमार श्रीवास्तव  इन्दौर, मध्य प्रदेश  समाचार व विज्ञापन के लिए संपर्क करें।  WhatsApp No. 9935694130

HARD WORK (Poem)

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HARD WORK (Poem) One has to sacrifice sleep and peace, open one's eyes, work hard is not easy, one has to give one's whole heart. By making day and night one, success is achieved through hard work, it is only due to the blood and sweat of the gardener that the bud blossoms in the garden. The hard work which makes you tremble today, the path to success lies in this hard work and penance. You will have to make this determination, this madness a habit, you can touch every destination, you will have to remind yourself. Now you have to work hard, without thinking about victory or defeat, why listen to people, when you have to fight the battle yourself. Effort is your body, and hard work is your shadow, your fight is not with these words of people, but with yourself. The path is difficult with thorns, but there will be flowers at the destination, your hard work will be difficult but the results will be in your favor. You have to warm yourself in the heat of hard work, you

छात्राें में छिपी खुलती काे निखारने का मंच है यह युवा महाेत्सव 'उड़ान 2024'

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छात्राें में छिपी प्रतिभा काे निखारने का मंच है यह युवा महाेत्सव 'उड़ान 2024' (एनजीबीयू में दाे दिनी युवा महाेत्सव 'उड़ान 2024' सम्पन्न) (एनजीबीयू में युवा महाेत्सव 'उड़ान' में प्रतियोगिताआें में विजेताओं काे पुरस्कृत किया गया)  प्रयागराज : जिला संवाददाता डॉ आलोक कुमार विश्वकर्मा की रिपोर्ट) नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय में युवा महोत्सव 'उड़ान' 2024 के द्वितीय दिन समापन समाराेह में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ० राजेन्द्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, प्रयागराज की कुलपति प्राे० ऊषा टंडन ने सम्बाेधित करते हुए कहा कि भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति में आउटकम बेस्ड लर्निंग पर जाेर दिया गया है। यह देखकर खुशी हुई कि यह युवा महाेत्सव 'उड़ान' आउटकम बेस्ड लर्निंग के साथ छात्राें के अन्दर छिपी प्रतिभा काे सामने लाने का एक मंच बन रहा है। युवा महाेत्सव टीम भावना आैर विश्वविद्यालय के कल्चर प्रमाेशन के लिए भी जरूरी। सचिव श्री मनीष मिश्र ने अपने उद्बाेधन में कहा कि यह विश्वविद्यालय ग्रामीणांचल में शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। विभिन्न प्रति