छत्रपति शिवाजी : सुधीर श्रीवास्तव
छत्रपति शिवाजी : सुधीर श्रीवास्तव माता जीजाबाई पिता शाह जी के घर उन्नीस फरवरी सोलह सौ तीस को शिवनेरी, महाराष्ट्र के मराठा परिवार में जन्मा था एक बालक महान नाम मिला शिवाजी था। माता धार्मिक और वीरांगना थीं रामायण, महाभारत और महापुरुषों की कहानियां सुनाया करती थीं दादा कोणदेव जी ने उनको युद्ध कौशल का ज्ञान दिया राष्ट्रप्रेमी, कर्त्तव्य परायण ,कर्मठ योद्धा शिवाजी को बनाया। कहते हैं कि पूत के पांव पालने में ही दिखने लगते हैं, नेतृत्व के गुण उन बच्चों में बचपन के खेलकूद में दिखते हैं, नेता बन कर शिवाजी बच्चों संग किला जीतने का खेल खेला करते थे। युवा शिवाजी ने कर दिया सोलह साल की उम्र में ही पूणे तोरण दुर्ग फतेह कर बड़ा कमाल। बीजापुर शासक आदिलशाह ने तब उन्हे पकड़ने का गुप्त प्लान किया तैयार शिवाजी तो हाथ नहीं आए पिता शाहजी गिरफ्तार हुए। हिम्मत वाले शिवाजी ने तब अपना दिमाग चलाया, छापेमारी की युद्ध नीति से पिता को आजाद करवाया। पुरंदर और जावेली किलों पर शिवाजी ने जब पुरंदर और जावेली किलों पर कब्जा कर लिया, औरंगजेब ने फिर नई योजना तैयार किया। भेज जयसिंह, दिलीप खान को औरंगजेब