संदेश

आलेख लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जीवन और समय चलते रहेंगे : सुधीर श्रीवास्तव

चित्र
जीवन और समय चलते रहेंगे : सुधीर श्रीवास्तव         कहते हैं समय और जीवन कभी ठहरता नहीं है, बस चलता रहता है।इसी पर मैंने कभी लिखा था कि -"समय समय के साथ यूँ भी चला जायेगा, समय ठहर कर भला क्या पायेगा?" मगर जीवन भी भला ठहर कर क्या हासिल कर लेगा। कुछ भी तो नहीं।      जीवन और समय का तारतम्य कुछ ऐसा है कि जन्म के उपरांत हम सब भले ही जन्मोत्सव / जन्मदिन मनाने में हर्ष का अनुभव करते हों, उल्लास मनाते हों, परंतु वास्तविक तथ्य तो यह है कि हमनें अपनी जिंदगी के उतने दिन बिता लिए। हर पल हम अपने ही अंत की ओर गतिशील हैं यानी समय और जीवन की गतिशीलता के साथ ही जब हम अपने जीवन के अंत समय का दीदार कर इस संसार को अलविदा कह देंगें, हमें इस संसार के बंधनों से मुक्ति मिल जायेगी।       इसी तरह सुख, दुख, यश, अपयश, जन्म मृत्यु सभी कुछ समय के इशारों पर नाचने को विवश हैं। कहावत भी है कि घूरे के दिन भी फिरते हैं। कुछ भी स्थाई नहीं है। मान, सम्मान, पद, प्रतिष्ठा, अमीरी, गरीबी सब कुछ समय के फेर में है। बस केवल समय-समय की बात है। कठिन और दुष्कर समय भी समय की प्रतीक्षा करते-करते आखिर समय मिलन के