हिंदी भाषा : डॉ कंचन जैन "स्वर्णा"
हिंदी भाषा : डॉ कंचन जैन "स्वर्णा" शब्द शब्द से निर्मित होती भाषा, अनेक अर्थ और हरेक अर्थ की परिभाषा। भारतीय संस्कृति में हिंदी भाषा, शब्द शब्द जोड़कर बनती संस्कारों की माला, शब्द श्रृंगार जैसे मोहिनी जैसी सुंदर बाला। हिंदी में हर बिंदी सम्मान की पुष्पमाला। शब्द शब्द बुनकर कर बनता भाषा का जाला, हर वर्ण, वर्ग,हर देश का सम्मान करती हिंदी की वर्णमाला। भारतीयों के प्राण बसते, ऐसी हिंदी भाषा भारतीयों को प्राणों से प्यारी अपनी मातृभाषा। रचनाकार : डॉ कंचन जैन "स्वर्णा" अलीगढ़, उत्तर प्रदेश समाचार व विज्ञापन के लिए संपर्क करें। मोबाइल नं- 9935694130