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गीत - सूना सावन : सीमा वर्णिका

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गीत - सूना सावन : सीमा वर्णिका                   (गीत) सावन का शुभ आगमन, हर्षित हर इंसान। आँखों में सपने सजे, प्रभु का ये वरदान। प्रभु का ये वरदान, सुखद हरियाला मौसम। पिया नहीं हैं पास, हमें इसका भारी गम। बोलें दादुर-मोर, नहीं लगते मनभावन। होते साजन साथ, हमें प्रिय लगता सावन।।                     सीमा वर्णिका               कानपुर, उत्तर प्रदेश

गीत- श्याम फोड़ी देहले ना, मोरी पानी भरल गगरिया : सरिता सिंह

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गीत- श्याम फोड़ी देहले ना, मोरी पानी भरल गगरिया :  सरिता सिंह गोपियां यशोदा मइया से उलाहना दे रहीं हैं-                        गीत  सुना यशोदा मईया , सुना तोहरे ढीठ कन्हैया। श्याम फोड़ी देहले ना, मोरी पानी भरल गगरिया, काधा फोड़ी देहले ना, मोरी माटी के गगरिया। श्याम मरोड़ी देहले ना, मोरी नरम कलइया। बन में हांक देहले ना, मैया मोरी सारी गइया ।  श्याम हांक देहले ना, बन में मोरी सारी गइया । सुना यशोदा मईया , सुना तोहरे ढीठ कन्हैया। होली खेले के बहाने, करे श्याम छेड़खनिया। रंगवा डारी देहले ना, रंग देहले मोरी  चुनरिया। श्याम रंग देहले ना ,मोरी धानी चुनरिया । सुना यशोदा मईया , सुना तोहरे ढीठ कन्हैया। रास करे के बहाने , गोपियन के सताइले बाने। श्याम मरोड़ देहले ना, मोरी नरम कलइया। श्याम फोड़ी देहले ना, मोरी पानी भरल गगरिया, काधा फोड़ी देहले ना, मोरी माटी के गगरिया। -सरिता सिंह,  गोरखपुर, उत्तर प्रदेश