संदेश

कहानी/ संपादकीय/ शिक्षा/ मनोरंजन लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कहानी -दुल्हन ही दहेज है

चित्र
कहानी -  दुल्हन ही दहेज है     फोटो साभार- सोशल मीडिया  एक बिन माँ-बाप की लड़की थी। अपने ननिहाल में पल पोश कर बड़ी हो रही थी। कुछ ही कक्षा तक पढ़ा लिखा कर घर में ननिहाल वाले सारा काम करवाते थे। कभी-कभी साग सब्जी लेने बाजार जाती रहती थी। एक दिन उस लड़की से कही रुपया गिर गया। बहुत खोज-बीन की पर नही मिला। वह लड़की घबरा कर, कई सब्जी वालों से कहने लगी कि आप सब्जी उधार दे दीजिये। मैं दो-चार दिन में आप को पैसे दे दूँगी। लेकिन कोई सब्जी वाला उधार देने को तैयार नही था। यह बात एक लड़का सुन कर बोला कि, मैडम! आप को कितने पैसों की जरूरत हैं। उसने ₹५०० की नोट निकाल कर देते हुए बोला कि, आप के पास जब हो जाएगा तो वापस कर देना। लड़की बोली कि सर! आप को कहाँ खोजूँगी। लड़का बोला कि, मैं बहुत बड़ा आदमी नही हूँ। प्रतिदिन हम इसी समय सब्जी या फल लेने बाजार आया करता हूँ। लड़की जब भी बाजार आती थी। लड़का भी संयोग से मिल जाता था। लड़की मिल कर बहुत शर्मिंदगी महसूस करती थी। लड़का भी कुछ नही कहता था। जब एक हप्ता हो गया। तो लड़की पूरी बात बताई कि सर! मैं अपने ननिहाल में रहती हूँ। सब्जी में से रोज कुछ पैसे बचाती हूँ। तो