मौनी अमावस्या को गंगा स्नान तथा पितृ तर्पण अत्यन्त शुभकारी है : डॉ देव नारायण पाठक

मौनी अमावस्या को गंगा स्नान तथा पितृ तर्पण अत्यन्त शुभकारी है : डॉ देव नारायण पाठक
--------------------------------------
अहमदाबाद, गुजरात के ज्योतिर्विद डॉ देव नारायण पाठक ने बताया कि माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को माघी अमावस्या अर्थात् मौनी अमावस्या कहा जाता है। मौनी अमावस्या के दिन लोग पवित्र नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं। शास्त्रों में इस दिन मौन रहकर दान और स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान के बाद दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस दिन किए गए दान-पुण्य और पूजन से अन्य दिनों की तुलना में हजारों गुणा पुण्य प्राप्त होता है और ग्रह दोषों के प्रभाव भी कम होते हैं। इस दिन प्रात: स्नान के बाद सूर्य को दूध, तिल से अर्घ्य देना भी विशेष लाभकारी होता है। इस वर्ष मौनी अमावस्या कब है? और इसका क्या महत्व है? इस प्रश्न के उत्तर में डॉ पाठक ने बताया कि हृषीकेष पंचांग के अनुसार इस साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का  प्रारम्भ 9 फरवरी को सुबह 8 बजकर 02 मिनट से होगा। अगले दिन अर्थात् 10 फरवरी को सुबह 4 बजकर 28 मिनट पर इसका समापन होगा। ऐसे में इस साल 9 फरवरी को मौनी अमावस्या मनायी जाएगी।  
सभी अमावस्या तिथियों में मौनी अमावस्या को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। मौनी अमावस्या के दिन मौन रहना अत्यन्त शुभकारी होता है। माघी अमावस्या के दिन प्रातः किसी पवित्र नदी में स्नान अवश्य करना चाहिए।  जो लोग किसी पवित्र नदी में स्नान करने में असमर्थ हैं, वे घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।इसके अतिरिक्त अमावस्या के दिन तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, वस्त्र और आंवला दान में देना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही इस दिन पितरों को अर्घ्य देना और पितृ तर्पण करना शुभ होता है।शास्त्रों के अनुसार मौनी अमावस्या पर 11 लौंग और कपूर से हवन करना चाहिए, तत्पश्चात् कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इससे पैसों की तंगी दूर होती है तथा उधार दिया हुआ पैसा भी शीघ्र वापस मिल जाता है।इसके  अतिरिक्त माघी अमावस्या के दिन रात के समय 5 लाल गुलाब और 5 जलते हुए दीये किसी नदी में प्रवाहित करना चाहिए  इससे मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सोनभद्र के परिषदीय विद्यालयों में राज्य परियोजना कार्यालय लखनऊ की टीम ने की गुणवत्ता को जांच

विशिष्ट स्टेडियम तियरा के प्रांगण में विकसित भारत संकल्प यात्रा सकुशल संपन्न

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ बने विश्व के कीर्तिमान