इसरो प्रमुख एस सोमनाथ बने विश्व के कीर्तिमान

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ बने विश्व के कीर्तिमान 
 कई युगों-जन्मों का सपना।                   लैंडर विक्रम चन्द्रयान ने, 
पूरा किया, चन्दा है अपना।।                नेटवर्क वैज्ञानिक समूह,       
  चांद दक्षिणी ध्रुव चिन्हित प्रत्युह।          भारत "शिवशक्ति" नाम प्वाइंट पर, विश्वजयीअगस्त क्रान्ति तिरंगा फहराकर।।     
  विश्व में जो था असंभव।      
 मानव के लिये अब हुआ है संभव।।   अमेरिका, चीन, रुसआदि देशों ने,
 भय खाकर वापस लौटा है।                 चौथा भारत देश हुआ,
 जो चंद्रतल पर यह विजय तिरंगा फहराया है।।  
 महान् चार उपलब्धियां :- 
अन्तरिक्ष विज्ञान की अद्भुत क्षमता।१  ब्रह्माण्ड रहस्यों का उद्घाटन। २             स्वदेशी उपकरणों की ताकत स्वालंबन ३,              विश्व वैज्ञानिक तकनीक प्रख्यात ४ न।।            चन्द्र परम्परा :-           चन्द्र किरण में अमृत बसती,                शीतलता जग में उड़ेलती। कितने शीतल कतने निर्मल ,              मनभावने, सलोने सुन्दर।। बनते-बिगड़ते रुप तुम्हारे,                   सबसे दुलारे सबके प्यारे।। उपमा, अनन्य -कल्पनाएं :-                चांद सी दुल्हन, चांद सी महबूबा।                  चांद सा मुख हो, चांद सी मनसूबा।।                  चांद की खोज देव, दानव तारे करते, मानव का है, क्या कहना।                देखें- तो शिव हैं, चन्द्रभाल, रामचंद्र- कृष्णचंन्द्र नाम चन्द्र मणि है, गहना।।          वंशावली : -           सूर्यवंश और चंद्रवंश दोनों ,                       मेरे पूर्वज, अग्रज, वंशज।                        गौत्र हमारे, सप्तऋषि गण।                     देवगुरु बृहस्पति हमारे,        शुक्र गुरु हैं दनुज के प्यारे।।                     जय भारत का है वरदान !    यशस्वी नरेंद्र मोदी प्रधान!!                   जय!अन्तरिक्ष अनुसन्धान !                  विश्व के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक महान् !!                   जय सोमनाथ जय महा काल!!                     !जय विश्वनाथ, केदारनाथ!जय झारखण्ड, बाबावैद्यनाथ!!           जय भारत!                 जय हिन्द!!                जय लैंडर  विक्रम!       हर- हर महादेव         हर-हर शंम्भो!            अन्त सावन 8वां सोमवारी शिवार्चन ,               सावन मनभावन,      आसन्न रक्षाबंधन, सभी पूर्ण कामनाओं के साथ सबको नमन!!  

   - आचार्य डॉ गौरीशंकर उपाध्याय गिरिडीह झारखण्ड,    9939506069 
दिनांक- 27.08.2023 विश्व इतिहास के स्वर्णाक्षरों में लिखी जाने वाली अमर कीर्ति। धन्यवाद।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सोनभद्र के परिषदीय विद्यालयों में राज्य परियोजना कार्यालय लखनऊ की टीम ने की गुणवत्ता को जांच

विशिष्ट स्टेडियम तियरा के प्रांगण में विकसित भारत संकल्प यात्रा सकुशल संपन्न