श्याम साहित्य दर्पण काव्य मंच की वर्चुअल संगोष्ठी हुई संपन्न

श्याम साहित्य दर्पण काव्य मंच की वर्चुअल संगोष्ठी हुई संपन्न

उमड़ रहे हैं मन के भाव, उन्हें हमें सजाना होगा–दीपा शर्मा

गांधी जयंती पर आयोजित हुआ कार्यक्रम


सोनभद्र उत्तर प्रदेश : 

हिंदी साहित्य को समर्पित सामाजिक, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था “श्याम साहित्य दर्पण काव्य मंच” संबद्ध –‘सोनभद्र मानव सेवा आश्रम ट्रस्ट’ के आभासी पटल पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व भूतपूर्व प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री जयंती के शुभ अवसर पर वर्चुअल संगोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न प्रांतों से नामचीन कवि,कवयित्रियों एवं उम्दा साहित्यकारों ने काव्य की धारा बहाकर को राष्ट्र को सत्य, अहिंसा, एकता, अखंडता व आपसी सद्भावना का संदेश दिया। 
        कवि सम्मेलन का शुभारंभ धनबाद, झारखंड की कवयित्री पूजा सिंह ने भक्ति वंदना से किया। अध्यक्षता संस्था की राष्ट्रीय उप सचिव  अचला एस गुलेरिया एवं संचालन की जिम्मेदारी दिल्ली एनसीआर से उत्कृष्ट लेखिका दीपा शर्मा ने संभालीं। काव्य पाठ की कड़ी में उत्तराखंड से शबा राव “देश की शान हैं गांधी जी, देश के अभिमान हैं गांधी जी”, झारखंड से करुणा सिंह “सत्य की राह पर चलते हो गर, अपने कर्म पर नज़र रखते हो गर, तो तुम भी गांधी हो”, राजस्थान से आरती सोनी “ मैं अपने हिस्से का गम और खुशी लिखती हूं, मैं लिखती हूं उन्हें बदलने के लिए”, छत्तीसगढ़ डॉ नीरज अग्रवाल ‘नंदिनी’ “सासू जी से कहती, बहन...–पारंपरिक रचना”, दिल्ली से प्रतिमा पाठक “है नमन उनको जो जीवन को समर्पित कर गए”, चंडीगढ़ से किरन शाश्वत “इतिहासों को, इतिहासों से, जब भी तोला जायेगा, वीर भूमि भारत का इतिवृत्त पृथक नज़र आएगा”, राजस्थान से प्रो. आशा पंकज मूडड़ा “नमन करें हम नमन करें, राष्ट्रदूत को नमन करें“, गाजीपुर उत्तर प्रदेश से अर्चना “बुद्ध का वो संदेश लाया, बनकर अग्रदूत”, राजस्थान से ही प्रेम मणि एसलीना “देश की मिशाल हो आप बापू जी”, डॉ. सुशीला जोशी सामाजिक खानपान पर करारा प्रहार करते हुए चुटकुले अंदाज़ में “नूडल्स पिज्जा और पास्ता को चटकारे लेते देखा है, उन्हें गैस की गोली का चूर्ण खाते देखा है”, सुनाकर सभी का दिल जीत लिया। वहीं दिल्ली से डॉ. शिवदत्त शर्मा ने देश की आजादी में कुर्बानी देने वाले वीरों को अपनी रचना “सरहद पर जो फना हुए वो, वीर जवान हमारे थे” सुनाकर नमन किया।
         संचालिका दीपा शर्मा, कार्यक्रम अध्यक्षा अचला एस गुलेरिया, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व मोटिवेशनल स्पीकर डॉ विपुल कुमार भवालिया ने गांधी व शास्त्री के जीवन दर्शन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मन, कर्म और वाणी से जो शुद्ध है, वह विशुद्ध है। संस्थापक श्याम बिहारी मधुर ने सभी काव्य मनीषियों का आभार प्रकट करते हुए उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित कर अपने संबोधन में कहा कि “एक रचनाकर अपनी लेखनी से ही समाज को सदैव आईना दिखाता है। सत्य को सत्य व झूठ को झूठ लिखने की जिसमें ताकत होती है, सही मायने में वहीं साहित्यकार होता है।” इस अवसर पर सभी साहित्यकारों को डिजिटल सम्मान पत्र से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम अध्यक्ष के अध्यक्षीय संबोधन के बाद  संगोष्ठी समाप्त हुई।

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