राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गाँधी
राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गाँधी बापू तेरी आज भी बसी है याद दिल में , हर भारतीय को तुम पर अभिमान है। सत्य व अहिंसा तेरे आज भी प्रासंगिक हैं , युगों युगों तक ऋणी , तेरा हिंदुस्तान है । सारा देश एक साथ आगे बढ़ निकला , देश को आजादी मिली तेरी अगुवाई में | सर्वस्व अर्पित देश हित में किया , प्राण भी गवांया लोंगो की भलाई में । अस्त्र -शस्त्र का प्रयोग बिल्कुल किया नहीं, हार गए दुश्मन सिर्फ प्रतिकार से । छोड़ कर भारत अंग्रेज सब भाग चले , देश तब मुक्त हुआ उनके अनाचार से । कई आंदोलनों का श्रेय आपको ही है , साथ में देश का समस्त जनाधार था । अद्वितीय , अनुपम , बेजोड़ रहे बापू जी , शांति का मशीहा तू अहिंसा का अवतार था । त्याग तेरे जीवन का , प्रेम भारतीयता का , भारतीय जनता , कभी ना भुलाएगी । तेरे बलिदान की अमिट कहानी सदा , गौरव के साथ मानवता सुनाएगी । कवि- चंद्रकांत पाण्डेय मुंबई (महाराष्ट्र )