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कच्चे मकान संयुक्त परिवारलगता अब सपना है

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कच्चे मकान संयुक्त परिवार लगता अब सपना है संग रहना खाना - पीना  टी. वी सीरियल लगता है। दादी का दुलार बुआ का प्यार चाचा की मस्ती व्हाट्सएप ग्रुप लगता है। तुलसी की पूजा पीपल का पेड़ कोई मंदिर लगता है। -प्रतिभा जैन टीकमगढ़, मध्य प्रदेश

शीतला माता को नमन : ओम प्रकाश श्रीवास्तव

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शीतला माता को नमन : ओम प्रकाश श्रीवास्तव मात शीतला है नमन, करिये जग कल्याण। भक्ति भाव पूजन करूँ, रखिये माता त्राण।। नाम शीतला भक्त ले, पाता हर्ष अपार। सकल जगत महिमा बड़ी, जाने यह संसार।। ऋद्धि-सिद्धि दाता तुम्हीं, करती कण-कण वास। प्रेम भाव पूजन सदा, करता पूरी आस।। नाम आपका शक्ति दे, करता मम कल्याण। कृपा आपकी है बसी, रक्षित रहते प्राण।। ओम जपे नित मात को, करके माँ का ध्यान। सफल करो पूजन सदा, करिये कष्ट निदान।। ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम तिलसहरी, कानपुर नगर

राष्ट्रीय संपादक मंडल, मीडिया प्रभारी दल एवं संचालन समिति की ऑनलाइन बैठक संपन्न

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राष्ट्रीय संपादक मंडल, मीडिया प्रभारी दल एवं संचालन समिति की ऑनलाइन बैठक संपन्न आज राष्ट्रीय संपादक मंडल, मीडिया प्रभारी दल एवं संचालन समिति की बैठक सांय 5 बजे प्रारंभ हुई एवं 6 बजकर 35 मिनट पर समाप्त हुई।  बैठक में कंचन उपाध्याय द्वारा अपनी मधुर आवाज में माँ सरस्वती जी की वंदना प्रस्तुत की गई और प्रतिभा जैन द्वारा सुंदर स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। स्वागत भाषण दीपांशु पांडे ने प्रस्तुत किया व संपादक श्याम कुंवर भारती जी ने अपनी बात रखते हुए सभी सदस्यों को महत्वपूर्ण जानकारी दी। बैठक में प्रधान संपादक ममता मेहरोत्रा जी, संपादक श्याम कुँवर भारती जी की गरिमामयी उपस्थिति रही।  सामयिक परिवेश के विभिन्न पटलों पर संपन्न साहित्यिक कार्यक्रमों का ब्यौरा प्रस्तुत किया गया और पटना में संपन्न सामयिक परिवेश की वर्षगाँठ के भव्य व सफल आयोजन की जानकारी दी गई।  सामयिक परिवेश द्वारा किये जा रहे मानवीय संवेदना के कल्याण कार्यक्रम जैसे असहाय, बिमार लोगों को इलाज,भोजन व्यवस्था ,मूक पशुओं के देखभाल के लिए उचित सहयोग जैसे कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी, तकनीकी सहयोगियों के मोबाइल रिचार्ज कराने,

प्रशासन की निगरानी में आरम्भ हुआ यूपी बोर्ड की परीक्षा

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प्रशासन की निगरानी में आरम्भ हुआ यूपी  बोर्ड की परीक्षा नौगढ़- चंदौली : (जिला ब्यूरो चीफ मदन मोहन की रिपोर्ट)  दिनांक 24 मार्च  2022 को यूपी बोर्ड दसवीं एवं बारहवीं कक्षाओं की परीक्षा के समय प्रशासन सक्त नजर आई। सुबह व दोपहर के समय  परीक्षा स्थल "राम नाथ चौबे इंटर कॉलेज मझगवां- चंदौली में बोर्ड की परीक्षा सकुशल संपन्न कराते हुए थानाध्यक्ष चकरघट्टा अलख नारायण सिंह के नेत्तृत्व में पर्याप्त पुलिस बल के साथ मझगवां इंटर कॉलेज पर मौजूद रहे।

अंतरंग में लेखक-समीक्षक जुगलबंदी कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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अंतरंग में लेखक-समीक्षक जुगलबंदी कार्यक्रम का हुआ आयोजन  नागपुर - महाराष्ट्र :    विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन, नागपुर के उपक्रम अंतरंग महिला चेतना मंच के पाक्षिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में मंगलवार दिनांक 22 मार्च 2022 को लेखक-समीक्षक जुगलबंदी शीर्षक के अन्तर्गत एक साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन  किया गया, जो सृजन का सम्मान करने के उद्देश्य के तहत रचा गया था।             कार्यक्रम का शुभारम्भ मीरा जोगलेकर द्वारा सरस्वती वंदना से हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में एल. ए. डी. कॉलेज की सहायक प्राध्यापिका एवं हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. मीनाक्षी वाणी सोनवणे उपस्थित थीं। लेखक-समीक्षक जुगलबंदी में आठ लेखिकाओं की पुस्तकों क्रमशः 'कोलाज जिंदगी का' (निर्मला पांडे), 'पलाश' (अलका देशपांडे), 'मधुकाव्य' (मधु सिंघी), 'कभी धूप  कभी छाँव' (नंदिता सोनी), 'सुधा सत्सई' (सुधा राठौर), 'सलिलम् सलिलम्' (आरती सिंह एकता), 'ग़ज़ल सोचती है' (माधुरी राऊलकर) और 'ढाई आखर' (रीमा दीवान चड्ढा) की समीक्षा की गई।          समीक्षकों में क्रमशः रूबी दास, किरण

शहीद दिवस पर शहीदों को शत-शत नमन : ओम प्रकाश श्रीवास्तव

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शहीद दिवस पर शहीदों को शत-शत नमन : ओम प्रकाश श्रीवास्तव देश प्रेम समझा त्रिकल, की फाँसी स्वीकार। वीर शहीदों जग नमन, करता  बारंबार।। भगत साथ सुखदेव ने, फाँसी करी कबूल। भक्त राजगुरु नाम को, जाना नहि तुम भूल।। तीन शहीदों का त्रिकल, झूला फाँसी साथ। देश प्रेम होता प्रथम, साथी रखना माथ।। माँ की कर शुभ वंदना, रखना साथी याद। प्राणों की आहुति कभी, करना मत बर्बाद।। कर्म सदा अच्छे करो, रखो देश का मान। तुच्छ लोभ पड़ना नहीं, रखो हृदय यह ध्यान।। ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम, तिलसहरी, कानपुर नगर

आइये पढ़ते हैं प्रतिभा जैन जी द्वारा लिखी रचना - गौरैया

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आइये पढ़ते हैं प्रतिभा जैन जी द्वारा लिखी रचना - गौरैया                    गौरैया  कहाँ गए वो दिन ? अब गौरैया छत पर नजर नहीं आती अब मेरे आंगन में ची -ची  सुनाई नहीं देती। कितना सुंदर था हमारा बचपन जुड़ा पूरा परिवार  दादा -दादी के साथ मस्ती दादा के साथ मिल कर गौरैया को पकड़ना के तरीके सीखना सफ़ेद धागा एक छड़ी में बांध कर उस पर बड़ी टोकरी रखना फिर नीचे गेहूं के दाने डालना  पूरा दिन गौरैया का इंतजार करना जैसे ही गौरैया दाने खाने आए छड़ी को खीच लेना फिर दादी के साथ मिल कर गौरैया को लाल, हरे,नीली रंग में रंगना और उड़ा देना। सुबह सुबह मम्मी का उठाना देख तेरी गौरैया छत पर आ गई अब देखने को नहीं मिलती। हमारे शहर में अब गौरैया नहीं मिलती बचपन की यादें पन्नों पर लिखी मिलती। नई यादें लिखने को नहीं मिलती अब घर में दादा -दादी के साथ रहने को नहीं मिलता। -प्रतिभा जैन टीकमगढ़, मध्य प्रदेश

कौस्तुभ के प्रश्न : मीरा भारती

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  कौस्तुभ के प्रश्न : मीरा भारती एक शुभ लग्न में होता  शुभ परिणय बंधन  इक वीर सैनिक का, सामान्य निसर्ग-प्रेयसी से।  आयु के षोडश बसंत, थे, कोमल उसके  मन में। पिता ने पूछा था, सैनिक पति है  क्या तेरे मधुर स्वप्नों का  कौस्तुभ-मणि? दे दी  उसने  सहज स्वीकृति।  नव-प्रणय की अनुभूति, रही कलिका-रूप स्मृति।  घटित अनपेक्षित हुआ , सेना-नायक का आदेश-पत्र, सरहद के अदृश्य गिरि-कन्दर से।  प्रणय-गीत अपूर्ण रहा, सुहाग-शय्या करे विलाप  विरहिणी की व्यथा से।  रण-वाद्य गर्जन रोर न थमा।  उस दिन शून्य में विलीन होते  प्रेम-गीत लौटते, वीर सैनिकों के कन्धों पर वह भी । मौन, मैडल-सुशोभित।  जय-ध्वनि  हो रही, श्रवण- संवेदना लुप्त है । दूर कहीं  देखते, पत्थर के नैन।  तड़पें  जो बिन जल,  मन हुआ विकल,बिनु बैन।  नन्हा कौस्तुभ पूछ रहा, तिरंगे  पर लाल रंग का सबब।  वह  वीर सैनिक लौटा है घर।   बनाकर उसे सामान्य से विशिष्ट।  युद्ध-वैधव्य के उपहार-संग, सौंपता उसे, नव - कौस्तुभ  के  मानस-निर्माण  का दायित्व । युद्ध की कठोर-ध्वनि मध्य, कैसे  देगी, अबोध कौस्तुभ के  प्रश्नों के उत्तर ? - मीरा भारती,  पुणे, महाराष्ट्र

होली के शुभ अवसर पर मदैनियां गांव में हुआ रामचरित मानस पाठ का आयोजन

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होली के शुभ अवसर पर मदैनियां गांव में हुआ रामचरित मानस पाठ का आयोजन करमा- सोनभद्र :  करमा क्षेत्र अंतर्गत गांव मदैनिया में भव्य राम चरित मानस का आयोजन किया गया। प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी होली की समाप्ति पर हनुमान मंदिर पर यह आयोजन किया गया। लोग रंगो के आनंद के साथ ही मानस पाठ का आनंद लेते दिखे। जिसमे राम जन्म का बहुत ही रोचक गायकी बबोल दुबे द्वारा गाई गई जिसमें   उपस्थित सभी लोगों ने राम रस में डूबते हुए दिखे। उपस्थित लोगों में बबोल दुबे के साथ- साथ अर्जुन शुक्ला, लवकुश तिवारी, राकेश तिवारी, दीपक, अरुण कुमार आदि लोग उपस्थित रहे।

कश्मीर से पत्र आया है : दिनेश चंद्र तिवारी

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🇮🇳  कश्मीर से पत्र आया है कश्मीर से पंडितों के नरसंहार और पलायन पर 1990 में लिखी कविता। काव्य संग्रह खुले सृजन के द्वार से प्रेषित है-    परिवार सहित   दस लोगों को भून डाला   पांच लोगों के जिस्म   गोलियों से छलनी हुए   हर दिन खून की होली से   इंसानियत छटपटाती है   देखकर कलेजा भी   मुंह को आया है   कश्मीर से पत्र आया है।       घर में गूंजती थी जहां       बच्चों की किलकारियां       किसने छीन ली       जिंदगी से खुशियां       सूनी सूनी है मांग       सारा कश्मीर है भयाक्रांत        जुल्मों से        हर दिल थर्राया है         कश्मीर से पत्र आया है।        पंछियों के घरोदे टूटने का भी        बड़ा दर्द होता है        जिंदगी और मौत के फासले        मिटते जा रहे हैं        मानवता भी आज         लहुलुहान है        खिलती  बहार पर        यह किसने कहर बरपाया है         कश्मीर से पत्र आया है। दिनेश चंद्र तिवारी,  इंदौर, मध्यप्रदेश

आइये पढ़ते हैं ओम प्रकाश श्रीवास्तव द्वारा लिखी रचना- उन्नति का जन्मदिवस

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आइये पढ़ते हैं ओम प्रकाश श्रीवास्तव द्वारा लिखी रचना- उन्नति का जन्मदिवस सुंदर प्यारी सी परी, उन्नति है शुभ नाम। हँसती रहती वह सदा, बातें करना काम।। बुद्धिमान है वह बहुत, रखती अनुपम ज्ञान। सेवा करती मात की, रखती सबका ध्यान।। वर्ष गाँठ है मन रही, दादी गाती गीत। प्रेम मगन हैं सब यहाँ, पूरी करते रीत।। निधि मनीष हैं कह रहे, कृति करती अति काज। प्यारी उन्नति उर बसे, करते हमसब नाज।। भोले बाबा कृपा करें, बढ़े जगत में मान। सारा वैभव जग मिले, बढ़े पिता की शान।। -ओम प्रकाश श्रीवास्तव (राजे)  तिलसहरी, कानपुर नगर

नारी ना री नहीं है : सुधीर श्रीवास्तव

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नारी ना री नहीं है : सुधीर श्रीवास्तव नारी को समझना आसान नहीं है, मगर हम ये कहाँ मानते हैं? नारी को हम ना री समझते है शायद सबसे बड़ी भूल करते हैं। हम नारी को कमजोर, अबला आश्रिता भर समझते हैं मगर ये भूल जाते है कि हमारे अस्तित्व का निर्माण  नारी ने ही तो किया है, धरा पर जो हमारी पहचान है उसका मुख्य आधार है नारी। अपने दूध से हमें मजबूत किया हमारे अस्तित्व को विस्तार दिया। हमारी चिंता में हर समय चौकन्नी रही गीले मेंं सोई, हमें सूखे मेंं सुलाया। बहन भी तो  एक नारी है पत्नी प्यारी कितनी भी लगती मगर वो भी तो एक नारी है, बेटी को जन्म देकर नारी ने नारी रुप मेंं कन्यादान का सुख भी देने वाली भी नारी ही है। दादी, नानी, मौसी, बुआ भी तो नारी है। मगर हमारी सोच कितनी गिरी है हम नारी को कुछ कहाँ समझते हैं, बस हम इतना जरूर करते हैं कि आज भी नारी को हम पुरुष वर्ग सिर्फ ना री समझते और नकारते है घमंड मेंं बहुत इतराते हैं। -सुधीर श्रीवास्तव गोण्डा, उ.प्र.

शिकसा द्वारा महिला दिवस पर शिक्षिकाओं का किया सम्मान

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शिकसा द्वारा महिला दिवस पर शिक्षिकाओं का किया सम्मान  दुर्ग :                शिक्षक कला व साहित्य अकादमी दुर्ग जिला के तत्वावधान में  अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला दिवस व सम्मान समारोह का आयोजन संयोजक डॉ. शिवनारायण देवांगन"आस" के संयोजन में शास.पूर्व माध्य. शाला हनोदा दुर्ग में किया गया है।              कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शालिनी रिवेन्द यादव अध्यक्ष जिला पंचायत दुर्ग, अध्यक्षता डॉ.संगीता सिन्हा संचालक सृजन हास्पीटल व टेस्ट ट्यूब सेंटर भिलाई, विशेष अतिथि तेजराम चंदेल सरपंच ग्राम पंचायत हनोदा,जागेश्वरी मेश्राम छत्तीसगढ़ी फिल्म अभिनेत्री वंदना शर्मा ए.पी.सी. समग्र शिक्षा रायपुर,ललित चन्द्राकर महामंत्री भाजपा,सूरज श्रीवास लोक गायक व संरक्षक शिकसा,कौशलेन्द्र पटेल प्रातांध्यक्ष शिकसा,लक्ष्मी करियारे- लोकगायिका व प्रातांध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ शिकसा,परमानंद देवांगन प्रधान पाठक हनोदा व धर्मेन्द्र कुमार श्रवण मीडिया प्रभारी शिकसा उपस्थित रहें।              कार्यक्रम में सरस्वती वंदना- तारिणी व साथी, राजगीत- स्नेहलता टोप्पो शिक्षक आदर्शनगर सीतापुर सरगुजा,शीर

आइये पढ़ते हैं मीरा भारती द्वारा लिखी रचना - हरित नवल होली

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  आइये पढ़ते हैं मीरा भारती द्वारा लिखी रचना - हरित नवल होली  मैत्री, एकता के प्रेम-मिलन  का हिय-मधुपर्व रंगोत्सव।  निसर्ग-चरण पायल - धुन  हुई अब दूर की सुहावन।  तरुवर के हरित रंग  में, अस्मिता है  जन-भावन।   ऊर्जा संग्रहण  हेतु  करें,  कंडे  से  होलिका-दहन।  पतझड़ में, शाख से  पत्ते  टूट  कर अलग हो  रहे।  कलुष, अहं, कटुता -तत्व, रुक्षता भी विलग हो रहे।  अभाव में भी है प्रेम-भाव  जहाँ  वैमनस्य है  निरस्त।  चहुं दिश राग-रंग  निखरें, आम्र-मंजर, चंदन-कलित।  उपवन-पुष्पों से, गृह -सज्जा, संवेदनाओं  से  शुभ-श्रृंगार।   ग्राम-संगीत, भक्ति-मय नृत्य, जोगीरा संग मजीरा झंकार।  स्नेह- स्वीकृति के मृदु  रंग, मिलें जलवायु से प्रिय मन।  जैविक होली ही सभी खेलें, पलाश गुलाल से सजें तन। लाल रंग में ऊर्जा का प्रवाह, नित  प्रेम-संबंध का निर्वाह।  पीत  में स्वर्णिम युग-विचार, हरित होली ही प्रेम उपहार।  श्याम रंग अंतरिक्ष  विहित, अहं-अस्तित्व  है  समाहित।  नीला जल, वायु भी है नील,  जन-प्राण प्रकृति-सा सरल।  करें शुष्क रंग का उपयोग, पंचतत्व नेह से जल-संचय।  संत कबीर का वचन-सत्व, सुभग संकल्प भ्रातृ

भारतीय समाज की प्रगति में नारियों की भूमिका

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भारतीय समाज की प्रगति में नारियों की भूमिका  सृष्टि आरम्भ से ही नारी समाज को प्रगति की ओर सदैव प्रेरित करती आई है। धरा पर व्याप्त सम्पूर्ण शब्द, लेखनपटल और स्याही कम पड़ जाएंगे जब देश और समाज की प्रगति में नारी की भूमिका का वर्णन लिखा जाएगा।             समाज हो, परिवार हो या फिर मानव का व्यक्तिगत जीवन ही क्यों न हो सभी के प्रारम्भ से विस्तार तक और विस्तार से अनन्त तक के परिचरण की सृजनकारीणी ब्रम्हरूपा "नारी" ही है। तभी तो स्वायंभुव मनु द्वारा रचित मनुस्मृति में "यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः" कह सम्मान दिया गया है। वैदिककाल में विश्वआरा, अपाला, घोषा, गार्गी, लोपामुद्रा, सिकता, रत्नावली और मैत्रैयी जैसी महान परम् विदुषी महिलाओं ने धरा पर सनातन संस्कृति और ज्ञान को प्रतिष्ठित कर एक शिक्षित समाज की प्रेरणा दी वहीं इन्द्राणी, देवयानी, घोषा, लोपामुद्रा और विश्वआरा जैसी महान विदुषी शास्त्रज्ञाता, दार्शनिकाओं ने परमात्मा रूपी श्री "वेद" के लेखन में विशिष्ट योगदान दिया। भारत के समस्त पौराणिक धार्मिक ग्रंथ, ऐतिहासिक पुस्तकों से लेकर वर्तमान