कश्मीर से पत्र आया है : दिनेश चंद्र तिवारी

🇮🇳  कश्मीर से पत्र आया है

कश्मीर से पंडितों के नरसंहार और पलायन पर 1990 में लिखी
कविता। काव्य संग्रह खुले सृजन
के द्वार से प्रेषित है- 

  परिवार सहित
  दस लोगों को भून डाला
  पांच लोगों के जिस्म
  गोलियों से छलनी हुए
  हर दिन खून की होली से
  इंसानियत छटपटाती है
  देखकर कलेजा भी
  मुंह को आया है
  कश्मीर से पत्र आया है।

      घर में गूंजती थी जहां
      बच्चों की किलकारियां
      किसने छीन ली
      जिंदगी से खुशियां
      सूनी सूनी है मांग
      सारा कश्मीर है भयाक्रांत
       जुल्मों से
       हर दिल थर्राया है
       कश्मीर से पत्र आया है।

       पंछियों के घरोदे टूटने का भी
       बड़ा दर्द होता है
       जिंदगी और मौत के फासले
       मिटते जा रहे हैं
       मानवता भी आज 
       लहुलुहान है
       खिलती  बहार पर
       यह किसने कहर बरपाया है
        कश्मीर से पत्र आया है।

दिनेश चंद्र तिवारी, 
इंदौर, मध्यप्रदेश

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