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श्याम साहित्य दर्पण काव्य मंच की विश्व पर्यावरण दिवस पर वर्चुअल संगोष्ठी हुई संपन्न

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श्याम साहित्य दर्पण काव्य मंच की विश्व पर्यावरण दिवस पर वर्चुअल संगोष्ठी हुई संपन्न सोनभद्र, उत्तर प्रदेश। सामाजिक, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था ‘श्याम साहित्य दर्पण काव्य मंच’ संबद्ध ‘सोनभद्र मानव सेवा आश्रम ट्रस्ट’ ने 5 जून, विश्व पर्यावरण दिवस के पुनीत अवसर पर ऑनलाइन कवि सम्मेलन/विचार गोष्ठी का आयोजन कर, आम जन मानस को पर्यावरण सुरक्षा, जीवन रक्षा पर आधारित जीवन्त संदेश दिया।  इस कार्यक्रम का शुभारंभ चेन्नई तमिलनाडु से शिरकत कर रही मशहूर कवयित्री प्रतिभा पाण्डेय ‘प्रति’ ने सुमधुर वाणी वंदना ‘जयति जय जय मां सरस्वती, जयति जय वीणा वादिनी ’से किया। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता अयोध्या उत्तर प्रदेश की पावन धरा से सामाजिक सुविचारक डॉ रवि प्रकाश मौर्य ने किया। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए देवसर मध्य प्रदेश से बतौर मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध साहित्यकार उमेश कुमार गुप्त ने हारमोनियम पर संगति करते हुए ‘पर्यावरण प्रदूषण रोको, कर लो अपना खुद कल्याण‘ की अद्वितीय प्रस्तुति दी। पटल पर मौजूद विशिष्ट अतिथि की भूमिका में बोधगया, बिहार से वक्ता लक्ष्मी नारायण, अलवर राजस्थान से कवयि

इंस्पायर डांस स्टूडियो में समर कैंप में बच्चो द्वारा चित्रकला से पर्यावरण दिवस का दिया संदेश

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इंस्पायर डांस स्टूडियो में समर कैंप में बच्चो द्वारा चित्रकला से पर्यावरण दिवस का दिया संदेश  जोधपुर (राजस्थान) :  आज इंस्पायर डांस स्टूडियो पावटा जोधपुर मे सभी बच्चों ने पर्यावरण दिवस पर एक बहुत अच्छी चित्रकला से संदेश दिया और बच्चों ने चित्र से बताया कि पर्यावरण हमारे लिए बहुत महत्पूर्ण है अगर समाज में पेड़ नहीं रहा तो आने वाले दिनों में सभी के लिए खतरा है और प्रदूषण ज्यादा होने से हानिकारण बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं।  सभी बच्चों को कहना है ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगायें।  समर कैंप में सभी अध्यापकों उपस्थित रहे :- प्रमोद गौड़, प्रदीप गौड़, महावीर गौड़, लक्षित, नंदनी.।

सड़क के किनारे कूड़ा करकट उठाने वाले बच्चों को भी मिलेगा शिक्षा का अधिकार- शेषमणि दुबे

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सड़क के किनारे कूड़ा करकट उठाने वाले बच्चों को भी मिलेगा शिक्षा का अधिकार- शेषमणि दुबे  भिक्षा वृत्ति रोकथाम हेतु जून माह तक चलेगा  विशेष अभियान।  सोनभद्र :  शासन के दिशा-निर्देश के क्रम में जिला बाल संरक्षण अधिकारी के आदेशानुसार जनपद स्तर पर बाल भिक्षा वृत्ति एवं सड़क के किनारे कूड़ा करकट उठाने वाले बच्चों के चिन्हाकन तथा पुनर्वासन के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है थाना रावर्टसगंज अन्तर्गत कस्बा मे गठित टीम द्वारा अभियान चला कर नौ नाबालिग बच्चों का चिन्हाकन करते हुए उनके परिवार में पुर्नवासन कराया गया। जिला बाल संरक्षण इकाई सोनभद्र से ओ आर डब्ल्यू शेषमणि दुबे द्वारा बताया गया कि चिन्हित बच्चों के माता-पिता की काउन्सलिग की गयी एवं उनको महिला कल्याण  विभाग  द्वारा संचालित योजना स्पान्सरशीप  के बारे मे विस्तृत जानकारी दी गयी और बताया गया कि योजनान्तर्गत पात्र बच्चों को  चार हजार रूपये प्रतिमाह की दर से उनके शिक्षा और संरक्षण हेतु दिया जायेगा साथ बताया गया कि योजनान्तर्गत कुल 97 पात्र बच्चे लाभान्वित हो रहे है। संरक्षण अधिकारी रोमी पाठक द्वारा बताया गया कि  यह अभियान जनपद स्

गौतम बुद्ध का गृह त्याग -

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गौतम बुद्ध का गृह त्याग -  ********************** माया, ममता, मोह में न फँसना है मुझे,  अज्ञान दूर कर, ज्ञान प्राप्त करना है मुझे।  यह संसार दुःख का सागर, लोग वृद्ध, लाचार यहाँ।  सभी समय के दास यहाँ, दुःखी और बीमार यहाँ।  कुछ जटिल प्रश्नों से न डरना है मुझे।  अज्ञान दूर कर,ज्ञान प्राप्त करना है मुझे।  पत्नी, पुत्र, माता - पिता , या कि मेरा परिवार।  सुख,वैभव तृण समान,नहीं चाहिए राज दरबार।  जन्म-मरण के प्रश्नों से ऊपर निकलना है मुझे।  अज्ञान दूर कर , ज्ञान प्राप्त करना है मुझे।  सांसारिक आकर्षण , कुछ नहीं मेरे लिए।  अनसुलझे प्रश्न! ,गृह त्याग कर दूँगा तेरे लिए।  जीवन बिताकर भी,अज्ञान हरना है मुझे।  अज्ञान दूर कर, ज्ञान प्राप्त करना है मुझे।  एक बड़ा सुखद दिन, वह विश्व में आएगा।  ज्ञान प्रकाश, दिग्-दिगंत में छाएगा ।  अज्ञान का तिमिर नष्ट कर, ज्ञान ही भरना है मुझे।  अज्ञान दूर कर, ज्ञान प्राप्त करना है मुझे।  रचनाकार- चंद्रकांत पांडेय,  मुंबई / महाराष्ट्र

मेरे जीवन के शब्दकोष में "समझौता" जैसा कोई शब्द नहीं है : माया एस एच

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मेरे जीवन के शब्दकोष में "समझौता" जैसा कोई शब्द नहीं है: माया एस एच डॉ. माया एस एच एक भारतीय मूल की महिला सशक्तिकरण संस्कृतिकर्मी और एक कानूनी और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो युवा लड़कियों और महिलाओं को आत्महत्या करने और यौन-तस्करी के जाल में फंसने से रोकने के लिए अपने काम के लिए जानी जाती हैं। उनके जन्मदिन से पहले, हम आपके साथ आयरन लेडी के नाम से मशहूर गांधी के अनुभव साझा करना चाहते हैं। इस साक्षात्कार में,  हम आपके साथ आयरन लेडी के नाम से मशहूर गांधी के अनुभव साझा करना चाहते हैं। इस साक्षात्कार में, डॉ. माया एस एच ने हमसे ऐसे क्षेत्र में होने की चुनौतियों के बारे में बात की, जहां महिलाएं अभी भी अपनी क्षमता साबित कर रही हैं और मानव तस्करी विरोधी विचारधारा से लेकर एसिड पीड़िता सर्वाइवर और पीछा करने के मामलों तक कई लोगों को नई जिंदगी पाने में मदद कर रही हैं।    आपके अब तक के कार्यकाल में आपका सबसे यादगार अनुभव क्या है?  यह याद रखना बहुत मुश्किल है कि कोड में कौन सा मामला समझना  सबसे आसान था और कौन सा सबसे कठिन था, लेकिन हां मेरी यात्रा तब शुरू हुई जब मैंने सागफारजंग में छह महीने