विश्वकर्मा पुराण

विश्वकर्मा पुराण
विश्वकर्मा पुराण है,अमर ग्रंथ।
हम सबका है वह मुक्ति पंथ।।

                यह सृजनकारी निर्माण वेद।
                दूर करे सब,पाखण्ड भेद।।

यह सब वेदों से निराला है।
स्व ज्योति जलाने वाला।।

                 इसके पढ़ने से सद ज्ञान मिले।
                 अपने कुल को सम्मान मिले।।

यह शान्ति प्रदायक सुखकारी।
विश्वकर्मा वंश का हितकारी।।

                  यह भक्ति को देने वाला है।
                  विश्वकर्मा महिमा वाला है।।

यह दूर करे कल्मष कषाय।
सन्मार्ग दिखाने का उपाय।।

                  यह सद बुद्धि को लाता है।
                  अंतरिक्ष ज्ञान व्याख्याता है।।

इसके पढ़ने से सृजन जगे।
शोधपरक वह दृश्य सजे।।

                   रचनाकार:  डॉक्टर डी आर विश्वकर्मा
                                वाराणसी

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