सुखमिला अग्रवाल भूमिजा ‘ऑनरेरी डॉक्टरेट’ की उपाधि से सम्मानित

सुखमिला अग्रवाल भूमिजा ‘ऑनरेरी डॉक्टरेट’ की उपाधि से सम्मानित 

जयपुर : 
जयपुर की कवयित्री सुखमिला अग्रवाल 'भूमिजा' 'आनरेरी डाक्ट्रेट' व 'यूथ एक्सीलेंस अवार्ड'से सम्मानित हुई।

दिल्ली के राजेंद्र भवन सभागार में  आयोजित भव्य कार्यक्रम में जयपुर की सुखमिला अग्रवाल'भूमिजा' को उनके साहित्य व समाज को समर्पित साहित्यिक व सामाजिक योगदान तथा साहित्य के निरंतर योगदान देने के लिए 'ऑनरेरी डाक्टरेट' की उपाधी प्रदान की गयी है।
इस कार्यक्रम में साहित्य व समाज सेवा से जुड़ी अनेक गणमान्य शख्सियतें मौजूद थी।देश वे देश से चयनित ग्यारह विशिष्ट प्रतिभाओं को उनके सततशील कार्यों के लिए मानद डॉक्टरेट की उपाधी से नवाजा गया। इन ग्यारह  प्रतिभाओं में एक सुखमिला अग्रवाल'भूमिजा' भी शामिल हैं।
बताते चलें कि 
इसी अवसर पर यूथ वर्ड सोशल मंच द्वारा सुखमिला अग्रवाल'भूमिजा' को इसी कार्यक्रम में एक और अवार्ड  
दिया गया है। यह सम्मान सुखमिला अग्रवाल भूमिजा को 'यूथ वर्ल्ड सोशल मंच’ की ओर से 'डायमंड अचीवर्स एक्सीलेंस अवॉर्ड -2024'   दिया गया।
 स्वभाव से सरल व मृदुभाषी सुखमिला अग्रवाल'भूमिजा' ने साहित्य के क्षेत्र में अपनी रचनाधर्मिता की विशिष्टता से बहुत कम समय में अनेक मुश्किलों व चुनौतियों से जुझते व गुजरते हुए अपनी पहचान बनायी है। 
इन्होंने गृहिणी होते हुए घर की समस्त ज़िम्मेदारियों को बखूबी निबाहते हुए अत्यंत जुझारू व कर्मठ स्वभाव के चलते अपने विशिष्ट गुणों से समाज में एक आदर्श महिला का उदाहरण प्रस्तुत किया  है, जिससे अनेक महिलाओं को आगे बढने व कठोर परिश्रम  करने का प्रोत्साहन मिला। बताते चलें कि इन्होंने काफी समय महिलाओं व लडकियों के लिये निःशुल्क हॉबी क्लासेज़ इनको आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से चलायीं । ये अनेकों बार कच्ची बस्तियों व अनाथ आश्रमों में आवश्यक सामग्री का वितरण करने तथा बच्चों के साथ जन्मदिन आदि मनाने जाया करती हैं। इनका मानना है कि समाज को उन्नति के पथ पर एक पढी-लिखी समझदार महिला ही ले जा सकती है।महिलाओं द्वारा किये गये वही छोटे-छोटे प्रयास भी  समाज की दशा व दिशा तय करते हैं। इसलिये किसी भी समाज की उन्नति व प्रगति के लिये महिलाओं का पढना-लिखना व अन्य सभी क्षेत्रों की जानकारी व जागरूकता नितांत आवश्यक है। 
समाज में अनेक ऐसी महिलाएं हैं जो प्रतिभा होते हुए भी समाज के सामने नहीं आती हैं,उनके लिए सुखमिला अग्रवाल' भूमिजा' एक सशक्त प्रेरणा बनीं हैं।

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