बेस्ट डाक्यूमेंट्री लेखक अवार्ड से नवाजे गए विश्वजीत

बेस्ट डाक्यूमेंट्री लेखक अवार्ड से नवाजे गए विश्वजीत 

समस्तीपुर : 
विदित हो कि जिले के काँचा पंचायत के रहने वाले विश्वजीत कुमार को यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन ने बेस्ट डॉक्यूमेट्री लेखक अवार्ड से नवाज़ा है। यह अवार्ड साइटेशन है । 
25 वीं सी.ई.सी.- यू.जी.सी.  एजुकेशनल फ़िल्म फेस्टिवल का आयोजन देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर, मध्यप्रदेश में संपन्न हुआ। इस फ़िल्म फेस्टिवल का आयोजन 27 मार्च से लेकर 29 मार्च तक किया गया ।  इस फिल्म महोत्सव में संपूर्ण राष्ट्र से 180 से भी अधिक फिल्में आई थी, जिसमे से 20 बेहतरीन फिल्मों को उनकी बेहतरीन फिल्म फिल्मोग्राफी, लेखन इत्यादि के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया। सी.ई.सी.- यू.जी.सी. भारत में एक प्रतिष्ठित फिल्म महोत्सव है जिसकी पूरे राष्ट्र में मशहूर है। जिसमें शिक्षण के दृष्टिकोण से बने फ़िल्मों को सम्मानित किया जाता है । 
विश्वजीत कुमार द्वारा लिखित फ़िल्म कलाकार भी चयनित है। 

यह सम्मान सी.ई.सी. के निर्देशक जगत भूषण नड्डा द्वारा प्रदान किया गया है एवं फ़िल्म की कहानी स्ट्रीट कलाकारों पर आधारित है । ये भोपाल शहर, मध्यप्रदेश के न्यू मार्केट इलाक़े में रहते हैं। लकड़ी से कलाकृतियाँ बनाने वाले, घास-फूँस से हाथी व  घोड़े बनाने वाले एवं कठपुतली नृत्य जैसे कला को पारंपरिक रूप से प्रदर्शित करते आ रहे कलाकारों के  जीवन पर यह फ़िल्म आधारित है। फ़िल्म में  राजस्थान से पलायन कर आये कलाकारों की समस्याओं को बड़े बखूबी के साथ दिखाया गया है। 
इस फ़िल्म के निर्देशक माखनलाल चतुर्वेदी हैं, राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल के प्रोफेसर राहुल खड़िया के द्वारा फ़िल्मांकन किया गया है, आशीष कुमार पाण्डेय ने फ़िल्म में साक्षात्कार का काम किया है शुभ राणा के साथ। लेखन में विश्वजीत कुमार का साथ दिया है पल्लवी सिंह ने। 
फ़िल्म पर बात करते हुए विश्वजीत कहते हैं,  “ मैं फ़िल्म शूटिंग में सिर्फ़ देखने गया था कि ये किस तरह कार्य करते हैं लेकिन जब वहाँ पहुँचा तो मुझे इसे शूट करने का भी अवसर  मिला और लिखने का भी। 
ये समस्तीपुर समेत पूरे बिहार के लिये गर्व का विषय है क्योंकि जब एक गाँव से आने वाले सामान्य विद्यार्थी ऐसा कर सकता हो तो कोई भी कर सकता है ।
आगे विश्वजीत कहते हैं कि पल्लवी सिंह जी के सहयोग के बिना इस फ़िल्म को लिखना मुश्किल था और शुभ राणा जी द्वारा प्रेरित करना डूबते को तिनके के सहारे जैसा था। वो  लगातार मुझे फ़िल्म की स्क्रिप्ट लिखने के लिए प्रेरित करते रहे। "

ज्ञात हों कि विश्वजीत माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्विद्यालय, भोपाल, मध्यप्रदेश में प्रसारण पत्रकारिता की पढ़ाई कर रहे हैं।
यह पहली बार नहीं जब इन्हें कोई सम्मान मिल रहा है पूर्व में भी सीमेडू मीडिया स्कूल, पूणे, महाराष्ट्र में इन्हें बेस्ट मैगज़ीन जर्नलिज्म अवार्ड 2021 से भी नवाज़ा गये।
विश्वजीत जैसे युवा वो क्रांति हैं जिन्हें हमारे समाज को बेहद ज़रुरी है। यही वो बीज हैं जो भविष्य में फलदार वृक्ष बनेंगे और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का कार्य करेंगे। 


- प्रकाश कुमार राय (जिला ब्यूरो, जर्नलिस्ट, समस्तीपुर, बिहार)

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