सुखमिला अग्रवाल भूमिजा को मिला ‘साहित्योदय साहित्य रत्न सम्मान’ तथा ‘ग्रेटेस्ट वर्ड रिकॉर्ड’ व ‘लंदन बुक ऑफ वर्ड रिकॉर्ड ‘

सुखमिला अग्रवाल भूमिजा को मिला ‘साहित्योदय साहित्य रत्न सम्मान’ तथा ‘ग्रेटेस्ट वर्ड रिकॉर्ड’ व ‘लंदन बुक ऑफ वर्ड रिकॉर्ड ‘

जयपुर (राजस्थान) : 
कृष्णायन महाग्रंथ में सहभागिता हेतु लंदन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड एवं ग्रेटेस्ट का वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम शामिल
 प्रभु श्री कृष्ण की पावन जन्म स्थली मथुरा में साहित्य का भव्य कार्यक्रम कृष्णायन वात्सल्य ग्राम में संपन्न हुआ इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि साध्वी ऋतंभरा दीदी मां (आध्यात्मिक गुरु) कार्यक्रम अध्यक्ष रविंद्र कुमार सिंहा (पूर्व सांसद मथुरा), विशिष्ट अतिथि डॉक्टर सोम ठाकुर, डॉ विष्णु सक्सेना संरक्षक बुद्धिनाथ मिश्र, संयोजक पंकज प्रियम रहे।
 कार्यक्रम मां शारदा की वंदना से प्रारंभ हुआ प्रत्येक सत्र के अलग-अलग 17 कार्याध्यक्ष थे।
देश के लगभग 200 साहित्यकार इस कार्यक्रम में शामिल हुए जिनकी लेखनी से श्रीमद् भागवत पुराण एवं प्रभु श्री कृष्ण जी से जुड़े सभी प्रसंगों का समावेश करते हुए 'कृष्णायन काव्य ग्रंथ' लिपिबद्ध  किया गया। जिसके दो खंडों में 17 भागों में 832 पृष्ठ समाहित हैं। इसके संपादक पंकज प्रियम हैं। इस ग्रंथ का विमोचन वृंदावन के वात्सल्य ग्राम में एक भव्य कार्यक्रम में सभी साहित्यकारों की उपस्थिति में किया गया।
साहित्य जगत के इतिहास में यह विश्व के अनूठे ग्रंथों में शामिल हो गया है। इस पुस्तक के कलमकारों को 'लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' एवं 'वर्ल्ड ग्रेटेस्ट रिकॉर्ड' तथा ' साहित्योदय साहित्य रत्न' सम्मान से सम्मानित किया गया है।
 इस महाग्रंथ पुस्तक के साहित्यकारों में एक नाम जयपुर की सुखमिला अग्रवाल भूमिजा का है।सुखमिला अग्रवाल ने अपनी लेखनी के माध्यम से 'कंस की क्रूरता' को पद्यात्मक शैली में चित्रित किया है। साहित्योदय के द्वारा सुखमिला अग्रवाल भूमिजा को 'साहित्योदय साहित्य रत्न' सम्मान से सम्मानित किया गया साथ ही 'लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' और 'वर्ड ग्रेटेस्ट रिकॉर्ड' सम्मान भी प्रदान किया गया है।
उल्लेखनीय है कि सुखमिला अग्रवाल भूमिजा को इससे पहले भी वर्ल्ड रिकॉर्ड प्राप्त हो चुके हैं। 
वात्सल्य ग्राम के अंतर्गत स्थित मीरा माधव रिजॉर्ट में विशाल प्रेक्षाग्रह में साहित्योदय के दो दिवसीय कृष्ण साहित्य महोत्सव के भव्य समापन के अवसर पर दीदी मां साध्वीं ऋतंभरा ने रजनाकारों को संबोधित करते हुए कहा कि अपना जीवन भगवान श्री कृष्ण की भक्ति के लिए समर्पित कर लो। वात्सल्य ग्राम की दीदी मां पूज्य साध्वी ऋतंभरा दीदी मां एवं साहित्योदय  के संरक्षक डॉक्टर बुद्धि नाथ मिश्र एवं संस्थापक अध्यक्ष पंकज प्रिएम ने दीप प्रज्वलित किया। 8 सत्रों में काव्य पाठ का निरंतर दो दिनों तक आयोजन चला रहा जिसमें देश भर से आए हुए लगभग 150 कवियों-कवित्रियों ने श्री कृष्ण राधा और कृष्ण भक्ति के साथ कृष्ण के जीवन के विभिन्न रूपों पर अपनी विशिष्ट रचनाएं प्रस्तुत की।
आशीर्वचन देते हुए दीदी मां ने कहा कि वात्सल ग्राम के पवित्र और वात्सल्य पूर्ण वातावरण में देश भर के विशिष्ट कवियों का आना इस प्रांगण के लिए भी मूल्यवान है। उन्होंने वात्सल्य ग्राम की परिकल्पना और यहां चल रहे प्रकल्पों की जानकारी देश भर के रचनाकारों के साथ सांझा की और इस भावपूर्ण प्रकल्प को कविताओं में अपनी रचनाओं में ढालने का कवियों का आव्हन किया। उन्होंने बताया कि नारी खुद एक कविता है।
 इस समारोह में जयपुर की  प्रतिष्ठित कवयित्री सुखमिला अग्रवाल'भूमिजा' को 'साहित्योदय साहित्य रत्न' तथा 'लंदन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' तथा 'वर्ड ग्रेटेस्ट रिकॉर्ड' प्रदान किया गया।
इस अवसर पर कृष्णायन काव्य ग्रंथ का काव्यार्चन और विमोचन भी किया गया। संस्था के संरक्षक डॉक्टर बुद्धि नाथ मिश्र जी ने लगातार 2 दिन तक अपना मूल्य समय दिया। साध्वी दीदी मां से उन्होंने आश्वासन लिया कि आगे भी हमारे कार्यक्रम में उनका सानिंध्य हमें प्राप्त होता रहेगा। पंकज प्रियम जी के अथक प्रयासों तथा सभी साहित्यकारों के सामूहिक प्रयासों से ही महाकाव्य की रचना हुई जो कि अपने आप में एक धरोहर है।

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