कुल गौरव, डॉक्टर दयाराम विश्वकर्मा, एक प्रेरक व्यक्तित्व

कुल गौरव, डॉक्टर दयाराम विश्वकर्मा, एक प्रेरक व्यक्तित्व
                                           
डॉक्टर दयाराम विश्वकर्मा एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं। इनका जन्म तत्कालीन जनपद वाराणसी के ग्राम शहाबगंज, तहसील चकिया अब नवसृजित जनपद चंदौली में 05 जनवरी 1962 को हुआ था।इनके माता का नाम स्मृति शेष लल्लो देवी एवम पिता का नाम स्मृति शेष मुराहू विश्वकर्मा है।डॉक्टर विश्वकर्मा का समूचा व्यक्तित्व सोंधी माटी के गंध से रचा बसा है।
डॉक्टर विश्वकर्मा की प्रारंभिक शिक्षा प्राइमरी पाठशाला शहाबगंज में हुई, तत्पश्चात जूनियर हाई स्कूल शहाबगंज से आठवीं पास कर आदित्य नारायण राजकीय इंटर कॉलेज चकिया से इंटर विज्ञान से पास कर काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी से बी एससी ऑनर्स करने के पश्चात बी एड किया, तत्पश्चात काशी विद्यापीठ वाराणसी से समाज शास्त्र की डिग्री प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण कर पुनः एम एड की परीक्षा भी प्रथम डिवीजन में पास कर, शिक्षा शास्त्र में पी एचडी की उपाधि प्राप्त की।कालेज स्तर पर अनेक विधाओं के उन्हें दर्जनों सर्टिफिकेट प्राप्त हुए।
बेसेंट थियोसोफिकल हायर सेकंडरी स्कूल कमच्छा वाराणसी में लगभग 10 वर्षों के अध्यापन के दौरान उन्होंने लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर राजपत्रित सेवा में खंड विकास अधिकारिक के रूप में लगभग 20 वर्षों की सेवा के पश्चात 2013 में परियोजना निदेशक के पद पर फर्रुखाबाद में तैनात रहे, इसके पश्चात 2017 में जिला विकास अधिकारी, सुल्तानपुर के पद पर नियुक्त रहे।लगभग 30 वर्षों की सेवा के उपरांत जनवरी, 2022 में सेवा निवृत्त होकर सुंदरपुर वाराणसी में आर के पुरम कॉलोनी में निवासरत हैं।
कॉलेज में अध्यापन के दौरान उन्हें कैमेलिन आर्ट डिवीजन बॉम्बे एवम अरविंदो स्पोर्टिंग कल्चरल आर्गेनाइजेशन वाराणसी द्वारा कॉलेज में छात्रों की कलात्मक प्रतिभा को बढ़ाने हेतु उन्हें सम्मानित करते हुए प्रशस्ति पत्र दिया है।डॉक्टर विश्वकर्मा द्वारा बेसेंट थियोसोफिकल हायर सेकेण्डरी स्कूल कमच्छा में कला व शिल्प कला प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जा चुका है, जिसकी सराहना जनपद वासियों द्वारा की जा चुकी है, वे कलाकार भी हैं।
डॉक्टर विश्वकर्मा एक प्रमुख साहित्यकार भी हैं, उनकी अब तक विभिन्न विषयों पर लगभग 06 पुस्तकें लिखी जा चुकी हैं।जिनका विवरण 1 संप्रेषण विधा 1999,2 ग्राम पंचायतों के अभिलेख व उनका रख रखाव 2005, 3 वाणी करे कायाकल्प  सुखमय जीवन 2008,4 वाणी, वाणी प्रबंधन एवं संप्रेषण 2015,5 वक्त के साए, कहानी संग्रह 2017, 6 जीवन की उत्तकृष्टता एवम आत्मोन्नति कैसे? 2021, जो ज्ञान लोक में अवतरित हो चुकी हैं। डॉक्टर विश्वकर्मा को समय समय पर निम्नांकित पुरस्कार व सम्मान प्राप्त हो चुके हैं, जिनका विवरण अधोलिखित है।
1- काशी हिंदू विश्वविद्यालय (शिक्षा संकाय) द्वारा वर्ष 2012 में युवा विभूति सम्मान।
2-  उत्तर प्रदेश कर्मचारी साहित्य संस्थान द्वारा पंडित महावीर प्रसाद द्विवेदी दीर्घ कालीन साहित्यिक सम्मान (2013-14) में  
51000/नकद एवम प्रशस्ति पत्र ।
3- औरैया हिंदी प्रोत्साहन निधि द्वारा श्री कैलाश नारायण गद्य गौरव सम्मान 2014, नकद धनराशि व प्रशस्ति पत्र।
4- उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा 2015 में, बाबू राव विष्णु पराड़कर सम्मान,50000/नकद व प्रशस्ति पत्र।
5- वागविभा फर्रुखाबाद द्वारा भारत भारती भवन फर्रुखाबाद में पंडित सुदर्शन लाल शुक्ल सेनानी साहित्यिक सम्मान व प्रशस्ति पत्र।
6- अभिव्यंजना संस्था, फर्रुखाबाद द्वारा 2016 में राजर्षी टंडन साहित्यिक सम्मान।
7- उत्तर प्रदेश साहित्य संस्थान द्वारा, वक्त के साए, कहानी संग्रह पर 2019 में 1.0 लाख का डॉक्टर विद्या निवास गद्य गौरव सम्मान, प्रशस्ति पत्र।
8- उत्तर प्रदेश कर्मचारी साहित्य संस्थान, द्वारा आयोजित कहानी प्रतियोगिता में चयनित कहानी "फर्टिलाइजर रेड" पर
2100/की नकद धनराशि एवम प्रशस्ति पत्र।
9- सरिता लोक सेवा संस्थान, सहिनवा सुल्तानपुर द्वारा साहित्य गौरव सम्मान व प्रशस्ति पत्र।
इसके अलावा अनेक संस्थाओं द्वारा डॉक्टर विश्वकर्मा को समय समय पर अनेक सम्मानों से विभूषित किया जा चुका है। खंड विकास अधिकारी सदर गाजीपुर में नारी संघ गाजीपुर द्वारा मनरेगा में अच्छे कार्य हेतु सम्मानित किया गया। तत्कालीन विधान सभा अध्यक्ष द्वारा गाँधी महोत्सव गाजीपुर
में अच्छे खंड विकास अधिकारी के रूप में सम्मानित किया जा चुका है।
जनपद सुल्तानपुर में डॉक्टर विश्वकर्मा को पंडित दीन दयाल उपाध्याय जयंती के अवसर पर सभी विकास खंडों में प्रदर्शनी एवं मेला आयोजित करने हेतु जिलाधिकारी द्वारा "अंत्योदय सम्मान"  से भी सम्मानित किया गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नारी सशक्तिकरण अभियान सुल्तानपुर में सफल बनाने में अच्छा कार्य करने एवम महिला बहनों को परामर्श देने हेतु उन्हें "शक्ति सेवा सम्मान" से भी सम्मानित किया जा चुका है।
पंचायत चुनाव, नगरपालिका चुनाव, सांसद, विधायकों के चुनाव कराने हेतु उन्हें राज्य सरकार ने मास्टर ट्रेनर के रूप में नियुक्त किया गया  तथा डॉक्टर विश्वकर्मा के द्वारा चुनाओं में योगदान की सराहना की जा चुकी है।
इसके अलावा डॉक्टर विश्वकर्मा एक प्रमुख वक्ता, मोटिवेशनल स्पीकर, योग प्रशिक्षक भी हैं। डॉक्टर विश्वकर्मा के पास  30 वर्षों का प्रशासनिक अनुभव भी है।जिलाधिकारी द्वारा सौपे जाने पर फर्रुखाबाद में देव पथ पत्रिका का भी संपादन कार्य
वर्ष 2016 में संपादित किया जा चुका है। आल इंडिया रेडियो  वाराणसी, लखनऊ द्वारा डॉक्टर विश्वकर्मा की करीब दो दर्जन वर्ताए शासकीय योजनाओं पर समय समय पर प्रसारित की जा चुकी हैं, और आज भी उनकी वार्ता प्रसारित होती है।
डॉक्टर विश्वकर्मा शिक्षा में भी कई कार्य संपादित किए है, उनके नाम से शिक्षा संकाय, काशी हिंदू विश्वविद्यालय में शोध छात्रों को "बेस्ट पेपर अवार्ड" भी दिया जाता है।
डॉक्टर विश्वकर्मा, एक मिलनसार, ईमानदार ,और बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति है।अधिकारी के रूप में इन्होंने कई जनपदों में दरिद्र नारायणों की बढ़ चढ़ कर सेवा की है। गरीबों की गरीबी दूर करने में इनके द्वारा दिल से प्रयास किया गया है।
समूह से समृद्धि की ओर, कहावत को चरितार्थ करते हुए इनके द्वारा 120 स्वम सहायता समूहों को औराई विकास खंड में समृद्धशाली बनाया गया था, जो अपना अपना व्यवसाय कर रहें हैं।
डॉक्टर विश्वकर्मा इन दिनों वाराणसी में निवासरत हैं, एवं अखिल भारतीय विश्वकर्मा ट्रस्ट वाराणसी, से जुड़ कर मुख्य मार्ग दर्शक की भूमिका का बखूबी निर्वहन कर रहें हैं। ये  योग पर सारगर्भित व्याख्यान देकर लोगों को स्वास्थ्य लाभ करा रहे हैं।

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