बाल दिवस -14 नवंबर

बाल दिवस -14 नवंबर 
बच्चों के प्यारे चाचा नेहरू का, 
जन्म दिवस अति पावन। 
चौदह नवंबर जन्म दिन उनका, 
बाल दिवस सुंदर मन भावन। 

बच्चे मन के सुंदर होते, 
नहीं कोई भेद और द्वेष। 
प्रेम के भूखे, सीधे सरल, 
समझें इनको सदा विशेष। 

कोई भी सरल हृदय का स्वामी, 
अवश्य करता बच्चों से प्यार। 
भविष्य के सुंदर प्रसून ये, 
सुखी रहे इनका संसार। 

बाल रूप में राम, कृष्ण भी, 
देवों, देवियों के थे अति प्यारे। 
निज बाल रूप धर जन्म लिए, 
थे विश्व की आँखों के तारे। 

देवों, गंधर्वों ने गाई प्रशस्ति, 
बाल्य क्रीड़ा थी अति प्यारी। 
रूप, कृत्य से मोहित भुवन, 
माता पिता जाएं बलिहारी। 

बच्चे सच में भविष्य हमारे, 
आशाओं के केंद्रविंदु। 
स्वस्थ, मस्त,शिक्षित बने, 
चमके जैसे पूर्णिमा का इंदु। 

कोई भी बच्चा,कुपोषण का, 
नहीं बने कभी भी शिकार। 
वांछित जरूरतें अवश्य पूर्ण हों, 
परिवार, समाज, राष्ट्र का पाएं प्यार। 

इनका बचपन सुखमय बीते, 
मिले उचित देखरेख, आहार। 
उचित दिशा में करें तरक्की, 
कभी देखनी पड़े न हार। 

माता पिता के सपनों को, 
मिले सदा नूतन आयाम। 
निर्माण करें नेहरू का भारत, 
खुशियाँ मिलती रहें तमाम।

रचनाकार- चंद्रकांत पांडेय 
मुंबई, महाराष्ट्र 

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