विश्व शिक्षक दिवस (05 अक्टूबर)

विश्व शिक्षक दिवस 
शिक्षक  ज्ञान का  सुंदर  वाहक , 
करता ज्ञान का सर्वोत्तम प्रसार । 
खुद    दीपक  सा  जलकर  भी , 
पूरे    समाज   का   करे  उद्धार । 

अनगढ़  पत्थर को मूर्ति  बनाना , 
शिक्षक  का  कार्य  बड़ा  दुष्कर । 
अज्ञान     के    घोर  तिमिर   से  , 
दूर    निकाले   हो  खुद   तत्पर  । 

शिक्षक  सदा पूजित  समाज  में , 
समस्त गुरुजन को  सादर नमन । 
उपाधि ब्रह्मा , विष्णु , महेश  की  , 
कल्याणकारी है  जिनका  कथन । 

विद्या  माता  के   सदृश  हमारी  , 
पिता  सम शिक्षक  को  जानिए । 
यह   परम   ज्ञान मनु   ने   दिया  , 
उन्हें   आदि   गुरु   सम   मानिए । 

 गुरु    वशिष्ठ  ,   गुरु    संदीपनी , 
शिक्षक   एक    से   एक   महान । 
ईश्वर     को    भी  शिष्य   बनाए  , 
स्थापित    किया   उत्तम    स्थान । 

शिक्षक   कर्मठता  की  प्रतिमूर्ति , 
बच्चों   को  आदर्श  बनाता    है  । 
प्रेरित  करता  निरंतर  छात्रों  को  , 
उन्नत , उचित  मार्ग  दिखाता  है  । 

शिक्षक  स्वयं   राष्ट्र   निर्माता  है  , 
खुद   ही   इतिहास   बनाता    है । 
प्रत्येक विषय का  ज्ञान  कराकर  , 
राष्ट्र       निर्माण    सिखाता    है  । 

विश्व शिक्षक दिवस के अवसर पर , 
समस्त  गुरुजन  को  सादर नमन । 
चरितार्थ  करें  अपने  उपाधि  को , 
यही    सभी   का  नम्र    निवेदन  ।

  रचनाकार- चंद्रकांत  पांडेय 
 मुंबई  ( महाराष्ट्र )

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