रक्षाबंधन

रक्षाबंधन 

प्रत्येक भाई बहन का, हार्दिक अभिनंदन, 
अनूठा पर्व यह, प्यारा  रक्षाबंधन।
राखी के  ये सुंदर धागे, प्यार  की  निशानी, 
बड़े   ही  अटूट  ये , प्रेम  की  कहानी।
बहन की रक्षा का प्रण लेता, इस मौके पर भाई, 
बहन भी करती प्रभु से प्रार्थना, अमर रहे मेरा भाई।
राखी का यह  छोटा धागा, होता  बड़ा  ही पावन, 
प्राचीन  बड़ी  यह  परंपरा, सच  में  बड़ी  सुहावन। 
राखी  मर्यादा की रक्षा में, कृष्ण भी दौड़े आए, 
कहीं राह  में रुके नहीं, द्रौपदी  की लाज बचाये।
वीर हुमायूँ भागा -भागा, सेना लेकर आया , 
पूरी शक्ति लगाकर उसने, कर्मवती का सम्मान बढ़ाया।
त्योहारों  का होता लक्ष्य, सभी लोगों को जोड़ना, 
अनमोल राखी का धागा, कभी भी ना तोड़ना।
हर भाई बहन की रक्षा, करने का संकल्प ले आज, 
सम्मान  करे पुरातन मूल्यों का, आदर  देता रहे समाज।

रचनाकार- चंद्रकांत पाण्डेय
मुंबई / महाराष्ट्र

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