अनुराग्यम की ओर से कवयित्री सुशी सक्सेना को मिला स्वर्ण पदक

अनुराग्यम की ओर से कवयित्री सुशी सक्सेना को मिला स्वर्ण पदक 

इंदौर, मध्यप्रदेश : (जिला ब्यूरो चीफ शीतल शैलेन्द्र देवयनी की रिपोर्ट)
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अनुराग्यम की तरफ से इंदौर की सुप्रसिद्ध कवियत्री सुशी सक्सेना को उनके हिंदी साहित्य में योगदान और उनके काम से खुश होकर उन्हें स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सुशी सक्सेना का कहना है कि यह उनके लिए बड़े सौभाग्य की बात है कि वह अनुराग्यम से जुड़ी। और वहां उन जैसे नाचीज़ के काम को वरीयता दी गई और अपनापन और सम्मान मिला। बिना अनुराग्यम के साथ के उनका इस मुकाम पर पहुंचना असंभव था। सहयोग बनाए रखने के लिए समस्त अनुराग्यम परिवार को हार्दिक आभार दिया। इसके लिए उन्होंने अनुरागयम के संस्थापक आदरणीय श्री सचिन चतुर्वेदी और समूह प्रभारी मीनू बाला जी सहित अनुराग्यम टीम के समस्त सदस्यों को हार्दिक धन्यवाद कहा। 

प्रख्यात कवयित्री सुशी सक्सेना को उनके साहित्यिक योगदान के लिए अनुराग्यम की ओर स्वर्ण पदक से नवाजा गया  है। विगत दो वर्षों से वह अनुराग्यम से जुड़ी हुई हैं। अनुराग्यम संस्था साहित्य, कला और विज्ञान के क्षेत्र में सालों से काम कर रही है। जो की हिंदी भाषा में ई पत्रिका कलायात्रा और अंग्रेजी भाषा में लिट्रो फैशनेट ई पत्रिका का प्रकाशन करती है।सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मो के माध्यम से यह संस्था नवोदित कवियों, कलाकारों के लिए प्रतियोगिता का आयोजन करती रहती है जिसमे पूरे भारत और दुनिया के अलग अलग देशों के कलाकार और साहित्यकार अपनी रचना और कलाकृति प्रस्तुत करते हैं।

कवियत्री सुशी सक्सेना की रचनाओं का मुख्य विषय ज्यादातर प्रेम होता है। उनकी पुस्तकों की रचनाएं पाठकों के द्वारा सराही गईं, उनकी रचनाएं विभिन्न पत्रिकाएं, समाचार पत्र, सोशल मीडिया के विभिन्न पटल पर अक्सर प्रकाशित होती रहती है। रसायन विज्ञान में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट सुशी सक्सेना की शिक्षा दीक्षा वैसे तो विज्ञान विषय में हुई, परंतु साहित्य सृजन में उनकी विशेष रुचि शुरू से ही रही है। और लगातार साहित्य सृजन में रत हैं। सुशी सक्सेना मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड के बांदा जिले से हैं परन्तु वर्तमान में इंदौर मध्यप्रदेश में रह रही हैं । वे पेशे से एक वेवसाईट में क्रिएटिव राइटर हैं। और विज्ञापन एजेंसियों के लिए जिंगल लिखती हैं। प्रेम पर जैसी सरल मनोभाव सुशी सक्सेना अपनी कविता में व्यक्त करती है जो सीधे पाठक को अपने दिल से जोड़ती हैं।

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