नशे के गर्त में डूबता भारत का युवा वर्ग

नशे के गर्त में डूबता भारत का युवा वर्ग

इकीसवीं सदी का भारत एक युवा देश है।
जहाँ एक तरफ हम तमाम बुलंदियों को छू रहे है और नए नए कृतिमान स्थपित कर रहे है, वहीं दूरसे ओर भारत का युवा पीढ़ी नशे के गर्त में डूबता जा रहा है।

यह एक सोचनीय विषय है कि जहां सरकार भारत को नशा मुक्त करने के तमाम विज्ञापन और विभिन्न पहलुओं पर काम कर रही है वहीं नशा युवा पीढ़ी के लिए शौक और जरूरत का विषय बनता जा रहा है।

आज कल की शादी, पार्टी और किसी अन्य समारोह में शराब का सेवन तो एक सामान्य सी बात हो गई है, बिना शराब और मादक पदार्थों के यहां अधूरापन दिखायी देता है। कहीं कहीं तो ऐसा भी देखा जा रहा है कि पिता और पुत्र दोनों साथ में बैठ के जाम छलका रहें है और खुद को गौरवान्वित महसूस करा रहें हैं। 

भारत का युवा वर्ग नशे में डूबता हुआ एक समस्या है जिसे समाजिक, स्वास्थ्यिक, और मानसिक समस्याओं का कारण माना जाता है। नशे की लत युवाओं को असामान्य रूप से प्रभावित करती है और उनके भविष्य को भी खतरे में डालती है।

इस समस्या के पीछे कई कारक हो सकते हैं, जैसे कि सोशल दबाव, मानसिक तनाव, असंगठित जीवनशैली, और अन्य सामाजिक मुद्दे। युवा आधुनिक जीवनशैली के दबाव में रहते हैं और विभिन्न माध्यमों के माध्यम से मनोरंजन और संचार करते हैं, जिसमें नशे का सेवन शामिल हो सकता है।

नशे में डूबता हुआ युवा वर्ग विभिन्न तरह के नशे जैसे शराब, धूम्रपान, गुटखा, नशीली दवाओं, और नशीले पदार्थों का सेवन कर सकता है। यह सेवन स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है और नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे युवाओं का शिक्षा, अध्ययन, रोजगार, और सामाजिक संबंधों पर गहरा असर पड़ सकता है।

युवा वर्ग को नशे के नकारात्मक प्रभावों के बारे में जागरूक बनाना बहुत महत्वपूर्ण है। संबंधित संगठन, स्कूल, कॉलेज, और सरकारी अभियांत्रिकीकरण कार्यक्रमों द्वारा नशे के बारे में शिक्षा कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते है।
सामाजिक संगठन और आराम साधन नशे के संघर्ष करने वाले युवाओं को सहायता प्रदान कर सकते हैं। ये संगठन समर्थन, संवेदनशीलता और उपचार सुविधाएं प्रदान करके नशे से मुक्ति के लिए सहायता कर सकते हैं।
परिवार, मित्र, और सामुदायिक सदस्यों का समर्थन युवा व्यक्तियों को मदद कर सकता है। यह मनोवैज्ञानिक सहायता, संघटना कार्यक्रमों, और व्यक्तिगत परामर्श शामिल कर सकता है।

लेखक-
रवि कुमार दुबे
रेनुसागर, सोनभद्र

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