अक्षय तृतीया की शुभ घड़ी है आई

अक्षय तृतीया की शुभ घड़ी है आई
ठंडी ठंडी बयार से प्रफुल्लित हुआ मन,
पंछी भी कितने चहचहाने लगे,
भास्कर का उदित नारंगी संग हुआ आगमन...
बादल भी जैसे नारंगी रूई के फाहे से सुशोभित हुईं,
प्रकृति ने क्या सुबह की मनोरम बेला बिखराई..
रोज़ की भांति पंछियों के दाना, पानी हमने रखा,
क्या बताएं कि मन हमारा कितना खुश हुआ..

अक्षय तृतीया की शुभ घड़ी है आई..
पूजन करें श्री लक्ष्मीनारायण, शिव पार्वती मां का,
सुख, सौभाग्य, समृद्धि हेतु शांतचित्त आराधना करें..
कभी खत्म न होने वाली खुशी, क्षय न होने का दिन,
तृतीया तिथि को मनाई जाती,अक्षय तृतीया का है वो शुभ दिन..
विशेष इसलिए भी हो जाता है आज का दिन,
महर्षि परशुराम के अवतरण का भी है शुभ दिन..
मां गंगा के स्वर्ग से धरती पर अवतरित होने का दिन,
राजा भागीरथ के तपस्या साकार होने का है दिन..
महर्षि वेदव्यास के महाभारत लिखने का है शुभ दिन,
विवाह, गृह प्रवेश, आभूषणों को खरीदने का है शुभ दिन,
पितरों को पिंडदान, तर्पण कर पूर्वजों से आशीष पाने का दिन..
चलो आराधना हम देवी देवताओं  का करें,
धूप, दीप प्रज्जवलित कर घर की खुशियाली के लिए प्रार्थना करें..

रचनाकार- उमा पुपुन
रांची, झारखंड

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