सर्दी का आगमन

सर्दी का आगमन 

सर्दी  का   हो  चुका  आगमन, 
मौसम  अब   बदला -  बदला। 
खुशनुमा   सी   धूप   हो  चली, 
बंद   हुआ   गर्मी   का  हमला। 

शरद  ऋतु   में  बड़े  ही  प्यारे, 
त्योहार    आ   गए  मनभावन। 
तिल, गुण    का   सेवन  करें, 
कुंभ   मेला   में   करे  नहावन। 

गर्म    कपड़ों   से   लदा  शरीर, 
स्वेटर, कंबल, ऊनी  मफलर। 
सुबह,   शाम  अलाव   तापते, 
ठंड    हो     जाती    छू   मंतर। 

शीत  अब   हवा  में    घुल  गई, 
धूप      लगे       अति     प्यारी। 
तरह - तरह की ताजी सब्जियां, 
इस     ऋतु    की      बलिहारी। 

बच्चों     और    जवानों     पर, 
सर्दी      करे     थोड़ी     रहम। 
बूढ़े     और      बीमार    सभी, 
परेशान     रहते     हर     दम। 

सुंदर  यह  मौसम   सभी   हेतु, 
हर    व्यस्था  जिसकी  अच्छी। 
लक्ष्मी  जी    की  कृपा   विशेष, 
बात  यह  सौ   प्रतिशत  सच्ची। 

रचनाकार- चंद्रकांत पांडेय,
मुंबई / महाराष्ट्र

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