दीपावली

दीपावली 
घर-घर फूलों से सजे महके
घर अंगना मनभावन सुन्दर 

रंगोली सजाती हर घर की महिला 
खुद भी सजती, घर भी सजाती। 

बच्चो  संग बड़ो को भी तैयार 
करती चलो दिपावली मनाए कहती। 

पंचदिवसीय यह त्यौहार नही पल भर वह सांस लेती, कोना-कोना 
देख सुन्दर साफ-सफाई करती। ।

हमारे हर त्यौहार की है रहती 
इन्हे फिक्र इन्ही से हमारे
हिन्दू त्यौहारों पर रहती है रौनक 

खन-खन चुडियों से,छम-छम पायल से भर देती सबके दिलों
मे प्रेम रस का झंकार ।।

मान-सम्मान दे भरपूर प्यार दें 
दीपावली पर्व पर इन्हे ढेर सारा 
प्यार भरा उपहार दे।

करे सहयोग उनका, माँ लक्ष्मी सा 
सम्मान दे हर नारी देवी स्वरूप ।।

जो घर को घर नही मंदिर बनाए ।

आओ दीपावली त्यौहार मनाए ।
दीपोत्सव से घर-घर सजाए 

लेखिका- निर्मला सिन्हा
 ग्राम जामरी डोंगरगढ छत्तीसगढ से एक सोशल वर्कर, सोनभद्र आश्रम मानव ट्रस्ट की महिला मंडल की छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष, अखंड राम राज्य परिषद की छत्तीसगढ़ प्रभारी साथ ही एक कवियित्री व एक गृहणी।

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