अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस लैंगिक समानता वर्ष के रूप में मनाया जाएगा : प्रतिभा देवी

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस लैंगिक समानता वर्ष के रूप में मनाया जाएगा : प्रतिभा देवी

- प्रकृति विधान फाउंडेशन द्वारा आयोजित हुआ कार्यक्रम।

-साहित्यकार प्रतिभा देवी, लोकगीत गायिका इंद्रावती देवी नारी शक्ति सम्मान से हुई सम्मानित।

- नारी उत्थान पर हुई चर्चा।

- फगुआ गीतों का हुआ गायन।

सोनभद्र : 

आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष के अंतर्गत मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्राकृतिक विरासत के संरक्षण एवं समृद्धि के लिए संकल्पित प्रकृति विधान फाउंडेशन के तत्वाधान में नई बस्ती स्थित कार्यालय पर साहित्य लेखन के क्षेत्र में आदिवासी जीवन की कृतिकार प्रतिभा देवी व लोकगीत गायन के क्षेत्र में योगदान देने वाली इंद्रावती देवी को कार्यक्रम की अध्यक्ष, पूर्व सभासद एवं तरुण महिला केसरवानी क्लब की महामंत्री शालू केसरी ने बुके, अंगवस्त्रम, स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति पत्र प्रदान कर "नारी शक्ति सम्मान" से सम्मानित किया।
 नारी शक्ति का आवाहन करते हुए उन्होंने कहा कि-"8 मार्च को संपूर्ण विश्व में नारी सशक्तिकरण, नारी अधिकारों की रक्षा एवं देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी के मंत्र बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान को अमलीजामा पहनाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।

  आज का यह दिन महिलाओं के सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक उपलब्धियों को याद करने का दिन है।
   कार्यक्रम की मुख्य अतिथि नारी शक्ति सम्मान से सम्मानित साहित्यकार प्रतिभा देवी ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि-"2022 की महिला दिवस का थीम लैंगिक समानता है इस थीम का रंग पर्पल (न्याय, गरिमा) ग्रीन (उम्मीद) सफेद (शुद्धता) तय किया गया है। नारी साहित्य, कीकला, संस्कृति, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक जीवन की धुरी  रही है और बिना नारी के किसी भी समाज की कल्पना नहीं की जा सकती। आज भारतीय नारी हर क्षेत्र में अपनी उत्कृष्ट योग्यता का डंका पीट रही है।
   विशिष्ट अतिथि के रूप में पारंपरिक लोकगीत गायिका इंद्रावती देवी ने कहा कि- गीत गाने, ढोलक बजाने में हम नारियों का कोई जोड़ नहीं है। हर मांगलिक अवसरों पर इस विधा का महत्व बढ़ जाता है। नारी ही सामाजिक, सांस्कृतिक उत्सव की केंद्र बिंदु सदा से रही है और रहेंगी।
   कवित्री एवं शिक्षिका कुमारी तृप्ति केसरवानी ने कहा कि- हमें अपने अधिकारों के प्रति हमेशा सजग रहना चाहिए, सामाजिक बुराइयों, कुरीतियों का हमेशा डटकर मुकाबला करना चाहिए। हम नारी अधिकारों के शोषकों को पहचाने और उनसे मुकाबला करें। 
शिक्षिका प्रीति शाह ने प्रकृति के संरक्षण के लिए स्लोगन भी दिया-" प्रकृति स्वरूप नारी सभी करे सम्मान,
आइए मिलकर करें नारी के। संपूर्ण समस्याओं का निदान"
  कार्यक्रम में उपस्थित प्राची जायसवाल, सुधा जयसवाल, उर्मिला जयसवाल, जान्हवी, शिव कुमारी वर्मा, सीता केसरी सहित अन्य उपस्थित महिलाओं ने नारी उत्थान विषय पर अपना- अपना विचार व्यक्त किया।  
   कार्यक्रम का संचालन सीता केसरी ने किया।
   इस अवसर पर उपस्थित महिलाओं ने फगुआ गीत‌ का सामूहिक मनमोहक गायन कर एक दूसरे से गले मिलकर होली की शुभकामनाएं भी दिया।
कार्यक्रम के अंत में फाउंडेशन की ओर से सभी उपस्थित अतिथियों को उपहार भी प्रदान किया गया। इस अवसर पर फाउंडेशन के सभी सदस्य एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सोनभद्र के परिषदीय विद्यालयों में राज्य परियोजना कार्यालय लखनऊ की टीम ने की गुणवत्ता को जांच

विशिष्ट स्टेडियम तियरा के प्रांगण में विकसित भारत संकल्प यात्रा सकुशल संपन्न

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ बने विश्व के कीर्तिमान