"प्रयास एक परिवर्तन परिवार का" ने जिला अस्पताल गोरखपुर में मरीजों के परिजनों के लिए रु. 10 में भोजन पुनः शुरू किया

"प्रयास एक परिवर्तन परिवार का" ने जिला अस्पताल गोरखपुर में मरीजों के परिजनों के लिए रु. 10 में भोजन  पुनः शुरू किया

 - अपने अपने जन्मदिन पर हजार हजार लोगों को भोजन कराने का मुदिता व कीर्ति का प्रयास सराहनीय व अनुकरणीय : प्रफुल्ल नगरकर

 गोरखपुर (उ.प्र.) :

 "प्रयास एक परिवर्तन का" परिवार के विचारों से प्रेरित जन जन के सहयोग से चल रहे सेवा के बारे में संयोजक प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि अस्पताल में शहर के बाहर से आये मरीजों की भोजन की समस्याओं को देखते हुए शहर के संवेदनशील जनों के सहयोग से 21 नवम्बर 2019 को रु 10 में भोजन व्यवस्था शुरू की गई थी, जिसमें मरीजों के परिजनों व अन्य जरूरतमंदो को सप्ताह में 6 दिन राजमा चावल, छोला चावल, पुड़ी  हलुआ 21 मार्च 2020 तक प्रदान किया गया।
कोविड19 के कारण ये सेवा स्थगित करना पड़ा, जिसे आज पुनः शुरू किया गया है। जिसमें एक एक हजार जरूरतमंदो के लिए भोजन की व्यवस्था मुदिता श्रीवास्तव व कीर्ति नगरकर ने लेकर अन्नपूर्णा मुहिम में 10 लाख जरूरतमंदो को भोजन उपलब्ध कराने के प्रयास में सहयोग किया।इसके पहले कीर्ति नगरकर के पति प्रफुल्ल नगरकर ने अन्नपूर्णा भोजनालय के लिए स्थान व उसका निर्माण अपने पिता स्व चंद्रकांत नगरकर की स्मृति में कराकर प्रयास एक परिवर्तन का, परिवार को दिया है, जिसमें भोजन निर्माण व वितरण 26 फरवरी से जारी है।
संयोजक प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इस अन्नपूर्णा मुहिम, खाली पेट न सोये कोई, का विचार लेकर शुरू की गई है, से प्रेरित होकर डॉ रूप कुमार बनर्जी,डॉ अनुज श्रीवास्तव,दीपा वर्मा, ज्योत्सना पाल ने 1000--1000 लोगों के लिए, समीक्षक रहमानी,शरद खंडेलवाल ने 3000-3000 हजार लोगों के भोजन व्यवस्था की जिम्मेदारी ली है, साथ साथ अन्य लोगों ने भी सराहना करते हुए यथा सम्भव सहयोग करते हुए भविष्य में भी सहयोग का आश्वासन दिया है, जिसमें बाजार में मिलने वाले रु.35-40/प्लेट भोजन से बेहतर भोजन मात्र रु10 में उपलब्ध कराने का प्रयास है।अगर हम सब भी मुदिता श्रीवास्तव व कीर्ति नगरकर की तरह अपने जन्मदिन पर लोगों को भोजन कराने का विचार लाये व कुछ भी लोगों को जरूरी नहीं है कि 1000को ही, अपनी इच्छानुसार व क्षमतानुसार भोजन कराये तो निश्चित रूप से खाली पेट न सोये कोई,अन्नपूर्णा मुहिम में, सफल हो सकेगा।
         इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी कलीम उल हक ने कहा कि मरीज की देखभाल के साथ साथ भोजन की व्यवस्था करना कठिन होता है व मानसिक तनाव भी रहता है,इसी को ध्यान में रखकर एक समय परिजनों को राहत प्रदान करने की इच्छा से आज 8 मार्च से भर्ती मरीजों  को सुबह 11:30 बजे से मात्र रु 10 में भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें शुरुआत में 200 लोगों के लिए व्यवस्था की गई है ।अस्पताल प्रशासन द्वारा जगह उपलब्ध कराते ही परिजनों के लिए भोजन के साथ साथ चाय नाश्ते की भी व्यवस्था रियायती दर पर  उनकी जरूरत के अनुसार की जाएगी। उपलब्ध संसाधनों को देखते हुए संख्या बढ़ाई भी जा सकती हैं। 
आज भोजन वितरण में प्रफुल्ल नगरकर, मो0 यूसुफ, भानु प्रकाश, अमर नाथ जायसवाल, डॉ सुधाकर श्रीवास्तव, डॉ शोभित, डॉ मुस्तफा, डॉ कमलेश कुमार,अरशद जमाल समानी, का सहयोग रहा,।
 प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने आप अपने लिए आवश्यक भोजन की जानकारी फ़ोन कॉल कर दे सकते हैं व रोज भोजन जिला महिला अस्पताल के गेट के सामने प्राप्त कर सकते हैं या आपके वार्ड में भी उपलब्ध कराया जा सकता है।
वर्तमान में सुबह 10 बजे से अन्नपूर्णा भोजनालय, तिलक मैरिज हॉउस के पहले ,गोरखनाथ मंदिर रोड पर रु 10 में भोजन,रु 5 में चाय प्रदान किया जा रहा है साथ साथ निःशुल्क भोजन वितरण सेवा भी जारी है। 
 प्रफुल्ल नगरकर ने कहा कि हम अपने अपने जन्मदिन पर यदि हम सब थोड़े थोड़े आर्थिक सहयोग सुविधाओं से वंचित व्यक्ति के लिए कर सके तो हम एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकते हैं,शहर के सभी जरूरतमंदों को उनकी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा सकते हैं।
अंत में प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने समाचार पत्रों के माध्यम से आग्रह किया इस बृहद अन्नपूर्णा मुहिम में किसी भी तरह के सुझाव व सहयोग के लिए।
जन जन के सहयोग से की जा रही भिन्न भिन्न सेवाओं के साथ साथ अन्नपूर्णा मुहिम में अनूप सर्राफ, मनकेश्वर पाण्डेय, रूपेश श्रीवास्तव, राजेश चन्द्र, राहिला, प्रशांत, छोटू,नीरज, संजीत कुमार, अजय कुमार, विजय कुमार, नीतिशा, केदार नाथ, कृष्ण मुरारी श्रीवास्तव,सुधीर जैन करुणेश, कृष्णा, दुर्गेश रचना, सीमा, प्रशांत , विनीता, आनंद, विवेक, देवर्षि, संगीता आदि का सहयोग रहा।(सुधीर श्रीवास्तव)

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