गोण्डा के वरिष्ठ कवि सुधीर श्रीवास्तव को मिला साहित्योदय राम रत्न सम्मान

गोण्डा के वरिष्ठ कवि सुधीर श्रीवास्तव को मिला साहित्योदय राम रत्न सम्मान

अन्तर्राष्ट्रीय साहित्य, कला, संस्कृति न्यास साहित्योदय के बैनर तले विगत 5 व 6 दिसंबर 2021 को विश्व कीर्तिमान स्थापित करने वाले 'जन रामायण अखण्ड काव्यार्चन' का आयोजन किया गया। 26 घंटे तक अनवरत चलने वाले इस 'जन रामायण अखण्ड काव्यार्चन' में विश्व भर के 200 से अधिक प्रसिद्ध रचनाकारों ने राम और रामायण से जुड़ी मौलिक रचनाओं का पाठ किया। 

कार्यक्रम का आयोजन ऑनलाइन हुऐ जो 5 दिसम्बर 2021 को प्रातः 8:00 बजे से प्रारम्भ होकर 6 दिसंबर 2021 को सुबह 10:00 बजे सम्पन्न हुआ। इस अखण्ड काव्य पाठ का उद्घाटन प्रख्यात गीतकार बुद्धिनाथ मिश्र जी ने महर्षि वाल्मीकि के आश्रम से किया।
   'जन रामायण अखण्ड काव्यार्चन' के इस महा आयोजन में गोण्डा (उ.प्र.) के वरिष्ठ कवि, साहित्यकार, युवाओं के प्रेरक व्यक्तित्व आ. सुधीर श्रीवास्तव जी ने अपनी रचना "कैकेयी के राम" का अनूठे चिंतन प्रयोग की रचना का काव्य पाठ किया ।
जिसकी चंद पंक्तियाँ प्रस्तुत हैं:-
*"कैकेयी ही थी जो राम को
मर्यादा पुरुषोत्तम राम बना गई
राम को सिर्फ राम न रहने दिया
रामनाम का जीवनमंत्र
कण कण में बसा गई,
राम को राजा राम के बजाय
मर्यादा पुर्षोत्तम राम बना गई,
कलंक का बोझ उठाया फिर भी
दुनिया राममय कर गई
अयोध्या को अयोध्या धाम कर गई
जगत में नाम कर गई।"*
श्री सुधीर श्रीवास्तव जी ने दिनांक 6 दिसंबर 2021 के पूर्णाहुति एवं समापन स्लाट 26 के क्रम में अपना काव्यपाठ किया। जिसका समय सुबह 9:00 बजे से 10:00 बजे का था। स्लाट 26 की संचालिका आदरणीया नीलू सक्सेना 'कस्तूरी' जी रहीं एवं अन्य प्रतिभाग करने वाले कवि रांची, झारखण्ड से आकांक्षा चौधरी, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश से हंसराज सिंह हंस जी, बिजनौर, उत्तर प्रदेश से डॉ अनिल शर्मा अनिल, जमशेदपुर झारखण्ड से विंध्यवासिनी तिवारी एवं अतुल अविरल कष्ट जी रहे। इस अखण्ड काव्य पाठ का संचालन 26 सुप्रसिद्ध एंकरों ने किया और कई अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के साहित्यकार कलाकार अतिथि के रुप में उपस्थित रहे। साहित्योदय चैनल के माध्यम से पूरे विश्व में कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया। भगवान राम पर मौलिक काव्य पाठ का पूरे विश्व में यह पहला और अनूठा आयोजन रहा। साहित्योदय के संचालक और अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष कवि पंकज प्रियम ने बताया कि आयोजन के पीछे एक महत्वपूर्ण उद्देश्य भगवान श्री राम के आदर्शों को जन जन तक पहुँचाना और भगवान श्री राम के प्रति जन जागरण लाना है। इस आयोजन को सफल बनाने में तृप्ति मिश्रा, नंदिता माजी, प्रिया शुक्ला, अंकिता बाहेती, डॉ रजनी शर्मा चंदा, गोविंद गुप्ता, डॉ मधुकर राव लारोकर, श्वेता सिन्हा, संजय करुणेश, सुरेंद्र उपाध्याय, मुकेश शाह, रितु गर्ग एवं हंसराज सिंह 'हंस' सहित अनेक लोग लगे रहे।

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