सीमा वर्णिका जी द्वारा लिखी रचना - बेटियाँ

सीमा वर्णिका जी द्वारा लिखी रचना - बेटियाँ 

 
(बेटियाँ) 

उड़े स्वच्छन्द मुक्त गगन में ।
नभ को छूने की लगन में।
बेटियों को अब पँख दे दो,
दमके स्वर्ण सी तप अगन में ।

शिक्षा के शिखर पर जाएँ। 
ज्ञान की पताका फहराएँ ।
हाथों में कलम थमा दो,
नया इतिहास रच के आएँ। 

माता-पिता का अभिमान ।
बेटियाँ होती घर की शान ।
झोली में खुशियां भर दो,
होठों पर खेले उनके मुस्कान ।।

 -सीमा वर्णिका

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