बेटी दिवस पर 'नव साहित्य परिवार भारत' का संगीता के ई संकलन 'शब्दोपहार' का विमोचन सम्पन्न

बेटी दिवस पर 'नव साहित्य परिवार भारत' का संगीता के ई संकलन 'शब्दोपहार' का विमोचन सम्पन्न
     नव साहित्य परिवार भारत के संस्थापक एवं अध्यक्ष आ.अमित कुमार बिजनौरी जी की दृढ़ इच्छाशक्ति, अदम्य उत्साह एवं अथक परिश्रम से संकलित "शब्दोपहार" ई काव्य पुस्तक श्रृंखला के द्वितीय संकलन का आनलाइन विमोचन 26 सितंबर को वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार आदरणीय सुधीर श्रीवास्तव जी के कर कमलों से उल्लासपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ। 
         अबूहलीफा, कुवैत निवासी(मूलतः म.प्र.,भारत) कवयित्री और नव साहित्य परिवार की वरिष्ठ सदस्या आ. संगीता चौबे पँखुड़ी जी को साहित्यिक संस्था 'नव साहित्य परिवार भारत' ने 26 सितंबर को उनके जन्मदिन पर उनकी रचनाओं के ई काव्य संकलन "शब्दोपहार" का विमोचन कराकर उन्हें शानदार /यादगार तोहफा दिया है।
            पुस्तक का विमोचन करते हुए आदरणीय सुधीर श्रीवास्तव जी ने बताया कि यह पुस्तक आदरणीय अमित कुमार बिजनौरी जी के अथक परिश्रम और चिंतन से तैयार कर दी गई। श्री श्रीवास्तव जी ने श्रीमती संगीता  को जन्मदिन की हार्दिक बधाइयाँ देते हुए उनकी लेखनी और लेखन शैली की प्रशंसा किया तथा विश्वास व्यक्त किया कि 'शब्दोपहार' उनकी काव्ययात्रा  के गुलदस्ते में एक और पुष्प के टंकित होने जैसा है। लेकिन इससे श्रीमती संगीता का आत्मविश्वास और जरूर बढ़ेगा।
           विमोचन के शुभ अवसर पर श्रीमती संगीता को जन्मदिन की हार्दिक बधाइयाँ देते हुए पुस्तक के सम्पादक तथा मंच के संस्थापक एवं अध्यक्ष आदरणीय अमित कुमार बिजनौरी जी, प्रधान संपादक आ. हंसराज सिंह हंस जी, महासचिव डा.मोहित कुमार जी, सलाहकार आ.नरेश द्विवेदी "शलभ" जी, आ. महेन्द्र सिंह "राज" जी, आ. बेलीराम कंसवाल जी, आ. अरविंद कुमार जी, आ. वंदना भटनागर जी, डॉ. पंकज रुहेला जी, आ.प्रियंका अलकनंदनी, आ.मधुसुदन प्रसाद जी, आ. दीपांजलि दूबे, आ.प्रभात कुमार राजपूत, आ. ममता श्रवण अग्रवाल, आ. चेतना श्रीवास्तव, आ.ओम प्रकाश श्रीवास्तव, अआ. अभिषेक मिश्रा, आ. नंदी लाल निराश, डा. पंकज रुहेला,आ. देविना अमर ठकराल, आ. सुनीता मुखर्जी जी और उपस्थित अन्य गणमान्य लोगों ने  विश्वास व्यक्त किया कि संगीता जी अपनी लेखनी से निरन्तर नये आयाम स्थापित करती रहेंगी।
            संवेदनशील व्यक्तित्व  और अनेकों साहित्यिक, सामाजिक मंचों से संबद्ध श्रीमती संगीता जी अपनी साहित्यिक गतिविधियों के सुचारु और सफल क्रियान्वयन का सारा श्रेय अपने परिवार को देती हैं। जो उन्हें निरन्तर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। बिना पारिवारिक सहयोग के एक महिला के लिए समाज मे अपने आप को स्थापित कर पाना बहुत ही मुश्किल होता है।
          श्रीमती संगीता चौबे पँखुड़ी के काव्य संकलन "शब्दोपहार" के  विमोचन पर प्रसन्ना व्यक्त करते हुए अनेक साहित्यिक एवं सामाजिक संस्थाओं तथा संगठनों के पदाधिकारियों, कवियों, लेखकों, साहित्यकारों और गणमान्य लोगों ने खुशी जाहिर करते हुए बधाइयाँ और शुभकामनाएँ देकर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
          अन्त में पुस्तक के विमोचन कर्ता आदरणीय सुधीर श्रीवास्तव जी ने "नव साहित्य परिवार भारत" के संस्थापक एवं अध्यक्ष आदरणीय अमित कुमार बिजनौरी जी की मेहनत और लगन की मुक्त कंठ से प्रशंसा भी किया और संपादक मंडल का भी साधुवाद करते हुए उपस्थित सभी गणमान्य लोगों को बेटी दिवस की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनाएँ प्रदान करते हुए धन्यवाद दिया तथा
    सर्वे भवन्तु सुखिनः,
               सर्वे सन्तु निरामया:।
    सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, 
             मा कश्चित् दुख भाग्भवेत।।
          इस मंगल कामना के साथ विमोचन समारोह को समापन किया।

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