अनूप कुमार श्रीवास्तव द्वारा लिखी गजल -दिवाना हो गया

अनूप कुमार श्रीवास्तव द्वारा लिखी गजल -दिवाना हो गया। 
मुद्दतों  की   प्यास  भी    जागी  हुई,
दिल किसी का अब दीवाना हो गया।1

कल का डूबा चांद  अब निकला है,
 इस रात का जश्न मनाना  हो गया।2

खुश्बुओं के बादल है  बिखरें हुए,
जुल्फों का भी लहराना हो गया।3

इक नया सा गीत तुम भी सुना दो,
आईने  का  कुछ  लजाना हो गया।4

छेड़तें  से गम चुभतीं परछाइयां ,
कुछ खाली  सा पैमाना हो गया ।5

प्यार को भी तरजीह देना सींखिए ,
इस जहां में अब खिलौना हो गया।6

अश्क बहानें  के  रास्तें रोकिए,
फिर वही पे मुस्कुराना हो गया।7

रख लिजिए कीमत अभी लाज कीं,
भलें  अभी  नया  जमाना  हो  गया।8

हर किसी की अपनी अपनी खुशियां,
 हर खुशी  का भी  सजाना हो  गया।9

मात पे गम न शह पे ना हो खुशीं ,
अब  अनुप से मुस्कुराना हो गया।10

-अनूप कुमार श्रीवास्तव 
कानपुर, उत्तर प्रदेश 

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