काव्य गंगा में अवगाहन कराने वाला "मंथन साहित्यिक परिवार" द्वारा आयोजित "काव्य संध्या" कार्यक्रम सफलता पूर्वक सम्पन्न

काव्य गंगा में अवगाहन कराने वाला "मंथन साहित्यिक परिवार" द्वारा आयोजित "काव्य संध्या" कार्यक्रम सफलता पूर्वक सम्पन्न
दिनांक 19 सितम्बर 2021 को "मंथन साहित्यिक परिवार" के तत्वावधान में "काव्य संध्या" कार्यक्रम का आयोजन किया गया; जिसमें देश के कोने कोने से मूर्धन्य कवियों और साहित्यकारों ने भाग लिया। कार्यक्रम का प्रारम्भ वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार आदरणीय हंसराज सिंह "हंस" जी के दोहा छन्द में रचित सरस्वती वंदना एवं वैदिक ऋचाओं के सस्वर पाठ के साथ हुआ। श्री हंसराज सिंह "हंस" जी के मधुर स्वर में मंत्रोच्चार से अनुगूँजित सम्पूर्ण वातावरण मंत्रमय हो गया। देश के कोने कोने से आन लाइन जुड़े हुए मूर्धन्य कवियों ने अपने कोकिल कंठों से छंद की विभिन्न विधाओं में काव्य पाठ कर मंच पर रसों की अविरल और मधुर धारा बहा दिया।
       दिल्ली के वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि आदरणीय प्रदीप मिश्र "अजनबी" जी बतौर मुख्य अतिथि रहे। आपने मधुर काव्य पाठ से उपस्थित समस्त श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करते हुए अपने आशीर्वचनों से सभी को अभिसिंचित किया।
                अन्त में शिक्षा नीति पर डॉक्टर गजानन पांडेय, श्री प्रदीप मिश्र "अजनबी", डॉ. मंगलेश जायसवाल, श्री बच्चूलाल दीक्षित, श्री हंसराज सिंह "हंस", श्री प्रकाश हेमावत, आ. मीना गर्ग, श्री राजीव रंजन, डॉ शशि कला अवस्थी, श्री पूनम चंद यादव, श्री चतर सिंह गहलोत, श्री विजय सिंह गुड्डू एवं आ.पूजा सिंह ने विस्तार से चर्चा किया और इस विषय पर एक वेबीनार कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया। कार्यक्रम संचालिका श्रीमती अंबिका प्रदीप शर्मा एवं आदरणीय बच्चू लाल दीक्षित के साथ मंच पर उपस्थित समस्त विद्वानों ने गहन चिन्तन करते हुए शिक्षा नीति की रोजगारोन्मुखी अवधारणा को मूर्तरूप देने में शिक्षा क्षेत्र से जुड़े मनीषियों और समाज के प्रवुद्ध वर्ग से अपना सहयोग देने का आवाहन किया।
              हमारे कई साथी भाई बहन तकनीकी समस्या व व्यक्तिगत कारणों से नहीं जुड़ सके पर उनकी शुभकामनाएँ मंच के प्रति समर्पित रहीं जिसकी सूचनाएँ  प्राप्त हुईं।
            कार्यक्रम के अन्त में आदरणीय हंसराज सिंह "हंस" जी ने मुख्य अतिथि श्री प्रदीप मिश्र "अजनबी" जी को आशीर्वचन के लिए आमंत्रित किया। उनके आशीर्वचनों के पश्चात कार्यक्रम के मुख्य सूत्रधार आ.बच्चूलाल दीक्षित जी ने डॉ. मंगलेश जी एवं श्री राजीव रंजन जी को कार्यक्रम सम्पन्न करने का संकेत किया जिन्होंने "मंथन साहित्यिक परिवार" की ओर से सभी का हार्दिक आभार ज्ञापित किया। इस प्रकार बहुत ही शान्ति और सौहार्द पूर्ण वातावरण में कार्यक्रम सम्पन्न हो गया।
   संयोजक मण्डल के रुप में 
बच्चूलाल दीक्षित, हंसराज सिंह "हंस", डाॅ.मंगलेश जायसवाल, अम्बिका प्रदीप शर्मा एवं रश्मि पाण्डेय जी रहीं।

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