वैदिक ऋचाओं से अनुगूँजित वातावरण में 'नव साहित्य परिवार भारत' द्वारा सम्पादित ई पुस्तक 'शब्दोपहार' का विमोचन सम्पन्न

वैदिक ऋचाओं से अनुगूँजित वातावरण में 'नव साहित्य परिवार भारत' द्वारा सम्पादित ई पुस्तक 'शब्दोपहार' का विमोचन सम्पन्न
     नव साहित्य परिवार भारत के संस्थापक एवं अध्यक्ष आ.अमित कुमार बिजनौरी जी की दृढ़ इच्छाशक्ति, अदम्य उत्साह एवं अथक परिश्रम से संकलित "शब्दोपहार" ई काव्य पुस्तक श्रृंखला के प्रथम संकलन का विमोचन 18 सितंबर को वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार आदरणीय हंसराज सिंह "हंस" के कर कमलों से वैदिक मंत्रोच्चार से अनुगूँजित सुन्दर वातावरण में सम्पन्न हुआ। 
         तोपा, रामगढ़, झारखंड की युवा कवयित्री और नव साहित्य परिवार भारत की निदेशिका श्रीमती ममता मनीष सिन्हा जी को साहित्यिक संस्था 'नव साहित्य परिवार भारत' ने 18 सितंबर को उनके जन्मदिन पर उनकी रचनाओं के ई काव्य संकलन "शब्दोपहार" का शानदार तोहफा दिया है।
            पुस्तक का विमोचन करते हुए आदरणीय हंसराज सिंह "हंस" जी ने बताया कि यह पुस्तक आदरणीय अमित कुमार बिजनौरी जी के अथक परिश्रम से मात्र एक दिन में ही तैयार कर दी गई। श्री हंस जी ने श्रीमती सिन्हा को जन्मदिन की हार्दिक बधाइयाँ देते हुए उनकी लेखनी और लेखन शैली की प्रशंसा किया तथा विश्वास व्यक्त किया कि 'शब्दोपहार' से शुरू हुई उनकी यह काव्ययात्रा मात्र शुरुआत है। लेकिन इससे श्रीमती सिन्हा का आत्मविश्वास जरूर बढ़ेगा।
           विमोचन के शुभ अवसर पर श्रीमती सिन्हा को जन्मदिन की हार्दिक बधाइयाँ देते हुए पुस्तक के सम्पादक तथा मंच के संस्थापक एवं अध्यक्ष आदरणीय अमित कुमार बिजनौरी जी, संरक्षक आ.सुधीर श्रीवास्तव जी, महासचिव डा.मोहित कुमार जी, सलाहकार आ.नरेश द्विवेदी "शलभ" जी, आ. महेन्द्र सिंह "राज" जी, आ. बेलीराम कंसवाल जी, आ. अरविंद कुमार जी, आ. वंदना भटनागर जी, डॉ. पंकज रुहेला जी, आ.शहनाज बानो जी, आ.मधुसुदन प्रसाद जी, आ. सुनीता मुखर्जी जी और आ.ममता जी के पतिदेव आ.मनीष सिन्हा जी तथा उपस्थित अन्य गणमान्य लोगों ने  विश्वास व्यक्त किया कि ममता जी अपनी लेखनी से निरन्तर नये आयाम स्थापित करती रहेंगी।
     ज्ञातव्य है कि अनेक साहित्यिक, सामाजिक सम्मान प्राप्त मृदु भाषिणी श्रीमती सिन्हा जी 'मेरी लेखनी साहित्यिक मंच' की संस्थापिका एवं संचालिका, 'शब्द सुमन साहित्यिक मंच' की व्यवस्थापिका, आयोजिका, 'साहित्य सृजन मंच' की विशिष्ट सलाहकार के अतिरिक्त अनेकानेक संस्थाओं और मंचों को भी प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रुप से अपना सहयोग देने को सदैव तत्पर रहती हैं।
        श्रीमती सिन्हा अपनी साहित्यिक गतिविधियों के सुचारु और सफल क्रियान्वयन का सारा श्रेय अपने परिवार को देती हैं। उनका कहना है कि वे बहुत ही सौभाग्यशाली हैं जो उन्हें पहले मायके में माता श्रीमती वीणा देवी, पिता श्री गजाधर प्रसाद श्रीवास्तव एवं भाई राजीव, संजीव एवं विशाल का और अब ससुराल में सास श्रीमती कनक लाला, ससुर श्री रविन्द्र प्रसाद लाला और पति श्री मनीष कुमार सिन्हा का सहयोग और समर्थन मिल रहा है; जो उन्हें निरन्तर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। बिना पारिवारिक सहयोग के एक महिला के लिए समाज मे अपना नाम स्थापित कर पाना बहुत ही मुश्किल होता है।
          श्रीमती सिन्हा के काव्य संकलन "शब्दोपहार" के विमोचन पर साहित्य जगत से वरिष्ठ कवि आ.सतीश मापतपुरी जी, आ.सुरेन्द्र सागर जी, आ.सतीश दीक्षित जी, आ.सूर्यप्रकाश श्रीवास्तव 'सूर्य' जी सहित राजनीतिक एवं समाजसेवा क्षेत्र से जुड़े आ.श्री चन्द्र प्रकाश चौधरी जी (सांसद, गिरिडीह संसदीय क्षेत्र), आ.श्री रामचंद्र सईस जी (पूर्व मंत्री झारखण्ड सरकार) एवं आ.श्री लंबोदर महतो जी (विधायक गोमिया विधानसभा क्षेत्र) सहित अनेक साहित्यिक एवं सामाजिक संस्थाओं तथा संगठनों के पदाधिकारियों, कवियों, लेखकों, साहित्यकारों और गणमान्य लोगों ने खुशी जाहिर करते हुए बधाइयाँ और शुभकामनाएँ देकर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
          अन्त में पुस्तक के प्रधान संपादक एवं विमोचन कर्ता आदरणीय हंसराज सिंह "हंस" जी ने "नव साहित्य परिवार भारत" के संस्थापक एवं अध्यक्ष आदरणीय अमित कुमार बिजनौरी जी की मेहनत और लगन की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते किया और उपस्थित  सभी गणमान्य लोगों को हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनाएँ प्रदान करते हुए धन्यवाद दिया तथा
    सर्वे भवन्तु सुखिनः,
               सर्वे सन्तु निरामया:।
    सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, 
             मा कश्चित् दुख भाग्भवेत।।
          इस मंगल कामना के साथ विमोचन समारोह को सम्पन्न किया।

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