सरिता सिंह द्वारा लिखी रचना- कहो साजन, कहाँ तक साथ दोगे ?

सरिता सिंह द्वारा लिखी रचना-  कहो साजन, कहाँ तक साथ दोगे ?


कहो साजन, कहाँ तक साथ दोगे ?

क्या केवल उपवन और पुष्प की क्यारियों में ।
या जीवन की दुश्वारियां में भी साथ दोगे।।

क्या जीवन के अनगिनत  आते पड़ाव में ।
या सुख-दुख के उतार-चढ़ाव में भी साथ दोगे।

 कहो साथी क्या केवल संग बैठ मयखाने में ।।
या कांटो भरे जीवन के कैदखानो  में भी साथ दोगे।

रहोगे पास चमकते तारों के संग चांदनी रातों में।
या दुख की काली बरसातों में भी साथ दोगे।।

क्या केवल भीड़ भरी सजी महफिलों में ।।
या जहमत और जिल्लत की सड़कों पर भी साथ दोगे।

क्या रहोगे साथ केवल हुस्न की रौशनाईयों  में।
 या ढलती उम्र की निगलती तनहाइयों में भी साथ दोगे।


-सरिता सिंह
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश 

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