कल का शिलालेख लिखती "लेखनी" है डॉ सत्या होप टॉक

वाराणसी : 

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक एवं डॉ सत्या होप टॉक नाम से सोशल मीडिया एजुकेशन रिफॉर्म चला रहे डॉ सत्य प्रकाश पांडेय ने देश के पत्रकारों, कवियों,  शिक्षाविदों, तथा साहित्यकारों का सम्मान अपनी कविता के माध्यम से किया है. उनकी कविता हे! लेखनी! कुछ सोशल मीडिया के एक्टिविस्ट और पत्रकारों के लिए एक सम्मान के रूप में मानी जा रही है.कविता के माध्यम से कवि के साथ काफी कार्यक्रम और मीट कार्यक्रम के लिए आह्वान करते हुए  वैज्ञानिक ने यह कविता प्रस्तुत की है.

हे लेखनी!
तू ही साथ रह!

हे लेखनी!
तू ही साथ रह!

कितने रहस्यों के परत!
तू खोल देती!
कितने रहस्यों को!
 निरंतर जन्म देती!

हे लेखनी!
तू साथ रह!

जहाँ भी ठिठक कर! रुक जाती!
लिख जाती है तू अमिट!

जहाँ पर तू दृष्टि को है साध देती!
बदल देती है जगत का दृष्टिकोण!

हे लेखनी!
तू साथ रह!

थोथा था!
चीखता! चित्कार करता!
यह मन!अनमना सा!
घूमता था यहां वहां!
रेंगता था!

पर!
खींच लिया तूने!
अपने आगोश मे!
हे! लेखनी!

हाँ,
खींच लिया तूने!
अपने परिपेक्ष मे!

देख फिर!
लिखने लगा है वही!
मन बुनने लगा है!
एक नव चेतन!

लेखनी!
तूने रच दिया!
आज एक नवीन पन्ना!

बनेगा जो! कल का शिलालेख!निश्चित!

लेखनी!
तूने रच दिया!
आज एक नवीन पन्ना!
बनेगा जो! कल का शिलालेख!निश्चित!

हे लेखनी!
तू साथ रह!
बस चलती रह!
यूँ ही निरंतर!
यूँ ही निरंतर!

नव दिवस!
तुम रोज रच दे!
वर्ष को उत्सव बना! उत्सर्ग कर दे!
हे! लेखनी!
तू साथ रह!

✍️
(डॉ सत्य प्रकाश मास्टरी फॉर एजुकेशन एंड एंपावरमेंट ऑफ टैलेंट MEET और कवि के साथ काफी के माध्यम से सभी साहित्यकारों और शिक्षाविदों को निमंत्रित करते हैं कि वे अपनी बात उनके कार्यक्रम में रखकर शिक्षा से परिपूर्ण कर दे!
डॉ सत्य प्रकाश जी का संपर्क -  9415812128
वैज्ञानिक काशी हिन्दू विश्वविद्यालय

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सोनभद्र के परिषदीय विद्यालयों में राज्य परियोजना कार्यालय लखनऊ की टीम ने की गुणवत्ता को जांच

विशिष्ट स्टेडियम तियरा के प्रांगण में विकसित भारत संकल्प यात्रा सकुशल संपन्न

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ बने विश्व के कीर्तिमान