01 जुलाई से 31 अगस्त तक मछली मारना हुआ निषेध

सोनभद्र 

           जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने उ. प्र. अधिनियम 1948 की धारा की उपधारा ( 1 ) के अन्तर्गत शासनादेश संख्या -778 / 12 - एफ / 1948 , दिनांक 11 सितम्बर , 1954 के शासनादेश संख्या -347 / 12-90 / 1947 दिनांक 30.05.1963 द्वारा निर्गत नियम के उप नियम 1 से 4 को तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्देश दिए है । यह आदेश उन सभी तालाबों , जलाशयों , नदियों की समस्त जल धाराओं पर प्रभावी होंगें जो सोनभद्र जनपद की सीमा में है , और जिला मजिस्ट्रेट सोनभद्र द्वारा यथाविधि व्यक्तिगत अथवा धार्मिक नहीं घोषित किये गये हो । कोई भी व्यक्ति विस्फोटक पदार्थ अथवा कृषि रक्षा एवं व्यापारिक कार्य में प्रयुक्त होने वाले विषैले रसायन से मछली नहीं मारेगा और न ही मारने के प्रयास करेगा।कोई भी व्यक्ति 15 जुलाई  2020 से 30 सितम्बर , 2020 तक मत्स्य जीरा अथवा अंगुलिका ( 2 से 10 इंच ) आकार की न तो पकड़ेगा और न ही बेचेगा तथा 01 जुलाई  2020 से 31 अगस्त 2020 तक प्रजजन शील मछलियों को न तो पकडेगा , न ही मारेगा और न ही बेचेगा जब तक कि उसके पास मत्स्य विभाग सोनभद्र उ. प्र. द्वारा निर्गत वैद्य लाइसेन्स न हो । यह प्रतिबन्ध शासनादेशानुसार परिशिष्ट एवं समय - समय पर शासनादेश द्वारा इसमें की गयी संशोधन के अनुसार जल खण्डों पर लागू होगा ।
      कोई भी व्यक्ति उक्त निर्देशित क्षेत्र के प्राकृतिक बहाव को रोकने के लिए कोई अवरोध नहीं लगायेगा और ऐसा करके मत्स्य जीरा , अंगुलिका और मछली नहीं पकड़ेगा अथवा नष्ट करेगा और न ही पकड़ने अथवा नष्ट करने का प्रयास करेगा । इन आदेश के उल्लंघन में लगाये गये अवरोधक सामग्रियों तथा पकड़े गये मत्स्य जीरा एवं मछली सहित जब्त कर ली जायेगी । उपरोक्त आदेशों का उल्लंघन उ. प्र. मत्स्य अधिनियम -1948 के अन्तर्गत दण्डनीय होगा।

   

     - ब्लॉक ब्यूरो चीफ गोविन्द प्रसाद पाण्डेय की रिपोर्ट 

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