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आलेख - बदलते दौर में रक्षाबंधन

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आलेख -  बदलते दौर में रक्षाबंधन        रक्षाबंधन यानी रक्षा का बंधन। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हर वर्ष इस पर्व को मनाया जाता है।     रक्षाबंधन मनाने के कारणों के अनेक उदाहरण हम सभी के संज्ञान में है। परंतु जहां तक बदलते परिवेश में रक्षाबंधन की बात है तो समय के साथ इस पवित्र पर्व पर भी बदलाव की बयार का असर पड़ा ही है।          आधुनिकता और बढ़ती शैक्षणिक योग्यता ने भी अपना व्यापक प्रभाव इस पर्व पर डाला है।     सबसे पहले मूहूर्त लेकर भी तरह तरह की सूचनाएं भ्रमित करती हैं। इसके लिए संचार माध्यमों और सोशल मीडिया का बहुतायत सुलभ सुगमता भी बड़ा कारण है। पहले के समय में हमारे पुरोहित घर आकर जो दिन तिथि बता देते थे वहीं पक्का हो जाता था। लोग हंसी खुशी से दिनभर पर्व का आनंद लेते थे और यथा सुविधा समय से रक्षाबंधन बंधवाते रहे।        पुराने समय में स्वनिर्मित राखियां, कच्चे धागे प्रचलन में थे जबकि आज सब कुछ रेडीमेड हो रहा है, विभिन्न प्रकार की महंगी राखियां भी बाजारों में उपलब्ध हो जाती हैं, अब तो चांदी की राखियां भी काफी प्रचलन में आ रही हैं/गई है

आइये पढ़ते हैं पं० आशीष मिश्र उर्वर जी द्वारा लिखी रचना- यादें

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आइये पढ़ते हैं पं० आशीष मिश्र उर्वर जी द्वारा लिखी रचना- यादें    यादें  भुलाओगे जितना पास आती हैं यादें, अकेले में अक्सर रूलाती हैं यादें । अपना बनाकर सताती हैं यादें, रूलाती हैं हमको हंसाती हैं यादें। जगाती हैं हमको सुलाती हैं यादें, यादों में अक्सर याद आती हैं यादें। दिल के कोने में बस जाती हैं यादें, रह रह कर अक्सर चुभ जाती हैं यादें। हर मौसम में याद आती हैं यादें, मगर कम नहीं कुछ तरक्की की यादें, हर सुख-दुख के लम्हें बताती हैं यादें। जीवन को राह दिखाती हैं यादें, हर लम्हो की याद दिलाती हैं यादें। हर पल याद में चुभ जाती हैं यादें, बीते हुए कल को बताती हैं यादें। गुनाहों को तेरे गिनाती हैं यादें , हंसाती हैं हमको रूलाती हैं यादें। जिंदगी की दूरियां मिटाती हैं यादें, गिराती हैं हमको उठाती हैं यादें। जीवन की कड़ियां बनाती हैं यादें , चुभा कर हृदय को दुखाती हैं यादें। हर सुबह कुछ नया सिखाती हैं यादें, बिन मौसम बरसात कराती हैं यादें। भुलाओगे जितना पास आती हैं यादें , अकेले में अक्सर रूलाती है यादें।। साहित्यकार एवं रचनाकार-  पं० आशीष मिश्र उर्वर कादीपुर, सुल्तानपुर समाचार व

अंजाम

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अंजाम  खतरों     से      खेलने     वाले ,  अंज़ाम    नहीं     ध्यान   करते ।  दिन    रात     कर्मशील   बनते ,  प्रतिपल  उद्देश्य  में आगे  बढ़ते।  सीमा    पर     तैनात   सिपाही ,  खतरे  से  नहीं  बिल्कुल  डरता।  जान     हथेली     पर     लेकर , कदम  दर  कदम  आगे  बढ़ता।  विद्यार्थी    पूरी    तन्मयता   से ,  निज  विद्याभ्यास  में  लीन रहे ।  शिक्षक   अपनी   कक्षाओं    में ,  कर    समर्पण     तल्लीन   रहे ।  क्या  होगा    अंज़ाम    सोचकर ,  कभी     नहीं     घबराया  करते ।  पूरी     ताक़त   लगा   कार्य   में  ,  अपनी किस्मत आजमाया करते ।  अंज़ाम  मिले    मनमाफिक   तो ,  खुशियाँ   दरवाज़े   दस्तक  देती ।  असफलता दुर्भाग्य से मिले अगर ,  फिर   प्रयत्न   का  अवसर  देतीं ।  रचनाकार- चंद्रकांत पांडेय मुंबई / महाराष्ट्र

हम तुम्हारे हुए

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हम तुम्हारे हुए तुम हमारे हुए,  कितने प्यारे हुए।  इक मुलाक़ात में,  हम तुम्हारे हुए।।  इश्क़ आगाज़ है,  चांदनी रात है,  जगमगाता ये तारों की बारात है। हौले-हौले मोहब्बत की शुरुआत है,  आशिकाना सनम तेरा अंदाज़ है।  दोनों इक दूजे के अब सहारे हुए। इक मुलाक़ात में, हम तुम्हारे हुए।।  तेरा-मेरा सनम तार जबसे जुड़ा,  सारी दुनिया का है होश तबसे उड़ा।  मिल गई क़ामयाबी हमें चाँद की,  राह मुश्किल था बेशक़ फ़तह है बड़ा।  ख़्वाब बरसों के पूरे वो सारे हुए।  इक मुलाक़ात में,  हम तुम्हारे हुए।।  रचनाकार-  शेख रहमत अली "बस्तवी" बस्ती (उ, प्र,) 

रक्षाबंधन

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रक्षाबंधन  प्रत्येक भाई बहन का, हार्दिक अभिनंदन,  अनूठा पर्व यह, प्यारा  रक्षाबंधन। राखी के  ये सुंदर धागे, प्यार  की  निशानी,  बड़े   ही  अटूट  ये , प्रेम  की  कहानी। बहन की रक्षा का प्रण लेता, इस मौके पर भाई,  बहन भी करती प्रभु से प्रार्थना, अमर रहे मेरा भाई। राखी का यह  छोटा धागा, होता  बड़ा  ही पावन,  प्राचीन  बड़ी  यह  परंपरा, सच  में  बड़ी  सुहावन।  राखी  मर्यादा की रक्षा में, कृष्ण भी दौड़े आए,  कहीं राह  में रुके नहीं, द्रौपदी  की लाज बचाये। वीर हुमायूँ भागा -भागा, सेना लेकर आया ,  पूरी शक्ति लगाकर उसने, कर्मवती का सम्मान बढ़ाया। त्योहारों  का होता लक्ष्य, सभी लोगों को जोड़ना,  अनमोल राखी का धागा, कभी भी ना तोड़ना। हर भाई बहन की रक्षा, करने का संकल्प ले आज,  सम्मान  करे पुरातन मूल्यों का, आदर  देता रहे समाज। रचनाकार- चंद्रकांत पाण्डेय मुंबई / महाराष्ट्र

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ बने विश्व के कीर्तिमान

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इसरो प्रमुख एस सोमनाथ बने विश्व के कीर्तिमान   कई युगों-जन्मों का सपना।                   लैंडर विक्रम चन्द्रयान ने,  पूरा किया, चन्दा है अपना।।                नेटवर्क वैज्ञानिक समूह,          चांद दक्षिणी ध्रुव चिन्हित प्रत्युह।          भारत "शिवशक्ति" नाम प्वाइंट पर, विश्वजयीअगस्त क्रान्ति तिरंगा फहराकर।।        विश्व में जो था असंभव।        मानव के लिये अब हुआ है संभव।।   अमेरिका, चीन, रुसआदि देशों ने,  भय खाकर वापस लौटा है।                 चौथा भारत देश हुआ,  जो चंद्रतल पर यह विजय तिरंगा फहराया है।।    महान् चार उपलब्धियां :-  अन्तरिक्ष विज्ञान की अद्भुत क्षमता।१  ब्रह्माण्ड रहस्यों का उद्घाटन। २             स्वदेशी उपकरणों की ताकत स्वालंबन ३,              विश्व वैज्ञानिक तकनीक प्रख्यात ४ न।।            चन्द्र परम्परा :-           चन्द्र किरण में अमृत बसती,                शीतलता जग में उड़ेलती। कितने शीतल कतने निर्मल ,              मनभावने, सलोने सुन्दर।। बनते-बिगड़ते रुप तुम्हारे,                   सबसे दुलारे सबके प्यारे।। उपमा, अनन्य -कल्पनाएं :-         

नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय में संस्कृत दिवस पर आयोजित हुए विविध कार्यक्रम

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नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय में संस्कृत दिवस पर आयोजित हुए विविध कार्यक्रम  प्रयागराज : (जिला संवाददाता डॉ आलोक कुमार विश्वकर्मा की रिपोर्ट) नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय प्रयागराज के ज्योतिष कर्मकाण्ड वास्तुशास्त्र एवं संस्कृत विभाग में आज दिनांक 30 अगस्त 2023 को संस्कृत दिवस समारोह सम्पन्न हुआ, जिसमें स्नातक तृतीय सेमेस्टर, पंचम सेमेस्टर तथा एम् .ए. तृतीय सेमेस्टर तथा ज्योतिष, कर्मकाण्ड, वास्तुशास्त्र डिप्लोमा के छात्र- छात्राओं के बीच श्लोक पाठ प्रतियोगिता आयोजित की गयी, जिसमें ज्योतिष, कर्मकाण्ड एवं वास्तुशास्त्र डिप्लोमा के छात्र शिवेश शास्त्री ने अपने श्लोक पाठ से समस्त विद्वज्जनो को मन्त्र मुग्ध कर दिया, निर्णायक मण्डल ने उसे प्रथम स्थान प्रदान किया वहीं स्नातक तृतीय सेमेस्टर की छात्रा कु.नेहा मिश्रा को द्वितीय स्थान, स्नातक पंचम सेमेस्टर की छात्रा रानी मौर्य तथा एम्.ए. तृतीय सेमेस्टर की छात्रा रंजना यादव तथा स्नातक प्रथम सेमेस्टर की छात्रा स्वाती यादव तथा शौर्य शुक्ल को द्वितीय स्थान और स्नातक तृतीय सेमेस्टर की छात्रा शिवानी दुबे, पूर्वा यादव, सेजल

हापुड़ में अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज के दोषी पुलिस अधिकारियों को निलंबित करें मुख्यमंत्री : राकेश शरण मिश्र

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हापुड़ में अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज के दोषी पुलिस अधिकारियों को निलंबित करें मुख्यमंत्री : राकेश शरण मिश्र - हापुड़ में अधिवक्ताओ पर बर्बर लाठीचार्ज से प्रदेश भरके अधिवक्ताओ में आक्रोश - सँयुक्त अधिवक्ता महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर ब्यक्त किया आक्रोश एवम एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट जल्द लागू करने हेतु की अपील (घायल अधिवक्ताओं के समुचित इलाज की और मुआवजे की किया माँग) सोनभद्र : (जिला ब्यूरो चीफ पवन कुमार की रिपोर्ट)  हापुड़ जनपद के अधिवक्ताओं द्वारा शांतिपूर्ण धरना रत अधिवक्ताओं पर हापुड़ जनपद की पुलिस द्वारा किए गए बर्बर लाठीचार्ज से आहत सँयुक्त अधिवक्ता महासंघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर घटना में शामिल दोषी पुलिस अधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध प्रथम सूचना दर्ज कर कठोर दंडात्मक कारवाई की पुरजोर माँग की है।  उन्होंने पत्र में लिखा है कि हापुड़ में अधिवक्ताओं पर किए गए बर्बर लाठीचार्ज से प्रदेश भर के अधिवक्ताओं में अत्यधिक गुस्सा और आक्रोश ब्याप्त है। उत्तर प्रदेश जनपद हापुड़ की पुलिस के इस कृत्य से प्रदेश के अधिवक्ताओं के अंदर योग

राखी बांधकर पौध संरक्षण का लिया संकल्प

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राखी बांधकर पौध संरक्षण का लिया संकल्प सोनभद्र : (जिला ब्यूरो चीफ पवन कुमार की रिपोर्ट) कंपोजिट विद्यालय पल्हारी नगवा सोनभद्र पर रक्षाबंधन के के अवसर पर बच्चों ने विद्यालय परिसर में रोपति पौधों को राखी बांधकर उनके संरक्षण का संकल्प लिया।  इस अवसर पर बच्चों ने एक-एक पौधा गोद लिया और उसे राखी बांधकर उसके रखवाली की जिम्मेदारी भी ली। शिक्षक डॉक्टर बृजेश कुमार सिंह ब्लॉक स्काउट मास्टर नगवा सोनभद्र में बताया कि जिस तरह एक भाई रक्षा सूत्र बधवा कर बहन की रक्षा करता है उसी तरह विद्यालय के छात्र और छात्राएं वृक्षों को रक्षा सूत्र बांधकर उनकी रक्षा करेंगे और पर्यावरण को संतुलित बनाने में अपना योगदान देंगे। रक्षाबंधन का त्यौहार भाई और बहनों का त्यौहार है यह सावन पूर्णिमा को मनाया जाता है यह पर भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक है  अता उपस्थित छात्रों को छात्राओं ने उनकी कलाई पर राखी बाद कर उनसे रक्षा का वचन दिया इसके बदले में छात्रों ने सभी छात्राओं को उपहार स्वरूप स्टेशनरी का सामान दिया।  इस अवसर पर डॉक्टर बृजेश महादेव के साथ शिव शंकर मसान और उर्मिला देवी भी बच्चों की मदद की औ

बड़े हर्षोल्लास के साथ मना चतुर्थ स्थापना दिवस महा महोत्सव एवं कवि सम्मेलन व सम्मान समारोह संपन्न

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बड़े  हर्षोल्लास के साथ मना चतुर्थ स्थापना दिवस महा महोत्सव एवं कवि सम्मेलन व सम्मान समारोह संपन्न लखनऊ :  मार्तण्ड साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं समाजिक संस्था के संस्थाध्यक्ष डॉ० एस.पी. रावत एवं मुख्य सचिव सुरेश कुमार राजवंशी के द्वारा आयोजित आज दिनांक 29 अगस्त 2023 को मार्तण्ड साहित्यिक सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था भारत पंजीकृत लखनऊ के चार वर्ष पूर्ण होने पर संस्था का स्थापना दिवस बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया।  इस उपलक्ष्य में सरस कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।वरिष्ठ साहित्यकार सुबोध कुमार शर्मा शेरकोट गदरपुर उत्तराखण्ड की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि वरिष्ठ गीतकारा सुश्री लक्ष्मी करियारे जांजगीर छत्तीसगढ़ विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ गजलकार अरविंद असर नई दिल्ली अति विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार महेंद्र भट्ट ग्वालियर मध्य प्रदेश विशेष अतिथि डाॅ• जगन्नाथ भारती 'बैरागी' उन्नाव तथा सचिव बिहार प्रो० जयनाथ सिंह गया बिहार, सचिव उत्तरा खण्ड रामरतन यादव उत्तराखण्ड, सचिव राजस्थान आभा मिश्रा राजस्थान सचिव छत्तीसगढ़ सुश्री लक्ष्मी करियारे चंपा

जीवन साथी

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जीवन साथी    साथ    निभाए   जीवन    भर  ,  हमको    ऐसा   साथ   चाहिए ।  पथरीले   जीवन     पथ    पर   ,  जीवन  साथी का  हाथ चाहिए । एक की भावना समझ सके जो ,  कुछ     भी       बिना     बताये ।  अहसासों    को  एक  दूजे   के ,  जान   सके  जो   बिना  जताये । कष्ट   एक   का  नही   अकेला ,  दूजे       का        बन     जाए  ।  पल   पल  लगे वर्ष   के   जैसा ,  विलग    नही       रह      पाए  । दिल   होकर  भी अलग  अलग ,  पर     धड़कन      एक      रहे  ।  शब्द   और   अर्थ  सा  मिलकर ,  जीवन      में      संगीत     बहे  । खुशी  एक  हो, गम  भी एक हो ,  दोनों     हारने      को     तैयार  ।  नहीं   जीत  की   कोई  लालसा  ,  बने     अनोखा     ऐसा    प्यार  । एक   की    इच्छा   दूजा   जाने  ,  उसकी    इच्छा    अपना   माने  ।  अनिच्छा      भी      पता   चले   ,  क्यों   अनिष्ट   की   जिद   ठाने  ।  साथ  जो   देता जीवन भर  का  ,  जैसे       दीया     और     बाती ।  प्राण   से   प्यारे  एक  दूजे  को  ,  होते      हैं      जीवन      साथी ।  रचनाकार- चंद्रकांत पाण्डेय महाराष्ट्र 

अपराध- बनौरा गाँव के बेलन नदी पुल के पास मिला लावारिस नवजात शिशु : रोमी पाठक

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बनौरा गाँव के बेलन नदी पुल के पास मिला लावारिस नवजात शिशु : रोमी पाठक  सोनभद्र : (जिला ब्यूरो चीफ पवन कुमार की रिपोर्ट) आज दिनांक 29 अगस्त 2023 को दोपहर मे  विश्वस्त सूत्रो से जानकारी प्राप्त हुआ की ग्राम बनौरा थाना पन्नूगंज स्थित बेलन नदी पुल के पास तत्काल जन्म लिया एक नवजात शिशु  (बालिका) अज्ञात  मिली है, जिसके सम्बन्ध में तत्काल संज्ञान लेते हुए  जिला प्रोबेशन अधिकारी सुधांशु शेखर शर्मा द्वारा जिला बाल संरक्षण इकाई से संरक्षण अधिकारी रोमी पाठक ओ. आर. डब्ल्यू शेषमणि दुबे व बाबु अहमद की संयुक्त टीम गठित कर  तत्काल नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करते हुए अवगत कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया जिसके उपरान्त टीम द्वारा थाना पन्नूगंज से समन्वय स्थापित करते हुए उप निरीक्षक रामज्ञान सिंह यादव व मुख्य आरक्षी अनिलेश सिंह, धनञ्जय राय एवं महिला आरक्षी साधना पाण्डेय, सुनैना गौड के साथ ग्राम बनौरा पहुंचे  जहाँ पर तत्काल टीम द्वारा नवजात शिशु (बालिका) अज्ञात को अपने संरक्षण में ले लिया गया उसके उपरान्त प्रथम उपचार हेतु अज्ञात  नवजात शिशु को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चतरा (तियरा)  हेतु ल

भद्रा रहित पूर्णिमा में रक्षा बन्धन कल्याणकारी होता है : डॉ देव नारायण पाठक

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भद्रा रहित पूर्णिमा में रक्षा बन्धन कल्याणकारी होता है : डॉ देव नारायण पाठक प्रयागराज : (जिला संवाददाता डॉ आलोक कुमार विश्वकर्मा की रिपोर्ट) नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय प्रयागराज के ज्योतिष कर्मकाण्ड वास्तुशास्त्र एवं संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ देव नारायण पाठक ने बताया कि भद्रा रहित पूर्णिमा तिथि में ही रक्षाबंधन का विधान है। भद्रा यदि रात्रि में हो तब भी यही विधान है। विश्व पंचांग की गणना के अनुसार 31 अगस्त 2023 तदनुसार वार गुरुवार को पूर्णिमा तिथि सूर्योदय से छः घटी नौ पल है। अतः दिनभर  रक्षाबंधन का मुहूर्त है। यजुर्वेदीय तैत्तिरीय शाखा एवं उदयकालीन पूर्णिमा तिथि में विहित सभी शाखावलम्बियों के लिए 31 अगस्त को श्रावणी उपाकर्म का शुभ मुहूर्त रहेगा। शुक्ल यजुर्वेद माध्यन्दिन वाजसनेयी शाखा वालों के लिए 30 अगस्त को श्रावणी उपाकर्म का मुहूर्त है। एक प्रश्न के उत्तर में डॉ देव नारायण पाठक ने बताया कि सर्वमान्य रक्षाबंधन का समय 30 अगस्त 2023 की रात्रि नौ बजे के बाद तथा 31 अगस्त 2023 को दिनभर मुहूर्त है।

रक्षा का निहितार्थ होता है, रक्षा बंधन का पर्व

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रक्षा का निहितार्थ होता है, रक्षा बंधन का पर्व  पर्व और उत्सव, राष्ट्र की जीवनी शक्ति के माप होते हैं। भारत देश में एक कहावत प्रचलित है कि, सात वार, नौ त्यौहार, मतलब यहां हफ्ते में सात दिन होते है, परंतु इन सात दिनों में हम नौ त्यौहार मनाते है। बड़ी समृद्धशाली, गौरवमयी परम्परा हमारी संस्कृति की रही है।  मित्रों!  रक्षा बंधन पर्व भी उनमें से एक है। यह पर्व पारिवारिक एक बद्धता व एक सूत्रतता का सांस्कृतिक उपाय रहा है।  किसी कवि ने लिखा है... राखी के पावन धागों में छिपा बहन का पावन प्यार। बहनों के रक्षा का बंधन, है   रक्षा  बंधन     त्योहार।। रक्षा बंधन का त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, इसीलिए इसे श्रावणी पर्व के नाम से भी पुकारते हैं। इसमें श्रवण नक्षत्र का संयोग भी होता है। इस पर्व को ऋषि तर्पण भी कहते हैं। ऋषि तर्पण का अर्थ होता है ऋषियों को संतुष्ट करना। ऋषियों के तपोबल से जो ज्ञान, वेद ज्ञान की निधि हमे प्राप्त है उसके प्रति कृतज्ञता का भाव प्रकट करना है। रक्षा सूत्र एक पवित्र धागा है, जिसमें शुभ भावनाओं एवं संकल्पों का समावेश होता है, जिसे बांधने पर इसका

कहानी -दुल्हन ही दहेज है

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कहानी -  दुल्हन ही दहेज है     फोटो साभार- सोशल मीडिया  एक बिन माँ-बाप की लड़की थी। अपने ननिहाल में पल पोश कर बड़ी हो रही थी। कुछ ही कक्षा तक पढ़ा लिखा कर घर में ननिहाल वाले सारा काम करवाते थे। कभी-कभी साग सब्जी लेने बाजार जाती रहती थी। एक दिन उस लड़की से कही रुपया गिर गया। बहुत खोज-बीन की पर नही मिला। वह लड़की घबरा कर, कई सब्जी वालों से कहने लगी कि आप सब्जी उधार दे दीजिये। मैं दो-चार दिन में आप को पैसे दे दूँगी। लेकिन कोई सब्जी वाला उधार देने को तैयार नही था। यह बात एक लड़का सुन कर बोला कि, मैडम! आप को कितने पैसों की जरूरत हैं। उसने ₹५०० की नोट निकाल कर देते हुए बोला कि, आप के पास जब हो जाएगा तो वापस कर देना। लड़की बोली कि सर! आप को कहाँ खोजूँगी। लड़का बोला कि, मैं बहुत बड़ा आदमी नही हूँ। प्रतिदिन हम इसी समय सब्जी या फल लेने बाजार आया करता हूँ। लड़की जब भी बाजार आती थी। लड़का भी संयोग से मिल जाता था। लड़की मिल कर बहुत शर्मिंदगी महसूस करती थी। लड़का भी कुछ नही कहता था। जब एक हप्ता हो गया। तो लड़की पूरी बात बताई कि सर! मैं अपने ननिहाल में रहती हूँ। सब्जी में से रोज कुछ पैसे बचाती हूँ। तो