कुछ बात कुछ जज़्बात कवि मंच द्वारा 'विधवा/परित्यक्त महिलाएं और समाज' विषय पर परिचर्चा हुई संपन्न
गोरखपुर : भारतीय गौरव साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थान "कुछ बात कुछ जज्बात कवि मंच" गोरखपुर उ.प्र.द्वारा दिनांक 04 सितंबर' 21 को "विधवा/परित्यक्त महिलाएं और समाज" विषयक परिचर्चा का आनलाइन आयोजन गँभीर और बुनियादी विचारों की अभिव्यक्तियों के बीच संपन्न हो गया। परिचर्चा का शुभारंभ डा.अर्चना प्रकाश जी द्वारा माँ सरस्वती की वंदना/प्रार्थना के साथ हुआ। आमंत्रित वक्ता के रुप में लखनऊ उ.प्र. की नीलम राकेश जी ने कुछ बुनियादी बातों को उठाया और कहा कि स्त्री सिर्फ स्त्री होती है। वह कुवांरी हो, विवाहिता हो, विधवा हो या परित्यक्ता, वह सिर्फ स्त्री है। अपने सम्मान के लिए, अपने अधिकार के लिए उसे खुद आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता के साथ खड़े होना ही होगा। मुख्य वक्ता आ.सुमन बाजपेयी जी (लखनऊ) ने विस्तार से अपने विचार रखते हुए कहा कि भारतीय समाज में स्त्रियों की स्थिति अंतर्विरोधों से भरी हुई है। एक तरफ उसे शक्ति का स्वरूप कहा जाता है तो दूसरी ओर उसकी स्थिति को इतना दयनीय बना दिया जाता है कि वह जीवन भर संघर्ष और स्वयं को सही साबित करने में ही लग