संदेश

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सोनभद्र ने मनाया अमृता देवी स्मृति प्रकृति पूजन कार्यक्रम

चित्र
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सोनभद्र ने मनाया अमृता देवी स्मृति प्रकृति पूजन कार्यक्रम -अमृता देवी जी का स्मरण और अनुसरण ही पर्यावरण प्रदूषण रूपी विश्वव्यापी संकट से मुक्ति मिलेगी। सोनभद्र : आज दिनांक 10 अक्टूबर 2021 को "अमृता देवी स्मृति प्रकृति पूजन कार्यक्रम (संगोष्ठी)" श्री रामलीला मैदान सोनभद्र  नगर में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में अमृता देवी पर विषय रखते हुए *काशी प्रांत पर्यावरण संयोजक कृष्णमोहन* ने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण जिसके अंतर्गत मिट्टी, पानी, हवा, ध्वनि प्रदूषण आता है आज चारों अत्यधिक प्रदूषित हो चुके हैं कहीं की मिट्टी को खोदिए शुद्ध मिट्टी नहीं मिलेगी कहीं का जल लीजिए शुद्ध नहीं मिलेगा, हवा कहीं शुद्ध नहीं मिलेगा और कहीं शांति नहीं मिलेगी अर्थात शोर-शराबा का माहौल है ।। ग्लोबल वार्मिंग के कारण पृथ्वी आग का गोला बनता जा रहा है, पानी जहरीला होता जा रहा है। हवा में ग्रीन हाउस गैसों की मात्रा अत्यधिक है ऐसी स्थिति में संपूर्ण मानव जाति को ग्लोबल वार्मिंग की मार झेलनी पड़ रही है दूषित जल प्रयोग सब की मजबूरी है मिट्टी जहरीली होने के कारण कोई भी खाद्य पदार्थ शुद

पशु क्रूरता अधिनियम के तहत अभियुक्त के घर पर चस्पा की गई नोटिस।

चित्र
पशु क्रूरता अधिनियम के तहत अभियुक्त के घर पर चस्पा की गई नोटिस। नौगढ़- चंदौली : (जिला ब्यूरो चीफ मदन मोहन की रिपोर्ट) आज दिनांक 10 अक्टूबर 2021 को उप निरीक्षक अलख नारायण मय फोर्स थाना नौगढ़ के द्वारा मुकदमा अपराध संख्या 47/ 2021 की धारा 3/5a5b/8  गोवध निवारण  अधिनियम व 11 पशु क्रूरता निवारण अधिनियमन से संबंधित अभियुक्त कमलेश कुमार यादव पुत्र हरीनाथ यादव निवासी रामगढ़, थाना भगवानपुर, जनपद भभुआ, कैमूर बिहार के घर पर सीआरपीसी की धारा 82 के तहत  नोटिस चस्पा किया गया तथा मौके पर गांव में डुगडुगी बजवाई गई व थाना भगवानपुर जनपद कैमूर भभुआ बिहार की फोर्स भी मौके पर मौजूद थी।  यदि अभियुक्त एक सप्ताह के अंदर कोर्ट को समर्पण नहीं करता है तो घर की कुड़की की जायेगी।

बाल विवाह : बचपन मिटाने की क्या जल्दी है - सरिता सिंह

चित्र
बाल विवाह : बचपन मिटाने की क्या जल्दी है - सरिता सिंह  बाल विवाह बचपन की मुस्कान छीन लेता है। कच्चे शरीरों का वह  जीवन  छीन लेता है। मासूम बचपन मिटाने की बोलो क्या जल्दी है। कोमल हाथों में हल्दी लगाने की क्या जल्दी है।  बढ़ भी नहीं पाई जो बेल उसे मिटाने की क्या जल्दी है। बाल विवाह बचपन की मुस्कान छीन लेता है। कच्चे शरीरों का वह  जीवन  छीन लेता है। मुस्कुराते फूलों को मुरझाने की क्या जल्दी है। कच्चे फलों को असमय पकाने की क्या जल्दी है।   मजबूत बनने से पहले उन्हें मिटाने की क्या जल्दी है बाल विवाह बचपन की मुस्कान छीन लेता है। कच्चे शरीरों का वह  जीवन  छीन लेता है। लड़का हो या लड़की दोनों को पढ़ने का अधिकार है। बाल विवाह अपराध है यह कानून को नहीं स्वीकार है। हाथ से पेंसिल और खिलौने छीनने की क्या जल्दी है। बाल विवाह कर  बच्चों का जीवन बिगड़ने की क्या जल्दी है। जो देख भी नहीं पाए थे आंखों में सुंदर सपनों को। छोटे-छोटे बच्चों को रिश्ते में बांधने की क्या जल्दी है ।। -सरिता सिंह  गोरखपुर

माँ तेरी कृपा हो हम सब पर : उमा शर्मा उमंग

चित्र
माँ तेरी कृपा हो हम सब पर : उमा शर्मा उमंग   (माँ) सारे जहाँ की दौलत, बेकार इसके आगे। झोली में मुझको माँ का दीदार मिल जाये।। माँ भक्ति भाव सब कुछ, तेरे ही लिए हैं। बस नजरों से ही माँ की, इनायत जो मिल जाये।। दुःख दर्द सारे अपने, मैं तुझसे ही तो कह पाऊँ। कर दूर तू दुखों को, जीवन मेरा खिल जाये ।। बरसे जो तेरी रहमत, जीवन के दर पर मेरे। इक आस है खुशी का, संसार मिल जाये।। ना माँगती मैं दौलत, ना हीरे मोती चाहूँ। ममता का तेरी मुझको, भी प्यार मिल जाये।। सुख दुःख के हैं थपेड़े, झेले  बहुत डगर में। करुणा की शीतल छाया, वो बयार मिल जाये।। दिव्य प्रेम से भिगो दे, मेरा अमिट  आँचल।। सुरसरि वो बहा दे, बौछार ही मिल जाये। झोली में मुझको माँ का, दीदार ही मिल  जाये।।                             -उमा शर्मा 'उमंग '  झाँसी उo प्रo अनुज्ञा सदस्य, डॉ सत्या होप टाक

ग्राम सभा सुकृत में दौड़ प्रतियोगिता हुई संपंन्न

चित्र
ग्राम सभा सुकृत में दौड़ प्रतियोगिता हुई संपंन्न  सुकृत-सोनभद्र : ( संंवाददाता अनिल विश्वकर्मा की रिपोर्ट)  दिनांक 3 अक्टूबर 2021,  दिन रविवार को करमा ब्लॉक के ग्राम पंचायत सुकृत (खानेआजमपुर) में दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन सुबह  8 बजे किया गया।  इस प्रतियोगिता में ग्रामीण बच्चों ने 100 मी०, 200 मी०, 400 मी० की दौड़ में प्रतिभाग किया। प्रतियोगिता का संचालन श्री संजय सिंह (खेल अध्यापक) की देख-रेख में हुआ, जो कि लगभग 11 बजे संपन्न हुई। अन्त में इस दौड़ प्रतियोगिता में विजयी हुए बच्चों को गणमान्य लोगों की तरफ से प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान कर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गई। इस मौके पर ग्राम प्रधान सुकृत  प्रतिनिधि रमाशंकर पटेल (रिटायर्ड फौजी), डा०सुनील तिवारी (रिंकू तिवारी) ग्राम पंचायत सदस्य ब्रिजेश कुमार, प्रदीप कुमार, अरूण कुमार गुप्ता (राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष, सोनभद्र मानव सेवा आश्रम ट्रस्ट),अमित कुमार, मनीष यादव व ग्रामीण लोग  उपस्थित रहे। खबरों व विज्ञापन के लिए संपर्क करें, अनिल विश्वकर्मा, मोबाइल- 6394129840

देश व समाज की प्रगति में नारी की भूमिका, नारी गाथा काव्य संग्रह का हुआ विमोचन

चित्र
देश व समाज की प्रगति में नारी की भूमिका, नारी गाथा काव्य संग्रह का हुआ विमोचन "साहित्य एक नज़र" कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका की प्रस्तुति - "देश व समाज की प्रगति में नारी की भूमिका : नारी गाथा साझा काव्य संग्रह " आदरणीया उषा कंसल जी के संपादन में  सह संपादिका आ. ज्योति सिन्हा जी, आ. दीप्ति प्रिया जी, आ. सृष्टि मुखर्जी, संरक्षक आ. सुधीर श्रीवास्तव जी, संकलनकर्ता आ. राजीव भारती जी, साहित्य एक नज़र संपादक व तकनीक निदेशक रोशन कुमार झा जी एवं सम्मानित साहित्यकारों के सहयोग से राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लालबहादुर शास्त्री जी की जयंती (02 अक्टूबर) के अवसर पर सुप्रसिद्ध लेखिका/कवयित्री आ. संगीता सागर जी के कर कमलों से शाम 7 बजे साहित्य एक नज़र फेसबुक मंच पर ऑनलाइन विमोचन किया गया।     विमोचन करते हुए आ. सागर ने नारी के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला और संग्रह के साथ संपादक मंडल को बधाइयाँ व शुभकामनाएं दी।     प्रस्तुत साझा काव्य संकलन में 20 रचनाकारों की रचनाएं को सम्मिलित किया गया है। सम्मिलित रचनाकारों में  आ. र

आज़ादी के नायक बापू और शास्त्री : कवि विवेक अज्ञानी

चित्र
आज़ादी के नायक बापू और शास्त्री : कवि विवेक अज्ञानी  माँ भारती के लाल थे लाल बहादुर  अपने नाम के तरह थे लाल बहादुर  माँ भारती को कैसे स्वतंत्र किये वो  जीवन भर लड़ते रहें थे लाल बहादुर  उनके अगुआकार थे बापू गाँधी  संग्राम के सूत्रधार थे बापू गाँधी  बढ़ाये कदम तो कभी पीछे नहीं हटे  लाखों के नायक विचार थे बापू गाँधी  जय हिंद जय भारत भारत माता की जय  -कवि विवेक अज्ञानी  गोंडा, उत्तर प्रदेश

सपना जिनका आजादी था : सरिता सिंह

चित्र
सरिता सिंह द्वारा लिखी रचना-  सपना जिनका आजादी था (सपना जिनका आजादी था) सपना जिनका आजादी था  वह परिवर्तन की आंधी था।  हम प्यार से कहते थे बापू । नाम करमचंद गांधी था।   सपना उनका आजादी था।  बिन हथियारों के लड़ते थे।  कांधे पर खादी डरते थे।  दुनिया में बदलाव को वो।  सत्याग्रह भी करते थे। जो अहिंसा के दीवाने थे। देशभक्त की  परवाने थे  धन्य हो गई भारत माता। इसके वह रखवाले थे। गुलामी की जंजीरों से।  हम को मुक्त कराया था।  सत्य अहिंसा का जिसने । सबको पाठ पढ़ाया था जो अहिंसा के दीवाने थे। देशभक्त की  परवाने थे  स्वतंत्रता की बलिवेदी पर। बापू वीर शहीद हुए। भारत का मान बचाने को। बुरा सुनो मत, बोलो देखो। सत्य का पाठ पढ़ाने को। गांधी जी ने सत्य अहिंसा। का नारा लगाया था। एकता का पाठ पढ़ाया था। जो अहिंसा के दीवाने थे। आजादी के परवाने थे ।  हर गली मोहल्ले में उनके।  नारे गूंजा करते थे। डर से उनके अंग्रेजों की।  बंदूके कांपा करती थी। संकल्प लिए आजादी का।   ऐसा फूंका लोगों में प्राण। संग चल दी पूरी आबादी थी। सत्य अहिसा ले के अस्त्र । लाए आजादी की आंधी । शत नमन उन्हें करते हैं ह

सुधीर श्रीवास्तव द्वारा लिखी लघुकथा- दोष किसका?

चित्र
सुधीर श्रीवास्तव द्वारा लिखी लघुकथा- दोष किसका? (सत्य घटना पर आधारित)       आज रमा को अपनी भूल का बहुत पछतावा हो रहा था।आज रह रह कर कर उसे वह दिन याद आ रहा था ,जब उसने मां-बाप की चिंता में और पति के आर्थिक हालत के विपरीत परिस्थितियों के बीच मां बाप के हितों को महत्व देते हुए ससुराल से मायके आने का फैसला किया था।उसे खुद के पति के परिवार से अधिक अपने मायके और माँ बाप भाइयों की चिंता और उन पर विश्वास बहुत था।उस समय उसके मन में बस एक सवाल था कि बुजुर्ग मां कैसे खाना बनाकर बाप भाई को खिला पाएगी को खिला पाएगी। कैसे घर के काम निपटा पायेगी।     उस समय स्वार्थ बस मां-बाप भाइयों ने भी उसके इस निर्णय को सही ठहराया था। तब किसी ने भी उसके निर्णय का विरोध नहीं किया था,क्योंकि उन्हें अपनी सुख सुविधा बेटी बहन के भविष्य के आगे अधिक महत्वपूर्ण लग रही थी।      लेकिन समय के साथ जैसे-जैसे भाइयों की शादियां होती गई,रमा की बुराइयों का दौर शुरू हो गया ।अब वही मां बाप ,जो कल तक तारीफों के पुल बांधा करते थे ,उसे उपेक्षित करने,ताना मारने और ससुराल से मायके आकर रहने का भी अहसास कराने लगे।      संयोग भ

मुझे गांधी नही बनना : ममता श्रवण अग्रवाल

चित्र
मुझे गांधी नही बनना  : ममता श्रवण अग्रवाल (आज हमारे बापू राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी की पावन जयन्ती पर मेरा उन्हें शत शत नमन है।   (मेरा यह आलेख समाज में ऐसी महानतम हस्तियों के प्रति हो रही उपेक्षा के प्रति एक वेदना है, जो शब्दों से उमड़ पड़ी है)    बचपन से ही हम सभी परिवारों में बच्चों को महापुरुषों की जीवनी   सुनाई जाती थी और हमें प्रेरणा दी जाती थी कि हमें उनके आदर्शों को अपनाना चाहिये पर आज के वातावरण ने कुछ ऐसा चित्र दिखलाया है कि मन मे ऐसे भाव बनने लगे कि हम साधारण ही ठीक हैं। अगर महान व्यक्तियों की प्रतिष्ठा के साथ ऐसा खिलवाड़ हो रहा है तब तो हम साधारण ही ठीक हैं।   आप स्वयं देखिये कि हम अपने शहर के  चौक चौराहों पर बड़े बड़े पूज्य और देश दुनिया के लिये मर मिटने वाले दिव्य आत्माओं, महापुरूषों, शहीदों, सैनिकों आदि के स्टेच्यू बनवा कर लगवा देते हैं । कुछ दिनों तक लोंगों का रुझान उनके प्रति रहता है, फिर ये स्टेच्यू घोर उपेक्षा के शिकार होने लगते हैं।  *क्यों* ? क्योंकि  लोग इनके  प्रति कोई आत्मीय भाव के चलते इनकी प्रतिमायें नही लगाते बल्कि अपनी अथवा अपनी संस्था के प्रचार प्र

धूमधाम से मनाया गया विश्व अहिंसा दिवस

चित्र
धूमधाम से मनाया गया विश्व अहिंसा दिवस सोनभद्र : (अरुण कुमार गुप्ता की रिपोर्ट) कंपोजिट विद्यालय पल्हारी नगवा सोनभद्र पर 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री की जयंती अहिंसा दिवस के रूप में मनाई गई. सर्वप्रथम बच्चों ने प्रभात फेरी निकाली और आवाहन के साथ स्वच्छता से संबंधित नारे लगा कर गांधी शास्त्री को याद किया गया.  मार्च पास्ट के बाद डॉक्टर बृजेश कुमार सिंह ब्लाक स्काउट शिक्षक नगवा सोनभद्र द्वारा ध्वजारोहण किया गया. इसके बाद बच्चों को सेनीटाइज करते हुए एक हाल में बिठाकर समारोह पूर्वक सांस्कृतिक कार्यक्रम कराया गया. बतौर मुख्य अतिथि श्री सुदामा प्रसाद ग्राम प्रधान पल्हारी एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री राम बहाल समाजसेवी सदस्य पल्हारी उपस्थित रहे. सभी ने स्वच्छता से संबंधित कार्य  करके स्वच्छता ही सेवा है का संदेश दिया. इस अवसर पर बच्चों द्वारा विविध कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया और उन्हें प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया गया. साथ ही विद्यालय में स्काउट और गाइड के कब विंग मैं रवि किशन श्रवण कुबेर महेश दीपक राकेश और मनोज को बुलबु

चौकी प्रभारी द्वारा वृद्धाश्रम में फलों का हुआ वितरण

चित्र
चौकी प्रभारी द्वारा वृद्धाश्रम में फलों का हुआ वितरण  सलखन - सोनभद्र : (अरुण कुमार गुप्ता की रिपोर्ट) राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के शुभ अवसर पर चौकी प्रभारी गुरमा उ0नि0 राजेश कुमार सिंह द्वारा चोपन थाना क्षेत्रान्तर्गत सलखन स्थित वृद्ध आश्रम में वृद्धजनों में फलों का वितरण किया गया।  फल के वितरण से आश्रम के लोग बहुत प्रसन्न हुए। पुलिस द्वारा इस सराहनीय कार्य की प्रशंसा की जा रही है।

निर्मला सिन्हा जी द्वारा लिखा भजन- जय माँ अन्नपूर्णा

चित्र
निर्मला सिन्हा जी द्वारा लिखा भजन-  जय माँ अन्नपूर्णा  ( जय माँ अन्नपूर्णा )   करें कल्याण सबका माता अन्नपूर्णा  खुशियों से भरे भंडार माँ अन्नपूर्णा  हे माँ ना सोए कोई भूखे पेट ना रहे  कोई गरीब सब पर अपनी दया दृष्टि रखना समान । हें माँ  है काशी में  आपका दिव्य मंदिर करतीं सबका उध्दार हो । आपके आशीर्वाद की पूर्ति प्रसाद  से भरा रहता  है भंडार मैय्या । ना करों माँ अन्नपूर्णा का अपमान  जिससे भरता है सबका पेट। मेहनत और सच्चाई से अपना धर्म कर्म करों । ख़ुशी और उत्साह से जीवन बदलेगा  जब पूरी निष्ठा से माँ अन्नपूर्णा का  सम्मान करोगे । घरों में धान्य स्थिरता बनेंगी  जब आप साफ स्वच्छ,शांतचित् होकर अपना कार्य करेंगे, और घर  में, रह रही माँ  बेटी का मान सम्मान  करेंगे । बनेंगी कृपा दृष्टि मैय्या की तुम पर। जय माँ अन्नपूर्णा ! खुशियों से भरे सबका भंडार  सब पर अपनी कृपा बरसाओ  ऐसा आशीष हम पर बरसाओ।। रचनाकार- लेखिका निर्मला सिन्हा ग्राम जामरी, डोंगरगढ़, छत्तीसगढ़ 

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी -अर्चना कोहली

चित्र
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी -अर्चना कोहली  (कविता) कृशकाय तनु लेकिन इरादा अटल था साधन अल्प पर देश-प्रेम प्रबल था। सत्य-अहिंसा-शांति को ढाल बनाया देश पर गांधी जी ने सब अर्पण किया।। बम-तोप भी लाठी के आगे हार गए अहिंसा-समिधा से आजाद करवा गए। चरखे खादी से आत्मनिर्भर बना दिया स्वाभिमान से रहना हमें सिखा दिया।। भेद-भाव-भित्ति से देश संकुचित था अस्पृश्यता के भंवर में देश व्यथित था। आत्मबल से  मिटाने का संकल्प लिया एकता की राह पर देश को चला दिया।। डांडी मार्च से फिरंगियों को हिला दिया पैदल ही समर्थकों संग सफर तय किया। रवींद्रनाथ ठाकुर से महात्मा नाम दिया तो सुभाष चंद्र ने राष्ट्रपिता कह बुलाया।। सत्कर्मों से गांधी जी अति महान बने थे अनेक मुख्य आंदोलनों के प्रणेता बने थे। स्वच्छ भारत का सपना इन्होंने देखा था उसी की डगर पर आज समस्त  देश है।। "अंग्रेजो भारत छोड़ो" का नारा दिया था देश से उन्हें भगाकर ही दम लिया था। सदा चले सादा जीवन उच्च विचार पर बल दिया इन्होंने सात्विक भोजन पर।। महानता की पराकाष्ठा हैं राष्ट्रपिता गांधी मातृ-पितृ भक्ति की एक मिसाल गांधी। आज भी भारत की आत्मा म

महात्मा गांधी जयंती पर कुछ पंक्तियां मेरी -कवि प्रदीप कुमार

चित्र
महात्मा गांधी जयंती पर कुछ पंक्तियां मेरी -कवि प्रदीप कुमार  क्या लिखूं बापू तुम्हारे लिए शब्दकोश भी अब पास नहीं मेरे जो आपने देश के लिए किया उस बलिदान को सब ने स्वीकार किया सत्य अहिंसा का पाठ तुमने सिखाया जीना क्या होता है मौन रहकर बताया -कवि प्रदीप कुमार  सहारनपुर उत्तर प्रदेश